शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा, ईरानी राष्ट्र का क़ानूनी अधिकार

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शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा, ईरानी राष्ट्र का क़ानूनी अधिकार

तेहरान के अस्थाई इमामे जुमा ने शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा को ईरानी राष्ट्र का क़ानूनी अधिकार बताया है।

हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने नमाज़े जुमा के ख़ुत्बों में ईरान व गुट पांच धन एक के बीच परमाणु वार्ता के नए चरण की ओर संकेत करते हुए, शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा को एक राष्ट्रीय मामला तथा बड़ी शक्तियों के मुक़ाबले में प्रतिरोधक विषय के रूप में ईरानी राष्ट्र की एक बड़ी पूंजी बताया और कहा कि ईरानी राष्ट्र, शत्रुओं के विस्तारवाद के मुक़ाबले में अपने क़ानूनी व धार्मिक अधिकारों से तनिक भी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने परमाणु वार्ता के इस चरण की संवेदनशीलता की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान व गुट पांच धन एक के बीच समग्र परमाणु समझौता, संतुलित, परस्पर और ईरान के विरुद्ध पश्चिम के सभी एकपक्षीय प्रतिबंधों की समाप्ति के साथ होना चाहिए।

तेहरान के अस्थाई इमाम जुमा ने कहा कि ईरान की परमाणु उपलब्धियों की अनदेखी संभव नहीं है क्योंकि ईरानी राष्ट्र ने परमाणु प्रगति के मार्ग में बड़े बलिदान दिए हैं अतः परमाणु शोध के संबंध में ईरान के वैज्ञानिक निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहेंगे। काज़िम सिद्दीक़ी ने इस बात पर बल देते हुए कि किसी को भी ईरान के परमाणु मामले में पश्चिम के साथ सौदा करने का अधिकार नहीं है, कहा कि परमाणु अप्रसार संधि एनपीटी के अनुसार शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा सभी देशों का अधिकार है और किसी भी देश को परमाणु शस्त्र रखने का अधिका नहीं है।

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