ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने मंथन, ज्ञान प्राप्ति, धर्मावलंबन तथा पवित्रता को, युवाओं की भूमिका को सुनिश्चित बनाने वाले सबसे मुख्य तत्व बताया है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने भारत की राजधानी नई दिल्ली में ईरान के कल्चरल हाउस में आयोजित होने वाली भारतीय उपमहाद्वीप में छात्र संघों की 30वीं बैठक में अपने संदेश में, जिसे भारत में वरिष्ठ नेता के प्रतिनिधि महदवीपुर ने पढ़ कर सुनाया, कहा है कि देश के भविष्य के संबंध में आशा के क्षितिज सदैव ही छात्रों को दृष्टि में रख कर रेखांकित होते हैं और इन दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
उन्होंने अपने इस संदेश में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा है कि आप ईरानी राष्ट्र के फल हैं, अपने तथा अपने स्थान को सही ढंग से पहचानिए और भविष्य में अपनी भूमिका को गंभीरता के साथ सुनिश्चित कीजिए। मंथन, ज्ञान प्राप्ति, धर्मावलंबन तथा पवित्रता इस लक्ष्य को सुनिश्चित बनाने वाले मुख्य तत्व हैं। (HN)