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बिहार के भागलपुर शहर में उस समय तनाव बढ़ गया, जब उन्मादी भीड़ ने एक मस्जिद और इमामबाड़ा पर चढ़कर भगवा और अवैध राष्ट्र इस्राईल का झंडा फहरा दिया। यह घटना लालमटिया पुलिस स्टेशन के अंतर्गत तमतम चौक के पास काली विसर्जन यात्रा के दौरान हुई।

एक वीडियो में कट्टरपंथी भीड़ को मस्जिद के गुंबद पर चढ़ते, बड़ा भगवा झंडा लगाते और दूसरों को ज़ायोनी झंडे लहराने के लिए प्रोत्साहित करते हुए देखा जा सकताहै।  बाद में वीडियो को मुस्लिम समुदाय के बारे में अपमानजनक गीतों के साथ इंस्टाग्राम पर साझा किया गया, जिससे तनाव बढ़ गया।

वीडियो वायरल होने के बाद, पुलिस सतर्क हो गई और विसर्जन मार्ग को साफ करके और जनता को आश्वस्त करके व्यवस्था बहाल करने के लिए तेजी से कार्रवाई की। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में आगे की घटनाओं को रोकने के लिए सशस्त्र सीमा बल (SSB) सहित अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया।

 पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना को संबोधित करते हुए पुष्टि की कि एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, "भागलपुर पुलिस को एक वीडियो मिला है जिसमें एक युवक टमटम चौक के पास एक धार्मिक स्थल पर झंडा लहराता हुआ दिखाई दे रहा है। लालमटिया पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।"

 

फिलिस्तीन और लेबनान में जनसंहार मचा रहे अवैध राष्ट्र इस्राईल ने दमिश्क़ के सैय्यदा ज़ैनब इलाक़े में

बर्बर हमले किये।

दमिश्क़ में हुए इस बर्बर हमले में अभी तक किसी जानी पर माली नुकसान के बारे में कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी है। बता दें कि लेबनान और फिलिस्तीन के अलावा ज़ायोनी शासन लगातार सीरिया, यमन और ोरक बॉर्डर पर भी अतिक्रमणकारी हमले करते  रहा है।

 

इजरायली उत्पादों की खरीद और बिक्री के साथ-साथ इजरायल को लाभ पहुंचाने वाली कंपनियों को लाभ पहुचाने से संबंधित मरजा ए जहान तशय्यो आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने एक प्रश्न का उत्तर दिया है।

इजरायली उत्पादों की खरीद और बिक्री के साथ-साथ इजरायल को लाभ पहुंचाने वाली कंपनियों को लाभ पहुचाने से संबंधित मरजा ए जहान तशय्यो आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने एक प्रश्न का उत्तर दिया है शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखने वालो के लिए पूछे गए प्रश्न तथा उसके उत्तर का जवाब प्रस्तुत कर रहे है।

प्रश्न: क्या उन सुपरमार्केट से खरीदना और बेचना जायज़ है जिनका मुनाफा इज़राइल को समर्थन देने के लिए आवंटित किया जाता है?

उत्तर: आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि "इजरायली उत्पादों को खरीदना और बेचना और उन कंपनियों के उत्पादन की अनुमति नहीं है जिनके बारे में माना जाता है कि वे प्रभावी रूप से इज़राइल का समर्थन कर रहे हैं।"

 

आयतुल्लाह सीस्तानी से मुलाक़ात के लिए पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि दल ने नजफ़ में इस महान धार्मिक विद्वान् से मुलाक़ात की। आयतुल्लाह सीस्तानी ने इस मुलाक़ात में फिलिस्तीन और लेबनान में जारी ज़ायोनी सेना की बर्बर कार्रवाई पर दुःख जताते हुए कहा कि बड़े अफ़सोस की बात है कि विश्व समुदाय ज़ायोनी राष्ट्र को फिलिस्तनी जनता के जनसंहार से रोकने में विफल रहा है।  विश्व समुदाय को चाहिए कि वह ज़ायोनी सेना की हरकतों पर लगाम लगाए।  कुछ नहीं तो कम से कम आम जनमानस को सैन्य हमलों और बर्बर आतंकी कार्रवाई से सुरक्षित करे।

 

 

अफगान सुरक्षा कर्मियों ने दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में अपहरणकर्ताओं से दो अपहृत बच्चों को बचाया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार , असदुल्ला जमशीदी ने सोमवार को कहा कि अफगान सुरक्षा कर्मियों ने दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में अपहरणकर्ताओं से दो अपहृत बच्चों को बचाया है।

जमशीदी के हवाले से एक पखवाड़े पहले प्रांत की राजधानी कंधार शहर के पुलिस जिला 6 में अपहरण से पहले 9 और 12 साल की उम्र के बच्चे स्कूल से घर जा रहे थे।

मामले के आरोप में किसी को गिरफ्तार किया गया था या नहीं, इस बारे में विवरण दिए बिना अधिकारी ने कहा कि अपहरणकर्ताओं ने बच्चों की रिहाई के लिए पहले 100,000 डॉलर, फिर 30,000 डॉलर की फिरौती मांगी।

इसी तरह अफगान सुरक्षा बलों ने पश्चिमी हेरात प्रांत में अपहरणकर्ताओं के कब्जे से एक बच्चे को मुक्त कराया है और शुक्रवार को इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

शनिवार को लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाड़े में हिजबुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह के चालीसवें की मजलिस (शोक सभा) का आयोजन किया गया। इस मजलिस का आयोजन हैदरी टास्क फोर्स द्वारा किया गया था जिसे मौलाना यासूब अब्बास ने संबोधित किया।

एक रिपोर्ट के अनुसार , 2 नवंबर शनिवार को लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाड़े में हिजबुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह के चालीसवें की मजलिस (शोक सभा) का आयोजन किया गया। इस मजलिस का आयोजन हैदरी टास्क फोर्स (एचटीएफ) द्वारा किया गया था जिसे मौलाना यासूब अब्बास ने संबोधित किया।

मौलाना यासूब अब्बास ने अपने संबोधन में कुरान, पैगंबर हज़रत मोहम्मद और अहले’बैत की शिक्षाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमें हमेशा ज़ालिम का विरोध और मजलूम का समर्थन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सैयद हसन नसरल्लाह ने इस्लामी शिक्षाओं का पालन करते हुए जीवन भर ज़ालिम इस्राइल का विरोध और फिलिस्तीन के मजलूमों का समर्थन किया मौलाना ने नसरल्लाह को मानवता के लिए दी गई कुर्बानी का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस्लाम के अनुसार शहीद कभी मरते नहीं हैं और सैयद हसन नसरल्लाह इसी तरह अमर हैं।

मजलिस के दौरान मौलाना यासूब अब्बास ने फिलिस्तीन और लेबनान पर इस्राइल के हमलों की कड़ी निंदा की और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को नरसंहार का दोषी ठहराया।

मौलाना ने इस्राइल द्वारा हाल ही में ईरान पर किए गए हमले की भी आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को इस्राइल को हथियार देना बंद करना चाहिए ताकि फिलिस्तीन और लेबनान में बेगुनाह महिलाओं और बच्चों का नरसंहार रोका जा सके।

सैयद हसन नसरल्लाह की बहादुरी का जिक्र करते हुए मौलाना ने कहा, "उनकी बहादुरी ने सीरिया में आतंकी संगठन आईएसआईएस को हराने और हज़रत ज़ैनब के रौज़े की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। उनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।"

इस मजलिस ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष हुज्जत उल इस्लाम मौलाना साएम मेहंदी नक़वी, मौलाना जाफ़र अब्बास, मौलाना इंतिज़ाम हैदर, मौलाना रज़ा अब्बास, मौलाना हसन मीरपूरी, मौलाना शरर नक़वी, मौलाना लुक़मान हैदर (बेंगलुरु) के साथ बड़ी संख्या में हज़राते उलेमा, ख़ोतबा, शोअरा, ज़ाकिरीन, वाएज़ीन, व बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत करके शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया।

मजलिस के आरम्भ में शायरों ने अहले' बैत की शान में अपने कलाम पेश किए, और बादे मजलिस शहर की मातमी अंजुमनों द्वारा नौहाख़्वानी की गई।

पाकिस्तान में आतंक का बाजार गरम है।  ताज़ा मामले में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए किये गए आतंकी हमले में 16 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। पाकिस्तान खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षाबलों के काफिलों पर एक बार फिर से हमला हुआ। हमले में 16 सैनिक घायल हो गए। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने सुरक्षाबलों के दो अलग-अलग काफिलों पर घात लगाकर हमले किए जिसमें एक अधिकारी समेत 16 सैनिक घायल हो गए।

इन दिनों पाकिस्तान में आए दिन आतंकी हमले हो रहे हैं। कभी पाकिस्तानी सुरक्षबल तो कभी आम मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। बीते मंगलवार को भी बलूचिस्तान प्रांत के पांजगुर जिले में एक बांध निर्माण स्थल अज्ञात हमलावरों ने गोली चला दी जिसमें कम से कम पांच मजदूरों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए थे।

 

वक़्फ़ बिल को लेकर उठे विवाद के बीच जमीयत ने सरकार पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की नियत में खोट है वह इस बिल के बहाने मुसलमानों की जायदाद हड़पने की साज़िश कर रही है।  वक्फ संशोधन बिल को लेकर मौलाना मदनी ने कहा कि वह इस मुल्क में रहने वाले मुसलमानों के लिए जहन्नुम बना रहे हैं। जो हो रहा है, वो मुल्क को आग लगाने के लिए हो रहा है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि वक्फ अल्लाह की मिल्कियत में दी गई है। हम बाहर से नहीं आए हैं. अगर हिंदू गुर्जर है तो मुसलमान भी गुर्जर है। हिंदू जाट है तो मुस्लिम भी जाट है। दिल्ली के अंदर ही हमारी मस्जिदें 400- 500 साल पुरानी है। कौन 500 साल पुराने दस्तावेज पेश करेगा? वह मुसलमानों की जमीन को हड़पना चाहते हैं।  

 

 

लेबनान के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिणी और पूर्वी लेबनान के विभिन्न इलाकों में इजरायली हवाई हमलों में 10 लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए

एक रिपोर्ट के अनुसार ,लेबनान के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिणी और पूर्वी लेबनान के विभिन्न इलाकों में इजरायली हवाई हमलों में दस लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए।

लेबनानी नागरिक सुरक्षा के आनुसार रविवार को कहा कि दक्षिणी लेबनान के सईदा पड़ोस पर इजरायली हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए।

इसके अलावा पूर्वी लेबनान के माचघरा शहर पर हमले में तीन नागरिक मारे गए और दक्षिणी लेबनान के जबल अलबाटम गांव में दो और नागरिक मारे गए।

सूत्र ने कहा कि इस्लामिक हेल्थ अथॉरिटी के दो पैरामेडिक्स दक्षिणी लेबनान के बज़ौरीह नगर पालिका में मारे गए।

इसके अलावा रविवार को लेबनानी रेड क्रॉस की एक टीम ने दक्षिणपूर्वी शहर खियाम के पूर्वी किनारे पर इज़राइल के बुधवार के हवाई हमलों से नष्ट हुए दो घरों के मलबे से लेबनानी नागरिकों के पांच शव निकाले।

इस बीच, हिजबुल्लाह ने सिलसिलेवार बयानों में कहा कि उसकी सैन्य शाखा ने ड्रोन और मिसाइलों से विभिन्न इजरायली बस्तियों और सैन्य ठिकानों पर हमला किया।

लखनऊ के हुसैनाबाद में सैयद हसन नसरुल्लाह के चालीसवें की मजलिस ए अज़ा का आयोजन किया गया जिसमें हैदरी टास्क फोर्स द्वारा किया गया जिसमें विभिन्न विचारधाराओं से जुड़े हुए उलेमा शायर ज़ाकिरीन और मोमनिन बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।