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अरब मीडिया ने घोषणा की है कि यमन में "मार्ब" प्रांत के पूर्व में "अल-वादी" शहर के उपनगरीय इलाके में एक अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 को मार गिराया गया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मीडिया सूत्रों ने बताया कि यमनी सशस्त्र बलों ने एक और अमेरिकी ड्रोन मार गिराया।

अरब मीडिया ने घोषणा की है कि यमन के "मरीब" प्रांत के पूर्व में अल-वादी शहर के उपनगरीय इलाके में 31 मिलियन डॉलर मूल्य के अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 को मार गिराया गया है।

ऐसा तब है जब कुछ मीडिया ने घोषणा की है कि यमनी सशस्त्र बलों ने एक अमेरिकी ड्रोन को निशाना बनाया है, मीडिया सूत्रों ने मारिब के रेगिस्तान में ड्रोन की तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं।

इससे पहले, यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या अल-सारी ने घोषणा की थी कि उनके देश की सेना ने पिछले कुछ महीनों में पांच अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को रोका और मार गिराया है।

साड़ी ने आज यह भी घोषणा की कि शाम 4:00 बजे वह चौथे वृद्धि ऑपरेशन के ढांचे में व्यापक सैन्य अभियान पर एक बड़ा बयान जारी करेंगे।

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने मामून के नाम जो  लिखा था उसमें फ़रमाया है कि अल्लाह के दोस्तों के साथ दोस्ती वाजिब है, इसी प्रकार अल्लाह के दुश्मनों से दुश्मनी रखना और बेज़ारी करना वाजिब है।

हज़रत अली बिन मूसा अर्रज़ा अलैहिस्सलाम सातवें इमाम, इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के बेटे हैं और वह इस्ना अश्री शियों के आठवें इमाम और पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र हैं और उनके बारे में पैग़म्बरे इस्लाम की सिफारिशें हैं।

20 वर्षों तक इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की इमामत थी। जिस समय इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की इमामत थी उस वक्त हारून रशीद, अमीन और मामून अब्बासी शासकों का शासन था। सन् 200 हिजरी क़मरी में मामून ने इमाम को मदीना से ईरान के ख़ुरासान प्रांत के मर्व शहर आने पर मजबूर किया। मर्व उस समय अब्बासी ख़लीफ़ाओं की सरकार का केन्द्र था। मामून ने इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम को उत्तराधिकारी के पद को क़बूल करने पर बाध्य किया और अंततः उसने 203 हिजरी क़मरी में इमाम को ज़हर देकर शहीद करवा दिया। उसके बाद इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम को जिस जगह पर दफ्न किया गया वह जगह "मशहदुर्रज़ा" के नाम से मशहूर हो गयी और आज दुनिया के लाखों शिया और ग़ैर शिया पूरे साल उनकी पावन समाधि की ज़ियारत के लिए आते रहते हैं।

यहां पर हम मोमिन की विशेषताओं के बारे में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की कुछ हदीसों को बयान कर रहे हैं।

 हक़ीक़ते ईमान के शिखर पर पहुंचने का रास्ता

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रमाते हैं  कोई भी बंदा ईमान की हक़ीक़त के शिखर पर नहीं पहुंच सकता मगर यह कि उसमें तीन विशेषतायें हों। धर्म की पहचान, जिन्दगी में सही कार्यक्रम बनाना और जीवन की कठिनाइयों व सख्तियों पर धैर्य करना। (तोहफ़ुल उक़ूल)

 ईमान के पहलु

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ईमान के बारे में इरशाद फ़रमाते हैं "दिल से पहचान व क़बूल करना, ज़बान से स्वीकार करना और शरीर के अंगों से अमल करना। (तोहफ़ुल उक़ूल) 

 क्रोध और ख़ुशी की हालत में मोमिन का व्यवहार

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रमाते हैं कि मोमिन जब ग़ुस्सा करता है तो उसका ग़ुस्सा उसे हक़ से बाहर नहीं करता है और जब राज़ी व ख़ुश होता है तो उसकी ख़ुशी उसे बातिल व ग़लत चीज़ों में दाख़िल नहीं करती है और जब ताक़त व क़ुदरत पैदा करता है तो अपने हक़ से अधिक नहीं लेता है। (बेहारुल अन्वार)

 अल्लाह के दोस्तों के साथ दोस्ती और अल्लाह के दुश्मनों से दुश्मनी व बेज़ारी

इमाम रज़ा अलैहिस्लाम इरशाद फ़रमाते हैं कि अल्लाह के दोस्तों से दोस्ती करना वाजिब और इसी तरह उसके दुश्मनों और सरगनाओं से दुश्मनी और बराअत व बेज़ारी वाजिब है। (वसाएलुश्शिया)

  अल्लाह के बेहतरीन बंदे

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से अल्लाह के नेक बंदों के बारे में सवाल किया गया तो इमाम ने फ़रमाया अल्लाह के नेक बंदे जब नेक काम करते हैं तो प्रसन्न होते हैं, जब ग़लत काम व गुनाह करते हैं तो इस्तेग़फ़ार करते हैं, जब उन्हें कोई चीज़ दी जाती है वे उसका शुक्र अदा करते हैं और जब किसी मुसीबत में गिरफ्तार होते हैं तो धैर्य करते हैं और जब क्रोधित होते हैं तो माफ़ और नज़रअंदाज़ कर देते हैं। (मुसनद अलइमाम रज़ा अलैहिस्सलाम) 

 लोगों का शुक्रिया अदा करना अल्लाह का शुक्र है

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रमाते हैं कि जो लोगों का शुक्रिया अदा नहीं करता वह अल्लाह का भी शुक्र अदा नहीं करता। (उयूनो अख़बार्रिज़ा अलैहिस्सलाम)

 दुनिया से हलाल लाभ उठाना

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रमाते हैं कि दुनिया से लाभ उठाओ। इसलिए कि हलाल की हद तक दिल की मांगों को पूरा करो, जहां तक मुरव्वत ख़त्म न हो और उसमें फ़ुज़ूलख़र्ची न हो। इस तरीक़े से धार्मिक कार्यों में मदद लो। (फ़िक़्हुर्रज़ा)

 बाप के सामने विन्रम रहना

इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रताते हैं कि तुम पर बाप की इताअत और उसके साथ नेकी करना वाजिब है, उससे नम्रता से और झुक कर पेश आओ, इसी प्रकार बाप का सम्मान करो और उसकी मौजूदगी में आवाज़ नीची रखो। (फ़ेक़हुर्ररज़ा अलैहिस्सलाम)

 

उत्तरी अमेरिकी मैक्सिको में फ़िलिस्तीन के समर्थकों में इज़रायल के घातक हमले के ख़िलाफ़ मैक्सिको सिटी में इज़रायली दूतावास के सामने प्रदर्शन किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,उत्तरी अमेरिकी के मैक्सिको में फ़िलिस्तीन के समर्थकों में फ़िलिस्तीनी शरणार्थी टेंटों पर इज़रायल के घातक हमले के ख़िलाफ़ मैक्सिको सिटी में इज़रायली दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ।

राफह में शरणार्थी शिविरों पर इजरायली हमले में कम से कम 45 लोगों की मौत और सैकड़ों फिलिस्तीनियों के घायल होने के बाद मेक्सिकोवासियों ने इज़रायली दूतावास के सामने प्रदर्शन किया हैं।

मेक्सिको सिटी में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन की जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें देखा जा सकता है कि पुलिस और फोर्स अलग अलग तरीकों से प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं और सड़कों को ब्लॉक कर रहे हैं।

 

सुरक्षा बलों की फ़िलिस्तीनी समर्थकों के साथ झड़प हुई और मैक्सिकन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और बलों पर पत्थर और वस्तुएँ फेंककर जवाब दिया हैं।

 

 

 

 

 

ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सेना की ओर से 7 महीने से अधिक समय से जारी क़त्ले आम और रफह में हालिया नरसंहार के बीच यूरोपीय यूनियन के तीन देशों स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड ने फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी है जिस पर अवैध राष्ट्र इस्राईल भड़क गया है।

इस्राईल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच यूरोपीय संघ (ईयू) के कुछ सदस्य देशों ने मंगलवार को औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता दे दी है। जिन देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दी है, उनमें स्पेन, नॉर्वे, आयरलैंड शामिल है। यूरोपीय देशों की इस कार्रवाई से इस्राईल पर दबाव बढ़ सकता है।

स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज ने इस कदम को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि इसका एक ही लक्ष्य है कि फिलिस्तीनी नागरिक शांति प्राप्त करें। आयरलैंड के प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने कहा कि इससे दुनिया में एक संदेश जाता है कि आप दो राज्य समाधान के लिए इस तरह के कदम उठा सकते हैं। यूरोपीय संघ के सदस्य माल्टा और स्लोवेनिया ने भी पुष्टि की है कि वे भी ऐसा कुछ कर सकते हैं पर तुरंत नहीं। बता दें, संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधित्व करने वाले 190 से अधिक देशों में से लगभग 140 देश पहले ही फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे चुके हैं।

यूक्रेन युद्ध की आग को भड़का रहे यूरोपीय देशों को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हुए कहा की यूरोप के इन ज़रा ज़रा से देशों को भूलना नहीं चाहिए कि वह किस के साथ खेल रहे हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति को लेकरचेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर पश्चिमी देश रूस पर हमला करने के लिए यूक्रेन को अपने हथियारों का इस्तेमाल की इजाजत देते है तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। पुतिन ने यह चेतावनी तब दी, जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि रूस जहां से यूक्रेन पर हमला कर रहा है, उन ठिकानों को नष्ट करने के लिए यूरोपीय देशों को यूक्रेन की मदद करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, यूरोप के छोटे-छोटे देशों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वे किसके साथ खेल रहे हैं।

नॉलेज बेस्ड कंपनियां, आज किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं। ईरान में इस तरह की कई कंपनियां सक्रिय हैं।

कुछ नॉलेज बेस्ड ईरानी कंपनियां अपने प्रोडक्ट दूसरे देशों में निर्यात कर रही हैं, ख़ास तौर पर नैनो, मेडिकल इंजिनीयरिंग, दवा और मेडिकल डिवाइसेस के क्षेत्र में।

ईरान की 11वीं संसद में पारसियों के प्रतिनिधि डा. इसफ़ंदयार बख़्तियारी कि जो देश में नॉलेज बेस्ड कंपनियों से संबंधित दो महत्वपूर्ण क़ानूनों को पारित कराने में अहम भूमिका रखते हैं, यज़्द में पहले टेक्नो सैंटर के संस्थापक भी हैं, जिन्हें ईरान की नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था और नॉलेज पार्कों का जनक भी कहा जाता है।

डा. इसफ़ंदयार बख़्तियार से बातचीत की है, जिसे हम यहां पेश कर रहे हैं।

डा. साहब नॉलेज बेस्ड कंपनी क्या है?

नॉलेज बेस्ड कंपनियों की स्थापना, विचार और ज्ञान के आधार पर की जाती है। दर असल यह कंपनियां, अपने आईडियाज़ और डिज़ाइंस को लागू करती हैं और उन्हें बेचती हैं। नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था में हम इनोवेशन और टैक्नॉलोजी पर भरोसा करते हैं। इस अर्थव्यवस्था वाले मॉडल में कस्टमर, इनोवेशन और नए विचारों के लिए भुगतान करते हैं, इसलिए यह सिलसिला कभी रुकता नहीं है, क्योंकि सोच कभी रुकती नहीं होती।

दर असल, नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था में महान ईरानी शायर सादी के इस कथन को अमली जामा पहनाया जाता है, जो कहते हैः जो बुद्धिमान है, वही सक्षम है।

ईरान में नॉलेज बेस्ड कंपनियों का आइडिया कब आया और कब से इस पर काम शुरू हुआ?

ईरान में नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था का आग़ाज़ लगभग 22 साल पहले हुआ, जब देश में पहले नॉलेज पार्क की स्थापना की गई। उसके  9 साल बाद, इससे संबंधित एक क़ानून पारित किया गया, जिसमें नॉलेज बेस्ड कंपनियों और नॉलेज पार्कों के बुनियादी ढांचे का समर्थन किया गया था और इन कंपनियों को परिभाषित किया गया था।

इस क़ानून की बुनियाद पर कई कंपनियों ने काम शुरू किया और कुछ पुरानी कंपनियों ने भी नए जोश के साथ इसे अपनाया। दो साल पहले नॉलेज बेस्ड उत्पादन में वृद्धि से संबंधित एक दूसरा क़ानून पारित किया गया।

आज ईरान में नॉलेज बेस्ड कंपनियों की क्या स्थिति है?

हमें इस फ़ील्ड में अच्छा अनुभव है। दर असल ईरान इस फ़ील्ड में पूरे पश्चिम एशिया का हब बन गया है। विश्व स्तर पर भी उसकी स्थिति अच्छी है। ऐसी कुछ कंपनियों का एक्सपोर्ट और टर्नओवर अच्छा है और वह विश्व स्तर पर काम कर रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे रिलेटेड हम किन मामलों में सफल हैं?

हमारे देश में अकसर ऐसी कंपनियां, टैक्नॉलोजी और इंजीनियरिंग, मेडिकल रोबोट, मेडिकल इंजीनियरिंग, आईटी और नैनो टैक्नॉलोजी के क्षेत्र में सक्रिय हैं।

ईरान की कई नॉलेज बेस्ड कंपनियां, मेडिकल उपकरण बनाने में कई मल्टीनेशनल कंपनियों से मुक़ाबला कर रही हैं। कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर रही हैं।

क्या यह कंपनियां, ह्यूमैनिटीज़ और आर्ट में भी यह कंपनियां सक्रिय हैं?

हां, हर वह क्षेत्र जहां नए विचार पैदा हों, और यह विचार अर्थव्यवस्था में भूमिका अदा करें, तो उसे नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था कहा जाता है। मिसाल के तौर पर टूरिज़म में उस पहले शख़्त के विचार को कि जिसने अपने निजी घर को टूरिस्टों के ठहरने और उससे पैसा कमाने की शुरूआत की, नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था कहा जाएगा।

नॉलेज बेस्ड कंपनियों पर अमरीकी पाबंदियों का क्या असर पड़ा?

पाबंदियों ने तरीक़े से काफ़ी मदद की, क्योंकि ऐसी कई कंपनियों की बुनियाद, ज़रूरत और अभाव के आधार पर पड़ी। जैसे कि कोरोना के ज़माने में जब ईरान को वेंटिलेटर्स के इम्पोर्ट की इजाज़त नहीं मिली, तो इन कंपनियों ने ख़ुद नए प्रकार के वेंटिलेटर्स को डिज़ाइन किया और बनाया। दर असल, पाबंदियों की वजह से कई क्षेत्रों में इन कंपनियों को बढ़ावा मिला।

लेकिन पाबंदियों से नुक़सान भी हुआ, क्योंकि इन कंपनियों को दूसरे देशों को अपने प्रोडक्ट्स बेचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और वह पैसे का लेन-देन आसानी से नहीं पा रही हैं।      

नॉलेज बेस्ड कंपनियों का भविष्य कैसा है?

ईरानियों के पास बुद्धि और ज्ञान दोनों हैं, इसलिए नॉलेज बेस्ड कंपनियां अच्छा काम कर सकती हैं, लेकिन इस शर्त के साथ कि अर्थव्यवस्था के सरकारी होने की समस्या उनके रास्ते में रुकावट न बने।

ईरान के सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन और हस्तशिल्प विभाग के उप मंत्री ने बताया है कि दुनिया की आधी आबादी के लिए बिना वीज़े के ईरान की यात्रा की सुविधा हो गयी है।

दुनिया की आधी आबादी के लिए बिना वीज़े की ईरान की यात्रा की संभावना, ईरानी फ़िल्मों के लिए तीन रूसी फ़ेस्टिवेल पुरस्कार और मलेशिया में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में ईरान की ज़बरदस्त उपस्थिति, ईरान की कुछ सामाजिक व सांस्कृतिक ख़बरें हैं।

ईरानी गायकों का इन्टरनेश्नल कंसर्ट दुबई पहुंचा

ईरानी सिंगर अली रज़ा क़ुरबानी का म्युज़िकल कंसर्ट 7 जून को संयुक्त अरब इमारात के दुबई में आयोजित किया जाएगा।

इस ईरानी सिंगर का म्युज़िकल कंसर्ट प्रोग्राम दुबई में "फ़िरदौस" ऑर्केस्ट्रा के साथ मिलकर आयोजित किया जाएगा जो संयुक्त अरब इमारात का सबसे प्रतिष्ठित और मशहूर ऑर्केस्ट्रा है। इस ऑर्केस्ट्रा की स्थापना मशहूद भारतीय संगीतकार, कंपोज़र और ऑस्कर व गोल्डन ग्लोब पुरस्कार विजेता ए.आर. रहमान" ने की है।

लॉस एंजिल्स फ़िल्म फेस्टिवल में एक ईरानी फिल्म की स्क्रीनिंग

ईरानी शॉर्ट फ़िल्म "मरीज़खाने मरकज़ी" (Central Hospital) 34वें लॉस एंजिल्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल (आईएफएस) में प्रदर्शित की जाएगी। यह फ़ेस्टिवल इस साल 12 से 20 जून तक लॉस एंजिल्स में आयोजित किया जाएगा।

ईरानी फ़िल्मों के लिए तीन रूसी फ़ेस्टिवल पुरस्कार

"मुख्तार अब्दुल्लही" द्वारा लिखित और निर्देशित ईरानी फ़िल्म "अमंग द रॉक्स" ने हीरो ऑफ़ रशिया फ़ेस्टिवल से तीन पुरस्कार जीते।

इस फ़िल्म को हीरो ऑफ़ रशिया फेस्टिवल का भव्य पुरस्कार, दर्शकों के नज़रिए से सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार (आंदिया यहियापुर) को सम्मान का डिप्लोमा मिला।

हीरो फ़ेस्टिवल 20 मई से 24 मई तक रूस के क्रास्नोयार्स्क में आयोजित किया गया था।

दुनिया की आधी आबादी बिना वीज़ा के ईरान की यात्रा कर सकती है

ईरान के सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन और हस्तशिल्प विभाग के उप मंत्री  अली असग़र शालबाफ़ियान ने बताया है कि दुनिया की आधी आबादी के लिए बिना वीज़े के ईरान की यात्रा की सुविधा हो गयी है। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के पर्यटन प्रमुखों की ऑनलाइन बैठक में कहा कि वर्तमान में दुनिया की आधी आबादी बिना वीज़े के ईरान की यात्रा कर सकती है।

उन्होंने यूनेस्को की विश्व धरोहर में ईरान के 27 पंजीकृत अवशेषों, ईरानी वास्तुकला की उच्च विविधता, प्रामाणिक ईरानी हस्तशिल्प जिसने प्रामाणिकता की 398 मुहरें हासिल की हैं, "क्रिएटिव क्राफ्ट्स सिटीज़ नेटवर्क" शीर्षक के अंतर्गत 5 शहर, अद्वितीय ईरानी व्यंजन, विविध जलवायु परिस्थितियां, पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर स्पा झरनों, विशेषज्ञ तथा पेशेवर डॉक्टरों और बहुत कुछ चीज़ें के साथ एक अनूठी क्षमता जिसका दुनिया में कहीं और शायद ही अनुभव किया जा सकता है।

सैयद हसन नसरुल्लाह की मां ने दुनिया को सबसे बड़ी इंसानी पूंजी दी: महिला एवं परिवार मामलों की मंत्री

महिलाओं के मामले में राष्ट्रपति की सलाहकार अनिसा खज़अली ने इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव की मां के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा: वह हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरल्लाह की एकमात्र मां नहीं थीं, प्रतिरोध का श्रेय, एक ऐसी महिला को जाता है जिसके प्रशिक्षण ने बसे बड़ी मानवीय पूंजी दुनिया को तोहफ़े में दी और उनके लालन पालन और प्रशिक्षण का ही परिणाम है कि एक बहादुर, साहसी और मानवता के गौरव उन्होंने दुनिया में पेश किया।

मलेशिया में ईरानी किताबों के प्रशंसकों के लिए अच्छी ख़बर

ईरान ने मलेशिया के 24वें अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में बढ़

चीन की संसद ने एक विधेयक को मंजूरी देते हुए चीन विरोधी अपने राष्ट्रपति के शक्तियां घटा दी हैं। ताइवान में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां राष्ट्रपति लाइ चिंग ते देश को स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश बनाए रखना चाहते हैं, वहीं संसद में बहुमत रखने वाली नेशनलिस्ट पार्टी आधिकारिक तौर पर ताइवान का चीन में विलय चाहती है। मंगलवार को संसद ने उस विधेयक को मंजूरी दी जो वित्तीय, सैन्य और प्रशासनिक मामलों में राष्ट्रपति की शक्तियों को घटाता है।

राष्ट्रपति चिंग ते डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी से आते हैं। इस पार्टी की अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति साइ इंग वेन हैं, जिनके कार्यकाल में अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी। ताइवान की संसद के फैसले के खिलाफ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के हजारों समर्थकों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। ताइवान में राष्ट्रपति राष्ट्र और प्रशासन दोनों का प्रमुख होता है। ऐसे में संसद का फैसला टकराव पैदा कर सकता है।

 

जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि रफ़ह पर इज़रायली हमलों से कनाडा भी डरा हुआ हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनगिनत नागरिक मारे गए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा राफह पर इजरायली हमलों से चिंतित है जिसके परिणामस्वरूप अनगिनत नागरिकों की मौत हुई हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए ट्रूडो ने कहा कि कनाडा किसी भी तरह से रफह में इजरायल के सैन्य अभियान का समर्थन नहीं करता हैं उन्होंने कहा: गाजा पट्टी में हम जो लोगों की सामूहिक हत्या देख रहे हैं उसे रुकना चाहिए।

कनाडा के प्रधान मंत्री ने गाजा में संघर्ष विराम का आह्वान किया और गाजा निवासियों के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया हैं।

बर्लिन से बग़दाद तक दुनिया भर में हजारों लोग रफ़ह में इस्राईली सेना के क्रूर अपराधों और फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की हत्या की निंदा करने के लिए सड़कों पर उतर आए।

इस्राईल के ख़िलाफ़ दुनिया का गुस्सा, जर्मन सेना द्वारा सैनिकों की भर्ती के लिए टिकटॉक का इस्तेमाल, ताइवान में नए हथियार भेजने की अमेरिका की योजना, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ समझौते के लिए चीन का कदम और लीबिया में इस्राईल के बायकॉट के कैंपेन में आई तेज़ी, हालिया कुछ घंटों में दुनिया की चुनिंदा ख़बरें हैं।

दक्षिण कोरिया और जापान के साथ संबंध स्थापित करने की दिशा में चीन

सोमवार को चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच 9वीं "त्रिपक्षीय शिखर बैठक" की शुरुआत के मौक़े पर कहा कि बीजिंग, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ व्यापक त्रिपक्षीय सहयोग फिर से शुरू करना चाहता है।

यूक्रेन के विपरीत हम ताइवान को नए हथियार देंगे:अमेरिका

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष माइकल मैक्कल ने ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते से मुलाक़ात में कहा कि वाशिंगटन, ताइवान को विकसित और आधुनिक हथियार देने का इरादा रखता है और यूक्रेन जैसे पुराने हथियार इस द्वीप के हवाले नहीं करेगा। चीन के मुताबिक ताइवान स्ट्रेट में तनाव बढ़ने का मुख्य कारण अमेरिका है।

जर्मन सेना द्वारा सैनिकों की भर्ती के लिए टिकटॉक का उपयोग

जर्मन सेना ने सैनिकों की भर्ती के लिए वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक का उपयोग करने की योजना बनाई है जो युवाओं के बीच बहुत ही लोकप्रिय है। जर्मन सेना के एक प्रवक्ता के अनुसार, यह पहल इस महीने के अंत में पूरे जर्मनी में व्यापक भर्ती के साथ एक नए कार्यक्रम-आधारित नज़रिए पर अमल के साथ ही शुरू होगी।

नैटो के परमाणु हमले की कोशिश पर रूस की अटकलें

ईस्ना के अनुसार, रूसी संघीय सीमा सुरक्षा सेवा के प्रमुख  विलादीमीर कुलीशेव का कहना है कि नैटो रूस पर हमला करने के लिए देश की सीमाओं के पास परमाणु अभ्यास और ड्रिल कर रहा है।

इस्राईल के ख़िलाफ वैश्विक आक्रोश

मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, दुनिया भर के लोगों ने बिना कॉल के और ख़ुद के मार्च और रैलियों के ज़रिए रफ़ह में इस्राईली अपराधों की निंदा करते हुए ग़ज़ा युद्ध और ज़ायोनी शासन के अपराधों को समाप्त करने की मांग की। ये प्रदर्शन इस्तांबुल, मैनचेस्टर, बग़दाद और बर्लिन समेत विभिन्न शहरों में आयोजित किए गए।

*  अपने ताज़ा अपराधों में ज़ायोनी शासन ने रविवार रात ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित रफ़ह के उत्तर-पश्चिम में स्थित शरणार्थी कैंपों और शरणार्थियों के रहने की जगहों पर बमबारी की। इस क्रूर हमले में कम से कम 50 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए।

रफ़ह पर इस्राईल के हमले पर गुटेरेस की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रफ़ह शहर पर इस्राईल के वहशियाना हमले की निंदा की और कहा कि ग़ज़ा में कोई सुरक्षित जगह नहीं है।

लीबिया में इस्राईल के बायकॉट कैंपेन में तेज़ी

 

तस्नीम न्यूज़ के अनुसार, लीबिया में ज़ायोनी शासन का समर्थन करने वाले देशों के सामानों, उत्पादों और प्रोडक्ट्स के बहिष्कार का लोकप्रिय कैंपेन तेज़ हो गया है।

हालिया दिनों में लीबिया के नागरिकों ने ज़ायोनी शासन का समर्थन करने वाले देशों के सामानों,उत्पादों और प्रोडक्टस का बायकॉट करते हुए, ज़ायोनी विरोधी प्रदर्शन किए हैं और फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार को रोकने की मांग की।

ख़बरों की दूसरी सुर्खियां:

रफ़ह में अवैध कब्ज़ा करने वालों के जनसंहार की जांच के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने का अल्जीरिया की अपील

रफ़ह में फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों पर इस्राईल का हमला अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है:पाकिस्तान

तुर्किए में ज़ायोनी वाणिज्य दूतावास जला दिया गया

ग़ज़ा में इंडोनेशियाई अस्पताल पर इस्राईल का भीषण हमला