رضوی

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इज़राइली मीडिया ने घोषणा किया हैं कि इस सरकारी सैनिक जो ग़ाज़ा से वापस पलट कर आया तो काफी डिप्रेशन में था, और उसी के कारण उसने आत्महत्या कर ली

एक रिपोर्ट के अनुसार,शनिवार शाम को इज़रायली समाचार सूत्रों ने इलरान मिज़राही नाम के एक सरकारी सैनिक की आत्महत्या की घोषणा की हैं जो हाल में गाजा युद्ध से लौट कर आया था।

एक इजरायली समाचार चैनल ने टेलीग्राम पर लिखा कि सैनिक ने शनिवार को मृत सागर के तट पर आयन जद्दी नामक क्षेत्र में एक पार्किंग स्थल में आत्महत्या कर ली हैं।

मिजराही गाजा में 271वीं इन्फैंट्री यूनिट में था और कुछ दिन पहले ही गाजा युद्ध के दौरान छुट्टी से लौटे था उन्होंने कई बार अपनी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पेज पर प्रकाशित किए हैं।

हालाँकि सैनिकों की आत्महत्या या हताहतों की ख़बरों को इज़रायली सेना के सेंसरशिप विभाग द्वारा कड़ाई से नियंत्रित किया जाता है लेकिन सरकार का मीडिया कभी कभी उनके बारे में रिपोर्ट करता है।

इस संबंध में इजरायली अखबार ने 23 मई को इजरायली सैनिकों के बीच आत्महत्या की संख्या में वृद्धि की सूचना दी थी और लिखा गाजा के खिलाफ युद्ध की शुरुआत के बाद से इजरायली सैनिकों के बीच आत्महत्या की संख्या 10 तक पहुंच गई है।

 

 

 

 

हुजतुल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन पुर ज़हबी ने कहा: नैतिकता और मतालिब की समस्या हमेशा छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं में सबसे ऊपर रही है।

कुर्दिस्तान के एक रिपोर्टर के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अब्द अल-रेज़ापुर ज़हबी ने कहा: नैतिकता और मतालिब की समस्या हमेशा छात्रों के सामने आने वाली शीर्ष समस्याओं में से एक रही है।

उन्होंने कहा : छात्रों में नैतिक समझ विकसित करनी चाहिए. बुजुर्ग विद्वान कहते हैं कि विद्यार्थी में जो आवश्यक और अति आवश्यक है वह उसके ज्ञान पर क्रिया का अवलोकन करने की युक्ति है।

हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन पुर ज़हबी ने कहा: ऐसी नैतिक ज़रूरतो को सीखने का कोई मतलब नहीं है जो हमें अमल की ओर नहीं ले जाती हैं।

उन्होंने कहा: इसी तरह, व्यावहारिक ज्ञान जिसका दूसरों पर प्रभाव नहीं पड़ता, उसका कोई गुण नहीं है।

कुर्दिस्तान प्रांत में वली फकीह के प्रतिनिधि ने कहा: कुरान की वे आयतें जो सीधे तौर पर नैतिक मुद्दों की ओर इशारा करती हैं, हमारे लिए किसी पूंजी से कम नहीं हैं। इसी प्रकार, नैतिकता विषय के अन्य स्रोतों में महान धार्मिकों की नैतिक पुस्तकें भी शामिल हैं।

जामिया अल-अज़हर, मिस्र ने एक बयान में नुसीरत शिविर में नरसंहार को "बर्बर" कहा और दुनिया से इस्राईली शासन के नेताओं को वैध बनाने का आह्वान किया।

मिस्र की अल-अजहर यूनिवर्सिटी ने आतंकी इजरायली सेना द्वारा मध्य गाजा के कैंप नुसीरत पर किए गए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान जारी किया है और इस हमले को बर्बरतापूर्ण हमला बताया है।

अरबी 21 वेबसाइट के अनुसार, अल-अजहर के बयान में कहा गया है: हम रक्षाहीन नागरिकों के खिलाफ इस क्रूर शासन के खूनी अपराधों के लिए कुछ संगठनों और सरकारों के निरंतर समर्थन और स्वागत की निंदा करते हैं।

अल-अजहर ने कहा: "वह बर्बर हमला जिसमें 200 से अधिक लोग शहीद हुए और सैकड़ों घायल हुए, फिलिस्तीनियों के खिलाफ यह भयानक हमला ज़ायोनी अत्याचारों की सूची में एक नया अत्याचार है। पूरी दुनिया को गाजा पर हमलों की निंदा करनी चाहिए। और इस पर विचार करना चाहिए।" फ़िलिस्तीनी भूमि पर नरसंहार के रूप में अपराध, हम इन बर्बर अपराधों की निंदा करते हैं।

अहले-सुन्नत के इस विद्वान केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विवेकशील लोगों से गाजा में चल रहे रक्तपात को रोकने और बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित नागरिकों की मदद करने का आह्वान किया।

अल-अजहर विश्वविद्यालय ने कहा: अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने वाले ज़ायोनीवादियों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए और दुनिया को इस संबंध में चुप नहीं रहना चाहिए, क्योंकि ज़ायोनीवाद मानवता के नाम पर अपमान है।

गौरतलब है कि गाजा के आधिकारिक सूचना कार्यालय ने कल घोषणा की थी कि आतंकवादी इजरायली सेना ने अल-नुसीरत शिविर पर क्रूर हमला किया और सीधे फिलिस्तीनी नागरिकों को निशाना बनाया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए।

 

 

 

 

 

इस्राईल का परिचय बच्चों के हत्यारे के रूप में, बीमारियों व समस्याओं से पीड़ित बच्चों के समर्थन व विकास में ईरान का सफ़ल कार्यक्रम, अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों पर इराक़ के प्रतिरोधक गुटों का हमला पश्चिम एशिया के महत्वपूर्ण परिवर्तन हैं।

इराक़ के प्रतिरोधक गुटों का अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के केन्द्र पर हमला

अलमयादीन टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार इराक़ के इस्लामी प्रतिरोधक गुट के संघर्षकर्ताओं ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में विद्तु उत्पादन केन्द्र "क़ैसारिया" को लक्ष्य बनाया।

सैय्यदुश्शोहदा ब्रिगेड के प्रवक्ता शैख़ काज़िम अलफ़िरतौसी ने एलान किया है कि इराक़ी प्रतिरोध के ड्रोन द्वारा ज़ायोनी सरकार के गढ़ पर हमला फ़िलिस्तीन के समर्थन में एक बड़ा परिवर्तन है।

 आधिकारिक तौर पर इस्राईल का परिचय बच्चों के हत्यारे के रूप में किया गया।

ज़ायोनी सरकार के टेलीविज़न चैनल 13 ने राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस के हवाले से सूचना दी है कि इस्राईल का नाम बच्चों की हत्या करने वाले शासन के रूप में ब्लैक लिस्ट में क़रार दे दिया गया है।

फ़िलिस्तीनी सरकार के मीडिया विभाग ने एलान किया है कि 7 अक्तूबर से अब तक जायोनी सरकार के हमलों में 15 हज़ार 517 फ़िलिस्तीनी बच्चे शहीद हो चुके हैं।

सीरिया की राजधानी दमिश्क में मुजाहिदों की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेन्स

हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार सीरिया की राजधानी दमिश्क में मुदाहिदों की एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेन्स आयोजित हुई। इस कांफ्रेन्स का शीर्षक प्रतिरोध के समर्थन में शहीद आयतुल्लाह रईसी और अमीर अब्दुल्लाहियान की भूमिका थी। इस एक दिवसीय कांफ्रेन्स में ईरान सहित विभिन्न इस्लामी देशों के राजनीतिक, सामाजिक और संसदों के प्रतिनिधियों व हस्तियों ने भाग लिया।

तुर्किये के विदेशमंत्रीः ग़ज़्ज़ा, ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की कमज़ोरी को दर्शा दिया

तुर्किये के विदेशमंत्री हाकान फ़ीदान ने इस्तांबोल में जी—8 गुट के विदेशमंत्रियों की आपात बैठक से इतर एलान किया कि ग़ज़्ज़ा ने स्पष्ट व साफ़ तौर पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की कमज़ोरी को दर्शा दिया और हम दोबारा एलान करते हैं कि हम ग़ज़्ज़ा में इस्राईल के ज़ुल्म पर चुप नहीं बैठेंगे।

ग़ज़्ज़ा जंग में शहीद होने वालों की संख्या 36 हज़ार से अधिक हो गयी

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एलान किया है कि सात अक्तूबर 2023 से आरंभ होने वाले ज़ायोनी सरकार के युद्ध में अब तक 36 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीन शहीद और 83 हज़ार 680 से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल हो चुके हैं। इसी प्रकार 10 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी अब भी मलबों के नीचे दबे और लापता हैं।

अबू उबैदा ने कुछ ज़ायोनियों के मारे जाने की सूचना दी।

फ़िलिस्तीन में इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की सैनिक शाखा इज़्दुद्दीन क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने इस बात का रहस्योद्घाटन किया है कि ज़ायोनी सैनिकों ने अपने कुछ ज़ायोनी बंदियों को आज़ाद कराने की कार्यवाही के दौरान अपने कुछ दूसरे बंदियों की हत्या कर दी।

खाद्य कार्यक्रम के समर्थन में ईरान की सफलता

ईरान में स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय के निदेशक व प्रबंधक अहमद इस्माईल ज़ादा ने एलान किया है कि जिन बच्चों को विकास व बाढ़ की समस्या का सामना है उनका उपचार व इलाज देश के स्वास्थ्य मंत्रालय व विभाग के माध्यम से हो रहा है और 60 हज़ार बच्चों को विकास की समस्या का सामना था जिनका उपचार इमाम ख़ुमैनी कमेटी के अंतर्गत हुआ और वे ठीक हो गये।

यमनी सेना ने लाल सागर में दो जहाज़ों को लक्ष्य बनाया

यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता यहिया सरी ने एलान किया है कि यमनी सेनाओं ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने के कारण लाल सागर में दो जहाज़ों को लक्ष्य बनाया और यह दोनों जहाज़ जायोनी सरकार के ईलात बंदरगाह की ओर जा रहे थे।

  तमाम हम्द व सिपास है उस ज़ात के लिए कि जिसने तमाम मख़लूक़ात को इंसान के लिए ख़ल्क़ किया और इंसान को ख़ुद अपने लिए ख़ल्क़ करके उसकी ग़रज़े ख़िलक़त को भी वाज़ेह कर दिया।

  "मैंने जिन्नातों और इंसानों को पैदा नहीं किया मगर यह कि अपनी इबादत के लिए"

  इबादत का दायरा इंतेहाई वसी है इसीलिए उलमा ने इबादत को दो हिस्सों में तक़सीम किया हैः

  1. इबादते आम
  2. इबादते ख़ास

  *इबादते आम:* यानी हर वह काम जो रज़ायते परवरदिगार से तअल्लुक़ रखता हो वह इबादत क़रार पाएगा चाहे वह सोना, जागना, उठना, बैठना, सदक़ा देना या और दूसरे मुस्तहब्बात।

  *इबादते ख़ास:* मसलन नमाज़, रोज़े या दूसरे वाजिबात।

  इंसान अपनी ज़िन्दगी में बहुतसी इबादाते मुस्तहेब्बा अंजाम देता है उन्हीं में से एक अक़्दे इज़देवाज (शादी) भी है कि जिसका सिलसिला अबूल बशर हज़रते आदम अलैहिस्सलाम से शुरु हो कर ता रहती दुनिया क़ाएम व दाएम रहेगा।

  अक़्दे इज़देवाज (शादी) को ख़ुदा ने किस अंदाज़ से अपनी बंदगी का ज़रिया क़रार दिया है उस का अंदाज़ा इस हदीस से लगाया जा सकता हैः "इस्लाम में ख़ुदा के नज़दीक कोई ऐसी बुनियाद नहीं डाली गयी जो शादी से ज़ियादा महबूब हो।"

  जैसा कि पहले ज़िक्र किया गया कि ख़ुदा की इबादत में से एक इबादत का ज़रिया अक़्द (शादी) भी है और यह भी वाज़ेह है कि इबादत के मराहिल बहुत सख़्त हैं लिहाज़ा इन मराहिल को किस आसानी से तय किया जाए इसके लिए हमें मासूमीन अलैहिमुस्सलाम की इबादत पर निगाह करनी पड़ेगी। चूँकि हमारा मौज़ू इमतेयाज़ाते अक़्दे फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा है लिहाज़ा इस जगह पर आप के अक़्द के चंद इम्तेयाज़ात बतौर नमूना पेश किये जाएँगे ताकि समाज आप की सीरत पर अमल करके इस अज़ीम और मुबारक इबादत से सुबुकदोश हो सके।

  जनाबे फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) की शादी के हर जुज़ को रसूले अकरम (स) ने इस अंदाज़ से अंजाम दिया है कि ज़माना चाहे भी जो हो हर एक उसे बख़ूबी बा आसानी अंजाम दे सकता है उस पाकीज़ा शादी के इमतेयाज़ात यह हैं:

  ? *औरत के हुक़ूक़ का तहफ़्फ़ुज़:*

  आज आलमे इस्लाम पर तोहमतों की यलग़ार कुछ कम नहीं है और यह कहा जाता है कि इस्लाम में औरत का कोई पास व लिहाज़ नहीं है लेकिन काश दुनिया हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) के तरीक़ए अक़्द पर निगाह करें कि जब हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने जनाबे फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) से शादी के लिए हज़रत रसूले ख़ुदा (स) के घर तशरीफ़ ले गये और अपनी ख़्वाहिश का इज़हार किया तो पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने फ़ौरन उसका जवाब नहीं दिया कि मुझे यह रिश्ता मंज़ूर है बल्कि उस हुजरे में गये जहाँ शहज़ादिए कौनैन हज़रत फ़ातिमा (स.अ) तशरीफ़ फ़रमा थी और आँ हज़रत (स) ने तलबे रज़ायत के लिए हज़रत अली (अ) की ख़्वाहिश बयान की।

  इस तरज़े अमल से पैग़म्बरे अकरम (स) ने रहती दुनिया तक पैग़ाम पहुँचा दिया कि इस्लाम जब्र व तशद्दुद का काएल नहीं है, बग़ैर औरत की मरज़ी के शादी करना ज़ुल्म है।

  ? *महेर:*

  अगर आज हम अपने समाज का जाएज़ा लें तो हमें मिलेगा कि लड़की (दुल्हन) वाले महेर की रक़म को इस दर्जा मोअय्यन करते हैं कि लड़के (दुल्हे) वालों का इस रक़म का अदा करना दुश्वार और मुश्किल हो जाता है, और ज़ियादातर देखने में यह आया है कि लोग लम्बी लम्बी महेर पर राज़ी होने के बाद उसे अदा नहीं करते बल्कि उसे माफ़ कराने की फ़िक्र में रहते हैं।

  पैग़म्बरे अकरम (स) ने इस दुश्वारी का भी ख़ात्मा इस तरह कर दिया कि हज़रत अली (अ) को हुक्म दिया कि तुम मर्दे शुजाअ हो तुम्हे ज़िराह की ज़रूरत नहीं है लिहाज़ा उसे बेचकर फ़ातिमा (स.अ) का महेर अदा करो, नफ़्से पैग़म्बर ने अपनी ज़िरा को बेचकर महेर की रक़म हुज़ूर (स) के हवाले कर दी, और उस रक़म के तीन हिस्से किये गयेः

  एक हिस्सा हज़रत फ़ातिमा (स) के घरेलू ज़रूरियात के लिए।

  दूसरा हिस्सा शादी के अख़राजात (ख़र्च) के लिए।

  और तीसरा जनाबे उम्मे सलमा के हवाले किया और कहा जब शादी हो जाए तो यह रक़म हज़रत अली (अ) के हवाले कर दी जाए ताकि अली उस रक़म के ज़रिए अपने वलीमे का इंतेज़ाम करें।

  काएनात के अज़ीम शख़्स की बेटी की शादी जब इस सादगी से हो तो फिर हमारे लिए सोचने की बात यह है कि हमें किस तरह शादी के उमूर को अंजाम देना चाहिए, लेकिन अफ़सोस के हमारे समाज में सीरते जनाबे फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) को नज़र अंदाज़ करके महेर के लिए लाखों और करोड़ों का सौदा करके सिर्फ़ हज़रते ज़हरा (स.अ) की ही तकलीफ़ का सबब नहीं बनते बल्कि पैग़म्बरे अकरम (स) को भी अपने इस अमल से अज़ीयत देते हैं।

  ? *एक मिसाली शादी*

जब अक़्द के सारे मुक़द्देमात अपनी तकमील तक पहुँच गये तो वह वक़्त भी आया कि कौनैन की शहज़ादी लिबासे इस्मत व तहारत में मलबूस हो कर मुख़्तसर से जहेज़ के साथ क़सीमे नार व जन्नत के घर तशरीफ़ लायीं, रुख़सती भी बहुस्ने ख़ूबी यूँ अंजाम पायी कि ना ही लड़की वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा और ना ही लड़के वालों को कोई परेशानी हुई, आँ हज़रत (स) ने शादी के फ़ुज़ूल ख़र्चों पर तवज्जो देने के बजाए ज़ौजा और शौहर की ज़िंदगी के बारे में ज़ियादा फ़िक्र की, लेकिन आज मुसलमान, रसूले इस्लाम (स) की इन सुन्नतों को बालाए ताक़ रखकर शादी में फ़ुज़ूल की सजावट, मैरेज हाॅल और बेबुनियाद रूसूमात पर अपना पैसा ख़र्च करके बड़ा फ़ख्र महसूस करते हैं।

  हमने अपनी इस मुख़्तसर तहरीर में जनाबे फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) के अक़्द के इम्तेयाज़ात के चंद नमूने पेश किए उनके अंदर ऐसे शवाहिद मौजूद हैं कि जिनकी रौशनी में समाज शादी ब्याह के मामलात को बा हुस्ने ख़ूबी और सादगी से निपटा सकता है अगरचे ख़ुद बीबी ए दो आलम (स.अ) की शादी के इम्तेयाज़ात का मौज़ू अपने आप में एक तहक़ीक़ी काविश का तालिब है जो फ़िलहाल हमारे पेशे नज़र नहीं है और ना ही ज़ेरे नज़र शुमारा इस का मोतहम्मिल हो सकता है लिहाज़ा इन चंद नमूनों के पेश करने पर ही इक्तेफ़ा करते हैं, उम्मीद है कि बीबी ए दो आलम हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) की शादी के इन चंद इम्तेयाज़ात की रौशनी में हमारे समाज में होने वाली शादियाँ भी अपने आप में मुमताज़ क़रार पाएँगी।

  आख़िर में रब्बे करीम से दुआ है कि हमारे समाज को तमाम उमूर में बिलख़ुसूस शादी के मौक़े पर सीरते हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) पर अमल करने की तौफ़ीक़ इनायत फ़रमाये। आमीन...

 

? *यौमे अक़्द हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) और अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम (१ ज़िलहिज्ज, सन २ हिजरी) मुबारक हो।* ?

? *अल्लाह हुम्मा अज्जिल ले वलियेकल फ़रज...*

विश्व पर्यटन संगठन ने 2023 में ईरान में 60 लाख विदेशी पर्यटकों के आगमन और विश्व पर्यटन रैंकिंग में ईरान के 6 पायदान ऊपर उठने का एलान किया।

तेहरान द्वारा अफगानिस्तान के लिए क्षेत्रीय संपर्क समूह की बैठक की मेजबानी, ईरानी कृषि उत्पादों के निर्यात में 1 बिलियन डॉलर की वृद्धि, ईरानी तेल का रिकॉर्ड तोड़ निर्यात और 6 मिलियन विदेशी पर्यटकों की ईरान यात्रा, ईरान की कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक-आर्थिक ख़बरें हैं।

ईरानी कृषि उत्पादों के निर्यात में एक अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी

ईरान के कृषि मंत्री मुहम्मद अली नीकबख़्त ने कहा कि 1402 हिजरी शम्सी में ईरान के कृषि उत्पादों के निर्यात की मात्रा, वर्ष 1401 हिजरी शम्सी की तुलना में एक अरब डॉलर बढ़ गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान के कृषि क्षेत्र के व्यापार संतुलन में सुधार हुआ है और यह 2 अरब डॉलर से अधिक हो गया।

2023 में 60 लाख विदेशी पर्यटकों की ईरान यात्रा

 संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्ध विश्व पर्यटन संगठन ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में एलान किया कि 2023 में 6 मिलियन विदेशी पर्यटकों ने ईरान की यात्रा की है। 2022  में ईरान में दाख़िल होने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या के मामले में ईरान, दुनिया में 40वें स्थान पर था लेकिन 2023 में, 6 पायदान उठकर 34वें स्थान पर पहुंच गया।

 ईरान के ख़िलाफ़ आईएईए के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के प्रस्ताव की निंदा

 इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा पास किए गये प्रस्ताव की निंदा की और कहा कि ईरान, इस प्रस्ताव को पेश करने और पास करने को एक राजनीतिक और नकारात्मक कार्रवाई क़रार दिया और इस प्रकार की कार्रवाईयों के जारी रहने को कुछ पश्चिमी देशों की पिछली विफल नीतियां और स्वतंत्र देशों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के राजनीतिक दुरुपयोग का प्रयास क़रार दिया है। आईएईए के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स द्वारा पेश प्रस्ताव में, इस संस्था के साथ ईरान के सहयोग का उल्लेख किए बिना, तेहरान को कथित सुरक्षा मुद्दों को हल करने के लिए "आवश्यक और तत्काल उपाय" करने के लिए कहा गया था।

ईरान की अर्थव्यवस्था की औसत वार्षिक वृद्धि में 5 प्रतिशत की वृद्धि

 ईरान के कार्यक्रम और बजट संगठन के प्रतिनिधियों ने आर्थिक सहयोग संगठन की आर्थिक अनुसंधान प्रबंधन समिति की सातवीं बैठक में एलान किया कि पिछले तीन वर्षों में ईरान की वार्षिक आर्थिक वृद्धि औसतन 5 प्रतिशत तक पहुंच गई है, बेरोज़गारी दर में नियमित रूप से कमी आई है और इसका औसत पिछले तीन वर्षों में 8.8 प्रतिशत के बराबर थी।

भारत, ईरान का एक प्रमुख भागीदार

राष्ट्रीय चुनावों में भारत के निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी भारतीय जनता पार्टी की दोबारा जीत पर बधाई देते हुए एक संदेश में, ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मुहम्मद मुख़बिर ने कहा: आपके मार्गदर्शन और नेतृत्व में भारत, ईरान का एक प्रमुख भागीदार बन गया है।

ईरान ने पिछले साल एक अरब डॉलर का पिस्ता निर्यात किया

ईरान के राष्ट्रीय पिस्ता एसोसिएशन के न्यासी बोर्ड के उपाध्यक्ष जलील कारबख़्श रावरी ने पिछले हिजरी शम्सी साल (1402) में एक अरब डॉलर के पिस्ता के निर्यात की घोषणा की और कहा कि पिछले साल ईरान में 200 हजार टन पिस्ते का उत्पादन किया गया जिसमें 90 लाख से एक अरब डॉलर मूल्य के 1 लाख 20 हज़ार टन पिस्तों का निर्यात टारगेटेड देशों को किया गया है। इस समय ईरान के 27 प्रांतों में पिस्तों का उत्पादन होता है।

अफ़ग़ानिस्तान के लिए क्षेत्रीय संपर्क ग्रुप की बैठक की तेहरान द्वारा मेज़बानी

 

 

 

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्रालय में दक्षिणी एशिया डेस्क के महानिदेशक और मंत्री सैयद रसूल मूसवी ने कहा: अफ़ग़ानिस्तान के लिए क्षेत्रीय संपर्क ग्रुप की बैठक शनिवार को तेहरान में हो रही है जिसमें ईरान, चीन, रूस और पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधी शामिल हैं।

 

  ईरान के दक्षिणपूर्वी हिस्से में सबसे बड़ा पीने का पानी बनाने वाले संयंत्र का उद्घाटन

 ईरान वाटर एंड वेस्टवाटर इंजीनियरिंग कंपनी के सीईओ हाशिम अमीनी ने कहा: ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सीस्तान और बलूचिस्तान पर राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी की विशेष नज़र और उत्तर से दक्षिण तक सभी जल परियोजनाओं के लिए विशेष धन का आवंटन किए जाने की वजह से इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पीने का पानी बनाने वाला उपकरण आठ महीने के भीतर काम करना शुरु हो जाएगा।

 

 

 

पिछले 12 महीनों में ईरान के कस्टम में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

 

 

 

ईरान के सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज़्रपाश ने ब्रिक्स देशों के परिवहन मंत्रियों की बैठक में कहा: पिछले 12 महीनों में ईरान से पारगमन 60 प्रतिशत बढ़कर 17.6 मिलियन टन से अधिक हो गया है जो दुनिया के अन्य देशों के लिए ईरान के कस्टम मार्ग की सुरक्षा और कम ख़र्चे की विश्वसनीयता को दर्शाता है। ईरान क्षेत्र के देशों के लिए है।

 

 

 

चीन के लिए ईरान के तेल निर्यात ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

 

 

 

ब्लूमबर्ग ने लिखा कि चीन ने पिछले महीने मई में ईरान से 1.54 मिलियन बैरल तेल आयात किया, जो अक्टूबर के बाद से सबसे अधिक मात्रा थी।

पाकिस्तान केपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम असल शक्ति केंद्र के अलावा किसी कठपुतली से बात करने के इच्छुक नहीं है।

अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई के बाद अदियाला जेल में पत्रकारों से बात करते हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह केवल उन्हीं लोगों से बात करेंगे, जिनके पास असल में शक्ति है। खान ने आगे कहा कि सरकार के पास शक्ति नहीं है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, खान का निशाना पाकिस्तानी सेना पर था, जिसे वहां सबसे ताकतवर कहा जाता है।

खान ने कहा कि देश में राजनीतिक प्रतिशोध चल रहा है। मैं अपने वकीलों की मौजूदगी में ही सिफर मामले में एफआईए को जवाब दूंगा। उन्होंने पाकिस्तान की खस्ता हालत पर खेद जताते हुए कहा कि देश का आर्थिक पतन हो रहा है। स्थिरता के बिना देश में कोई निवेश संभव नहीं है। आगामी बजट से महंगाई और कर्ज बढ़ेगा।

संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय की लगातार अपील के बाद भी अवैध राष्ट्र इस्राईल ग़ज़्ज़ा के स्कूलों पर लगातार बमबारी कर रहा है। ग़ज़्ज़ा पर अवैध राष्ट्र इस्राईल के लगातार बर्बर हमलों में अब तक 37 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। अब ज़ायोनी सेना ने एक बार फिर उत्तरी ग़ज़्ज़ा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक और स्कूल पर बमबारी की है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई । हमला ग़ज़्ज़ा के केंद्र में एक स्कूल पर हुआ है ठीक इसी तरह एक दिन पहले भी ज़ायोनी सेना ने एक स्कूल पर हमला किया था जिसमें कम से कम 33 लोग मारे गए थे।

शुक्रवार को मध्य ग़ज़्ज़ा में रात भर ज़ायोनी सेना के हवाई हमलों में बच्चों सहित 28 लोग मारे गए। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र के साथ सीमा रेखा पर तैनात ज़ायोनी सेना के टैंकों ने पश्चिम और दक्षिणी शहर के केंद्र की ओर कई हमले किए, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

अमरीकी बमों से फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के स्कूल पर बमबारी, अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में इस्राईल के प्रतिनिधि के भाषण का बहिष्कार, फ़िलिस्तीन के समर्थन के लिए ईरान की भूमिका की अरब राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा सराहना, यमनी और इराक़ी प्रतिरोधियों का इस्राईल के ख़िलाफ़ संयुक्त अभियान, दाइश के बचेखुचे तत्वों के सफ़ाए के लिए सीरियाई सेना के बड़े अभियान की शुरुआत और फ़िलिस्तीन के समर्थन में लाखों यमनियों का मार्च पिछले घंटों में पश्चिम एशिया के संबंध में घटने वाली कुछ प्रमुख घटनाएं हैं।

वह दर्द जिसे देखकर, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता की आंखों में आंसू आ गए

मेहर न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ग़ज़ा में उत्पीड़ित फ़िलिस्तीनी माओं और बच्चों की पीड़ा का ज़िक्र करते हुए अपनी भावनाओं पर क़ाबू नहीं रख सकीं और रोने लगीं। 7 अक्टूबर 2023 को ग़ज़ा पर इस्राईली हमलों के नए दौर की शुरुआत के बाद से 15,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी बच्चे शहीद हो चुके हैं।

सीएनएनः अमरीकी बमों से फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के स्कूल पर बमबारी की गई है

सीएनएन ने ज़ायोनी सेना की अल-नुसैरात शिविर स्थित एक स्कूल पर बमबारी से संबंधित वीडियो का विश्लेषण और समीक्षा करके, निष्कर्ष निकाला है कि इस अपराध को भी अमरीका के बमों और हथियारों का इस्तेमाल करके अंजाम दिया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में इस्राईल के प्रतिनिधि के भाषण का बहिष्कार

अल-आलम की रिपोर्ट के मुताबिक़, अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में जब ज़ायोनी शासन के प्रतिनिधि का भाषण शुरू हुआ तो अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के सदस्य कई देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने इसका बहिष्कार किया और वे इस विशेष सत्र से बाहर चले गए।

इस्राईल के ख़िलाफ़ यमनी और इराक़ी प्रतिरोधियों का संयुक्त अभियान

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता यहया सरी ने शुक्रवार को बताया कि यमन और इराक़ के प्रतिरोधियों ने इस्राईल के हैफ़ा पोर्ट को संयुक्त रूप से निशाना बनाया है।

दाइश के बचेखुचे तत्वों के सफ़ाए के लिए सीरियाई सेना के बड़े अभियान की शुरुआत

सीरियाई सेना ने गुरुवार की सुबह से रूस की वायु सेना की मदद से देश के पूरब में स्थित दैर अल-ज़ौर प्रांत के जंगलों में दाइश के बचेखुचे तत्वों के सफ़ाए के लिए व्यापक अभियान शुरु किया है।

फ़िलिस्तीन के समर्थन में लाखों यमनियों का मार्च

आज शुक्रवार को लगातार चौंतीसवें सप्ताह, यमनियों ने सादा, रिमाह और मारिब प्रांतों समेत कई क्षेत्रों में ग़ज़ा के समर्थन और इस्राईल के युद्ध अपराधों के ख़िलाफ़ मार्च निकाला और जमकर नारेबाज़ी की। यमनियों का कहना था कि जब तक ग़ज़ा पर ज़ायोनी सेना के हमले जारी रहेंगे, तब तग यमनी प्रतिरोध इस्राईली लक्ष्यों को निशाना बनाता रहेगा।

फ़िलिस्तीन के समर्थन के लिए ईरान की भूमिका की अरब राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा सराहना

 

तस्नीम न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, अरब राष्ट्रीय कांग्रेस ने बेरूत में अपनी बैठक में बताया कि अल-अक़्सा तूफ़ान ऑपरेशन ने अरब-ज़ायोनी संघर्ष के समीकरणों को एक नया रूप दे दिया है और ग़ज़ा में प्रतिरोधी संगठनों के समर्थन में एक नई रूह फूंक दी है। इस बैठक में फ़िलिस्तीनियों और प्रतिरोध की रक्षा में ईरान की भूमिका की सराहना भी की गई।

अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कम से कम 200 लोगों पर मुंबई पुलिस पर पथराव करने के आरोप में मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई जारी है जिस में अब तक 57 लोगों को बंदी बना लिया गया है।

बीएमसी ने कहा था कि पवई और मौजे तिरंदाज गांव में अस्थायी झोपड़ियां बनी थीं और राज्य मानवाधिकार आयोग ने नागरिक निकाय को इन अस्थायी झोपड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

 मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने बवाल कर दिया था। इस दौरान कार्रवाई करने पहुंचे पुलिसकर्मियों और बीएमसी के अधिकारियों पर पथराव किया गया। इस हादसे में कम से कम 15 पुलिसकर्मी घायल भी हुए। इस घटना के बाद पुलिस ने 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिनमें से 57 को पकड़ लिया गया है।