सुरक्षा परिषद ने दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय पर हुए आक्रमण को जिसमें 58 लोग हताहत और 100 अन्य घायल हुए थे, युद्ध अपराध की संज्ञा देने की चेतावनी दी है।
संयुक्त राष्ट्र को एक ज्ञापन देने के बहाने प्रदर्शनकारियों की आड़ में कुछ सशस्त्र लोग संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में प्रविष्ट हो गये और उन्होंने मुख्यालय में शरण लिए हुए लगभग पांच हज़ार लोगों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग आरंभ कर दी। शुक्रवार को हुए इस आक्रमण पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने दक्षिणी सूडान सरकार से नागरिकों के विरुद्ध भविष्य में इस प्रकार के आक्रमणों की रोकथाम करने के अधिक उपाय करने की मांग की है। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने कड़े शब्दों में इस कृत्य की निंदा की और सर्वसम्मति से एक बयान जारी किया जिसमें नागरिकों व संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर हमले को युद्ध अपराध की संज्ञा देने की चेतावनी दी।
दक्षिण सूडान में संयुक्तन राष्ट्री के शीर्ष अधिकारी टोबी लैंजर ने भारत, नेपाल और दक्षिण कोरिया की शांति सेना की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इस घटना को 5,000 लोगों की नृशंस हत्या की घटना बनने से रोक लिया।
टोबी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्रस आम लोगों को बचाने के लिए आवश्यकता पड़ी तो फिर से बल प्रयोग करेगा। उन्होंने कहा कि हम अपनी सुरक्षा में मौजूद लोगों की रक्षा के लिए हम हर संभव काम करेंगे। उन्होंने बताया कि शिविर के भीतर से महिलाओं और बच्चों सहित 48 शव मिले हैं, जबकि शिविर के बाहर से 10 हमलावरों के शव मिले हैं।