तकफ़ीरियत और चरमपंथ को बढ़ावा देना फ़िलिस्तीनी मुद्दे को दबाने का षड्यंत्र।

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तकफ़ीरियत और चरमपंथ को बढ़ावा देना फ़िलिस्तीनी मुद्दे को दबाने का षड्यंत्र।

इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने आज सुबह (मंगलवार) को तकफीरी आतंकी गुटों के बारे में मुस्लिम उल्मा की इंटरनेशनल कान्फ़्रेंस में शरीक मेहमानों और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में हाल के वर्षों में तकफीरी गुटों के गठन को इस्लामी दुनिया के लिए साम्राज्यवाद की घिनौनी साजिश और थोपी गई मुश्किल बताया और सल्फ़ी वहाबी तकफीरी गुट की कार्यवाहियों को मस्जिदुल अक़सा और फ़िलिस्तीन को भुलाने के संबंध में अमेरिकी, इस्राईली और साम्राज्यवादी शक्तियों की घिनौनी साजिश का हिस्सा बताया। और कहा कि सल्फ़ी वहाबी तकफीरी गुटों की जड़ें काटने के लिए इंटरनेशनल पैमाने पर इस गुट के विरूद्ध मुहिम चलाने को इस्लामी दुनिया के उल्मा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों और प्राथमिकताओं में बताया। इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के सुप्रीम लीडर ने अपने भाषण की शुरुआत में आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी, आयतुल्लाह सुबहानी और क़ुम के दूसरे उल्मा की इस कान्फ़्रेंस के आयोजन के संबंध में अच्छे प्रबंध और तकफीरी समूह के साथ मुक़ाबले के लिए इस्लामी दुनिया के उल्मा के बीच समन्वय की ओर इशारा करते हुए कहा: इस ख़तरनाक गिरोह के संबंध में रिसर्च के बारे में इस प्वाइंट पर ध्यान देना चाहिए कि असली विषय सभी तकफीरी गिरोहों के साथ इंटरनेशनल स्तर पर मुक़ाबला करना है जो दाइश आतंकवादी गुट से बढ़ कर है और वास्तव में दाइश इस बुरी नस्ल की एक शाखा नाम है। इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के सुप्रीम लीडर ने इसके बाद एक और महत्वपूर्ण प्वाइंट की ओर इशारा करते हुए कहा तकफीरी समूह और उसका समर्थन करने वाली हुकूमतें पूरी तरह से अमेरिका, इस्राईल और यूरोपीय साम्राज्यवादी शक्तियों के लक्ष्य की ओर हरकत कर रही हैं और इस्लामी लबादा पहन कर अमेरिका और इस्राईल की सेवा कर रही हैं। इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के सुप्रीम लीडर ने इस्लामी दुनिया के साथ मुक़ाबले और साम्राज्यवादी शक्तियों के लक्ष्य के संबंध में सल्फ़ी तकफीरियों की कार्यवाहियों के कुछ नमूनों की ओर इशारा किया। इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के सुप्रीम लीडर ने इस्लामी जागरूकता को गुमराह करने को पहले उदाहरण के रूप में बयान करते हुए कहा कि इस्लामी जागरूकता अमेरिका विरोधी, इस्राईल विरोधी और साम्राज्यवाद विरोधी थी लेकिन सल्फ़ी वहाबी तकफीरियों ने इस महान इस्लामी आंदोलन को मुसलमानों के बीच गृहयुद्ध और साम्प्रदायिक हिंसा में तब्दील कर दिया। इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस क्षेत्र में मुसलमानों के प्रतिरोध की फ़्रंट लाइन अधिकृत फिलिस्तीन थी लेकिन सल्फ़ी वहाबी तकफीरी गिरोह ने इस फ़्रंट लाइन को बदल दिया और इराक़, सीरिया, पाकिस्तान और लीबिया के शहरों की सड़कों पर उसे ले आये जो तकफीरियों के भयानक, ख़ौफ़नाक और न भूलने वाले अपराध का एक हिस्सा है। इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इस्लामी जागरूकता को गुमराह करने को अमेरिका, इस्राईल, ब्रिटेन और उनकी खुफिया एजेंसियों की सेवा बताते हुए कहा कि इस गुमराह समूह के साम्राज्यवादी लक्ष्यों के संबंध में सेवा का दूसरा उदाहरण यह है कि सल्फ़ी वहाबी तकफीरियों का समर्थन करने वाली सरकारें ग़ासिब ज़ायोनी सरकार के मुकाबले में ज़बान खोलने में असमर्थ हैं यहाँ तक वह मुसलमानों के खिलाफ़ इस्राईल का समर्थन कर रही हैं लेकिन यही ताकतें इस्लामी देशों और मुसलमानों पर चोट पहुंचाने के लिए बहुत ज्यादा सक्रिय हैं।

 

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