तेहरान के अस्थायी इमामे जुमा ने कहा है कि शत्रु इस्लामी मान्यताओं का अनादर करके संसार में इस्लामोफ़ोबिया फैलाना चाहते हैं।
तेहरान की नमाज़े जुमा आयतुल्लाह मुहम्मद इमामी काशानी की इमामत में अदा की गई। उन्होंने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के अनादर की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि शत्रु इस माध्यम से संसार में इस्लामोफ़ोबिया फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसी प्रकार आतंकी गुट आईएसआईल द्वारा जार्डन के एक पायलट को ज़िंदा जलाने की निंदा करते हुए कहा कि विश्व साम्राज्य के पिट्ठू आतंकी, इस्लाम की छवि को बिगाड़ना चाहते हैं। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि शत्रु ने इस्लामोफ़ोबिया फैलाने, विश्व जनमत को धोखा देने और पैग़म्बरे इस्लाम के अनादर जैसी कार्यवाहियों को, इस्लाम को कुरूप दर्शाने और पैग़म्बरे इस्लाम को मुसलानों से अलग करने के लिए अपने एजेंडे में शामिल कर रखा है।
उन्होंने पश्चिमी युवाओं के नाम इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के संदेश को, उनकी प्रवृत्ति को स्पष्ट करने के लिए उठाया गया एक क़दम बताया और कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वरिष्ठ नेता के संदेश को एक धार्मिक दायित्व के रूप में देखें। तेहरान के अस्थायी इमामे जुमा ने कहा कि ईरान की इस्लामी व्यवस्था की एकजुटता के कारण, विदेश मंत्रालय पूरी दृढ़ता के साथ ईरानी राष्ट्र के अधिकारों के बारे में वार्ता कर रहा है। उन्होंने अंतरिक्ष में फ़ज्र नामक उपग्रह भेजे जाने को ईरान के युवाओं और विशेषज्ञों की अपार वैज्ञानिक क्षमता का सूचक बताया।