शिया वक़्फ़ बोर्ड को सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड में मिलाये जाने की साज़िश के ख़िलाफ़ जलसा

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शिया वक़्फ़ बोर्ड को सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड में मिलाये जाने की साज़िश के ख़िलाफ़ जलसा

शिया वक़्फ़ बोर्ड आफ़ उत्तर प्रदेश को सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड में मिलाए जाने की साज़िशों के ख़िलाफ़ दरगाह हज़रत अब्बास अ. रुस्तम नगर लखनऊ में एक एहतिजाजी जलसे का आयोजन किया गया। जलसे को सम्बोधित करते हुए मजलिसे ओलमाए हिन्द के जनरल सिक्रेट्री मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नक़वी नें कहा कि अल्लाह कभी उस क़ौम की हालत नहीं बदलता है जो क़ौम ख़ुद अपनी हालत बदलने की तरफ़ ध्यान न देती हो। कुछ लोगों की तक़दीर चमत्कार से बदल सकती है लेकिन पूरी क़ौम बिना किसी कोशिश के नहीं बदल सकती है। मौलाना नें क़ौम के नौजवानों के जोश को देखते हुए कहा कि हमारी क़ौम में है कि वह अपने अवक़ाफ़ की सुरक्षा ख़ुद कर सकती है। अगर हमारी क़ौम के पास अवक़ाफ़ सुरक्षित रहेंगे तो उसका क़ौम को दीनी फ़ायदा भी मिलेगा। मौलाना नें क़ौम की बदहाली की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि अगर हम अपने अवक़ाफ़ की सुरक्षा कर लें तो हमें पैसा कमाने के लिये बाहर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी और हमारी क़ौम की हालत ख़ुद ही ठीक हो जाएगी।

इस जलसे में यह तय पाया कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार नें शिया मुसलमनों की मांगों पर ध्यान न दिया तो 26 फ़रवरी से हज़रत गंज स्थित शाही मस्जिद के बाहर लगातार 10 दिनों तक ओलमा के साया तले धरना दिया जाएगा और दस दिन के बाद विशाल स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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