अमरीका वार्ता नहीं बल्कि वर्चस्व के चक्कर में हैः आयतुल्लाह ख़ातेमी

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अमरीका वार्ता नहीं बल्कि वर्चस्व के चक्कर में हैः आयतुल्लाह ख़ातेमी

तेहरान की जुमे की नमाज़ के इमाम आयतुल्लाह सय्यद अहमद ख़ातेमी ने कहा कि जब तक ईरान के विरुद्ध अमरीकी सरकार व कांग्रेस के शुत्रतापूर्ण बयान व दुश्मनी जारी है, उनके साथ संवाद का कोई अर्थ नहीं है।

उन्होंने बुधवार को वरिष्ठ नेता के देश से बाहर नियुक्त ईरानी राजदूत व प्रतिनिधियों से भेंट में अमरीका के साथ वार्ता के निरर्थक होने पर आधारित बयान की ओर बल देते हुए कहा कि अमरीका वार्ता नहीं बल्कि वर्चस्व जमाने के चक्कर में है। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अमरीकी ईरान का अपमान करना चाहते हैं, कहा कि उन्हें यह जान लेना चाहिए कि ईरान की जनता और इस्लामी व्यवस्था विदेशी वर्चस्व को कभी भी स्वीकार नहीं करेगी।

आयतुल्लाह ख़ातेमी ने हालिया परमाणु वार्ता प्रक्रिया के दौरान अमरीकी प्रतिबंध और अमरीकियों की अपेक्षाएं बढ़ने की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे विश्वास योग्य नहीं है बल्कि वे बहाने ढूंढ रहे हैं, मुश्किल हल करना नहीं चाहते।

तेहरान की जुमे की नमाज़ के इमाम ने इराक़ में नए मंत्रीमंडल की ओर इशारा करते हुए एकता व अखंडता की रक्षा और आतंकवाद से संघर्ष को इस देश की तीन मूल ज़रूरते बतायीं और आशा जतायी कि इराक़ी मंत्रीमंडल का जल्द से जल्द गठन होना चाहिए ताकि इस देश की नई सरकार इराक़ी जनता की समस्याओं विशेष रूप से आतंकवादी गुट दाइश से जुड़ी समस्या को हल कर सके। उन्होंने तकफ़ीरी आतंकवादी गुट आईएसआईएल के अस्तित्व को इराक़ में पश्चिम की ग़लत नीतियों का परिणाम बताया और कहा कि क्षेत्र की सुरक्षा इराक़ की सुरक्षा पर निर्भर है और इराक़ी जनता को अब धार्मिक नेतृत्व में एक स्वाधीन, गौरवपूर्ण और विकसित इराक़ के बारे में सोचना चाहिए।

तेहरान की जुमे की नमाज़ के इमाम ने बल दिया कि ईरानी राष्ट्र व सरकार इराक़ी जनता के चयन व दृष्टिकोण का सम्मान करती है।  

 

 

 

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