ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम के बारे में मिस्र की राजधानी क़ाहेरा में हुई वार्ता के समाप्त होते ही इस्राईली युद्धक लड़ाकू विमानों ने एक बार फिर ग़ज़्ज़ा पर हमले शुरू कर दिए हैं।
अलआलम टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी शासन के युद्ध विमानों ने आज शाम दोपहर चौबीस घंटे के युद्ध विराम का उल्लंघन करते हुए अज़्ज़ैतून और बैते लाहिया के क्षेत्रों पर बमबारी की है। अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नितिन याहू के आदेश पर हमले शुरू किए गए हैं। सूचना के अनुसार ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ग़ज़्ज़ा से मिज़ाइल हमलों के जवाब में फिर हमले शुरू किए गए हैं। ज़ायोनी शासन ने दावा किया है कि ग़ज़्ज़ा से अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के बेईस अस्सबअ क्षेत्र में तीन मिज़ाइल फ़ायर किए गए। इसी हमले के जवाब में इस्राइली सेना के लड़ाकू विमानों ने ग़ज़्ज़ा के पूर्वी खान यूनुस, पूर्वोत्तरी रफह और दक्षिण ग़ज़्ज़ा पर हमले किए जिसमें पांच लोग घायल हो गए। घायलों में तीन बच्चे भी शामिल हैं।
फ़्रांस प्रेस ने रिपोर्ट दी है कि ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने वार्ताकार प्रतिनिधिमंडल को क़ाहिरा में फ़िलिस्तीनी गुटों के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता समाप्त करके इस्राइल वापस आने का आदेश दिया है। फ़िलिस्तीनी वार्ताकार टीम के प्रमुख एज़ाम अल अहमद ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि यदि वार्ता विफल हुई तो झड़पें शुरू हो सकती हैं।
उधर इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने ग़ज़्ज़ा पर फिर से हवाई हमले शुरू होने की निंदा करते हुए कहा कि ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हवाई हमलों का लक्ष्य, वार्ता को विफल करना है। हमास से प्रवक्ता सामी अबू ज़ोहरी ने कहा कि संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के लिए इस्राईल पूरी तरह से ज़िम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हमास के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ग़ज़्ज़ा से अवैध अधिकृत क्षेत्रों पर मिज़ाइल फ़ायर किए गए। उन्होंने ज़ायोनी शासन पर टालमटोल की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि फ़िलिस्तीनी गुटों समूह ने क़ाहेरा के अनुरोध पर 24 घंटे के युद्ध विराम पर सहमति जताई थी जबकि प्रतिरोध हर प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।