तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस रविवार की शाम एक बयान जारी करके समाप्त हो गई।
बयान में बल देकर कहा गया है कि इस्लामी समुदाय में पाए जाने वाले राजनैतिक मतभेदों को धार्मिक, ऐतिहासिक और वैचारिक मतभेदों में परिवर्तित किए जाने के प्रयासों का मुक़ाबला किया जाना चाहिए। बयान में कहा गया है कि इस्लामी समुदाय के बीच इस प्रकार के कुप्रयासों का लाभ शत्रुओं को हो रहा है। बयान में इसी प्रकार ज़ायोनी शासन की अत्याचारपूर्ण कार्यवाहियों की निंदा करते हुए एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी देश के गठन की भी मांग की है। अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस के समापन समारोह में भाषण करते हुए ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने कहा कि मुसलमान, इमाम ख़ुमैनी के एकता के आह्वान का सकारात्मक उत्तर देकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को क़ुरआने मजीद, बुद्धि, तर्क, युक्ति, संतुलन, आशा और निरंतर प्रयासों के माध्यम से इस्लामी सभ्यता का पुनर्जागरण करना चाहिए।