ग़ज़्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी सेना के युद्धक विमानों के हमले में शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 28 हो गयी है।
अल आलम टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार दोपहर के बाद ज़ायोनी युद्धक विमानों ने ख़ान यूनुस क्षेत्र के एक घर पर बमबारी की जिसमें एक ही परिवार के सात लोग शहीद हो गये। रिपोर्ट में बताया गया कि शहीद होने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इससे पूर्व इस्राईल के युद्धक विमानों के हवाई हमले में शहीद होने वालों की संख्या सात और कुछ देर के बाद बारह बताई गयी थी। इस हमले में इसी प्रकार तीस से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल भी हुए हैं।
ग़ज़्ज़ा पट्टी के विभिन्न क्षेत्रों पर इस्राईल के पाश्विक आक्रमण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हमास के प्रवक्ता सामी अबू ज़ोहरी ने कहा कि ख़ान यूनुस क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों का जनसंहार, घिनौना युद्ध अपराध है और इस अपराध के बाद सारे इस्राईली प्रतिरोध के निशाने पर हैं। उनका कहना था कि इस हमले ने सिद्ध कर दिया कि सारे इस्राईलियों को निशाना बनाना, प्रतिरोध का क़ानूनी अधिकार है।
उधर इस्राईली सैनिक ग़ज़्ज़ा पर ज़मीनी हमले की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस्राईल ने बड़ी संख्या में बक्तरबंद गाड़ियां और सैनिक ग़ज़्ज़ा की सीमा पर तैनात कर रखे हैं।
दूसरी ओर ईरान ने ग़ज़्ज़ा पट्टी पर इस्राईल के पाश्विक हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मरज़िया अफ़ख़म ने अपने एक बयान मंं कहा कि पिछले दो सप्ताह से तीन इस्राईली नागरिकों के अपहरण के बहाने निर्दोष फ़िलिस्तीनियों पर पाश्विक हमले हो रहे हैं और उनका जनसंहार किया जा रहा।
बयान में कहा गया है कि फ़िलिस्तीनी किशोर की निर्मम हत्या इस बात की निशानी है कि ज़ायोनी शासन, फ़िलिस्तीनी युवाओं के प्रतिरोध के समक्ष बुरी तरह असहाय हो चुका है और इस अपराध ने इराक़ और सीरिया में आतंकवादियों के अपराध को लोगों के मन में दोहरा दिया है। बयान में कहा गया है कि इस्राईल के इन अपराधों से फ़िलिस्तीनियों की प्रतिरोध की भावना को कमज़ोर नहीं किया जा सकता।
उन्होंने इस्लामी देशों और मानवाधिकार संस्थाओं से मांग की है कि वे ज़ायोनी शासन के अपराधों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करें और ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल को हमले रुकवाने का प्रयास करवाएं।