फ़िलिस्तीन की बड़ी आबादी को यह लगता है कि पवित्र अलअक़्सा मस्जिद पर इस्राईल द्वारा गिराए जाने का ख़तरा मंडरा रहा है।
पश्चिमी तट के रामल्लाह में प्रकाशित एक न्यूज़ सर्वे के अनुसार 68 प्रतिशत फ़िलिस्तीनी सोचते हैं कि इस पवित्र मस्जिद को किसी भी वक़्त इस्राईल तबाह कर सकता है जबकि 77 प्रतिशत का कहना है कि इस्राईल इस मस्जिद को एक मंदिर से बदलना चाहता है।
फ़िलिस्तीनी सेंटर फ़ॉर पॉलिसी ऐंड सर्वे रिसर्च द्वारा कराया गया सर्वेक्षण यह दर्शाता है कि 50 फ़ीसद से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों का मानना है कि इस्राईल मस्जिदुल अक़्सा को अपने हाथ में ले लेगा जबकि 21 फ़ीसद का ख़्याल है कि इस्राइली शासन पवित्र अलअक़्सा मस्जिद को दो हिस्सों एक यहूदियों और दूसरे मुसलमानों के बीच बांटना चाहता है।
यह सर्वे ऐसी हालत में सामने आया है जब इस्राईल अलअक़्सा मस्जिद में फ़िलिस्तीनियों की आवाजाही को सीमित करता जा रहा है। अलअक़्सा मस्जिद इस्राईल द्वारा 1967 में अतिग्रहित किए गए बैतुल मुक़द्दस शहर में स्थित है।
पिछले कुछ दशकों के दौरान इस्राईल ने बैतुल मुक़द्दस की जनांकिकीय संरचना को अवैध बस्तियों के निर्माण, ऐतिहासिक स्थलों की ध्वस्तीकरण और स्थानीय फ़िलिस्तीनियों को निकाल कर, बदलने की कोशिश की है।
इस सर्वे के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत फ़िलिस्तीनी जनता, पिछले ग्रीष्म ऋतु में इस्राईल के हमले के दौरान हमास के वीरता भरे क़दम का समर्थन कर रही है।
इसी प्रकार 50 प्रतिशत फ़िलिस्तीनी, हमास के निशस्त्रीकरण की किसी भी कोशिश से असहमत थे