इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाह हिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधि पालिका के प्रमुखों के साथ एक बैठक में प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की नीति का विवरण दिया और इसके क्रियान्वयन के मार्गों की समीक्षा की। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने सोमवार को तेहरान में राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी, संसद सभापति डाक्टर अली लारीजानी और न्यायपालिका प्रमुख आयतुल्लाह सादिक़ आमुली लारी जानी के साथ बैठक में प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की नीति को विस्तारपूर्वक बयान किया। उन्होंने इसी के साथ इस नीति के क्रियान्वयन के मार्गों को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की नीति, एक व्यापक और विस्तृत नीति है और इसका क्रियान्वयन भी इसी व्यापकता के साथ होना चाहिए। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने आर्थिक मामलों और उससे पैदा होने वाली समस्याओं को देश की महत्त्वपूर्ण समस्या बताया और कहा कि प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की नीति के संबंध में आवश्यक है कि तीनों पालिकाएं पूरी गंभीरता के साथ इसके क्रियान्वयन का प्रबंध करें और इस संबंध में अपने दायित्वों पर पूरी तरह अमल करें। वरिष्ठ नेता ने इस नीति के क्रियान्वयन में देश की तीनों पालिकाओं के मध्य समन्वय को आवश्यक बताया और कहा कि नयी संस्थाओं की स्थापना और समानांतर काम करने से बचा जाए। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आर्थिक गतिविधियों में जनता की भागीदारी को प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की नीति के आधार भूत बिन्दुओं में बताया और कहा कि देश में पिछले पैंतीस वर्षों में विशेषकर इस्लामी क्रांति की सफलता और आठ वर्षीय थोपे गये युद्ध में जनता की भागीदार से बहुत ही अच्छे और काफ़ी लाभदायक परिणाम प्राप्त किए गये इसीलिए आर्थिक क्षेत्रों में भी जनता के छोटे पूंजीनिवेश को सार्वजनिक आर्थिक नीतियों की ओर मोड़ना भी निश्चित रूप से प्रभावी और लाभदायक होगा।