तेहरान की नमाज़े जुमा के इमाम ने ग्रुप 5+1 साथ बातचीत में ईरानी राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
आज तेहरान की सेंट्रल नमाज़े जुमा आयतुल्लाह मुहम्मद इमामी काशानी की इमामत में अदा की गयी। उन्होंने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में यह बयान करते हुए कि ग्रुप 5+1 के साथ एटमी बातचीत में ईरानी राष्ट्र के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए, कहा कि ईरानी जनता और वरिष्ठ नेता भी इस बात पर बल देते हैं और विदेशमंत्रालय को भी इसे व्यवहारिक बनाने के लिए क़दम उठाना चाहिए।
आयतुल्लाह काशानी ने ज़ोर दिया कि यूरेनियम संवर्धन और समस्त एटमी गतिविधियों को जो शांतिपूर्ण एटमी एनेर्जी के माध्यम से ईरान की चिकित्सकीय व ग़ैर चिकित्सकीय आवश्यकताओं को पूरी करती हैं, जारी रहना चाहिए और इसके बारे में तनिक भी लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने इसी तरह दुनिया के समस्त राष्ट्रों पर वर्चस्व जमाने के लिए ज़ायोनी षड्यंत्रों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमरीका को जो इस शासन को अपना दोस्त कहता है, यह जान लेना चाहिए कि ज़ायोनी न केवल दोस्त नहीं हैं वह अमरीका सहित पूरी दुनिया पर वर्चस्व जमाने की कोशिश में हैं।
तेहरान के इमामे जुमा ने इलाक़े में ज़ायोनियों के अपराधों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पश्चिम को ज़ायोनी शासन से दूरी कर लेना चाहिए क्योंकि इस शासन से दोस्ती, नुक़सान के अतिरिक्त कुछ और नहीं है।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने इस बात पर बल देते हुए कि ज़ायोनी शासन दुनिया पर वर्चस्व जमाने की अपने षड्यंत्र में सफल नहीं हुआ और इसमें कभी वह सफल भी नहीं हो पाएगा, कहा कि इस्राईल को अलग थलग करना और उससे दूर रहना दुनिया की समस्त सरकारों और राष्ट्रों के हित में है।
उन्होंने 24 मई को ख़ुर्रम शहर की आज़ादी पर बधाई देते कहा कि ईरानी जियालों पवित्र डिफ़ेंस काल के दौरान अद्वितीय कारनामे अंजाम दिए हैं।