इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने मुसलमानों के बीच एकता को इस्लामी जगत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बताया है। आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार को पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्ललाहो अलैहे वआलेही वसल्लम और उनके पौत्र इमाम जाफ़र सादिक अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर देश के वरिष्ठ अधिकारियों और इस्लामी एकता सम्मेलन में भाग लेने वाले अतिथियों से तेहरान में भेंट की। वरिष्ठ नेता ने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम की अपेक्षा को पूरा करने के लिए मुसलमानों के बीच एकता आवश्यक है। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि वर्तमान समय में इस्लामी जगत की सबसे बड़ी आवश्यकता मुसलमानों के बीच एकता और एकजुटता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के विरूद्ध समस्त षडयंत्रों के बावजूद एकता और जागरूकता की छाया में इस्लामी जगत का भविष्य प्रकाशमई है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुसलमानों के बीच मतभेद उत्पन्न करना साम्राज्यवाद का सबसे बड़ा हथकण्डा है। उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादी शक्तियों का सबसे बड़ा उद्देश्य, इस्लामी जगत के ध्यान को फ़िलिस्तीन समस्या से दूर रखना है। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि कुछ मुट्ठी भर वहाबी और तकफ़ीरी तत्व, मुसलमानों को अनेकेश्वरवादी बताते हैं और यह लोग मुसलमानों के बीच युद्ध और मतभेद का कारण बने हुए हैं। यही कारण है कि इस्लाम के शत्रुओं के लिए यह वहाबी एक बहुत अच्छा हथकण्डा हैं। वरिष्ठ नेता ने इस्लामी देशों को पूर्ण रूप से सचेत रहने की सिफ़ारिश करते हुए कहा कि बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ मुसलमान देश, वहाबी आतंकवादी गुटों का समर्थन कर रहे हैं जबकि उनको समझना चाहिए कि यह आग इनको भी अपनी लपेट में ले सकती है। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि हर उस तत्व का मुक़ाबला करना समस्त मुसलमानों का दायित्व है जो मुसलमानों की एकता को क्षति पहुंचाता हो।