
رضوی
राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने दी पुतीन को बधाई
राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने पर रूस के राष्ट्र्पति को ईरान के राष्ट्रपति ने बधाई दी है।
ईसना की रिपोर्ट के अनुसार इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने पुनः राष्ट्रपति चुने जाने पर रूसी राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन को बधाई दी है।
अपने बधाई संदेश में ईरान के राष्ट्रपति ने रूस के साथ बढ़ते संबन्धों पर खुशी जताते हुए दोनो देशों के बीच संबन्धों में अधिक से अधिक वृद्धि की कामना की है।
पिछले 25 वर्षों में 71 वर्षीय विलादिमीर पुतीन रुस में सत्ता के चरम पर रहे हैं। अब वे अगले छह वर्षों तक राष्ट्रपति पद पर आसीन रहेंगे। क्रेमलिन के हवाले से बताया जा रहा है कि रूस में राष्ट्रपति चुनाव के आयोजन के बाद विलादिमीर पुतीन ने 87.32 प्रतिशत वोट हासिल किये।
आंकड़े बताते हैं कि पुतीन के सारे ही प्रतिद्वदवी को 5 प्रतिशत के अंदर ही मत प्राप्त हुए हैं। इस नई जीत के साथ पुतीन, रूस के इतिहास में सबसे अधिक समय तक सत्ता पर रहने वाले नेता बन जाएंगे। रूस में पिछले शुक्रवार से तीन दिवसीय राष्ट्रपति चुनाव की शुरूआत हुई थी जो आज, विलादिमीर पुतीन के पुनः राष्ट्रपति चुने जाने की ख़बर लेकर आई।
रिज़वी लाइब्रेरीज़ संगठन और टोक्यो यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर
कुद्स रिज़वी लाइब्रेरी की ओर से आस्ताने कुद्स रिज़वी में पुस्तकालय, संग्रहालय और दस्तावेज़ीकरण केंद्र के संगठन के प्रमुख और टोक्यो विश्वविद्यालय के एशियन स्टडीज लाइब्रेरी द्वारा एक सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्तान कुद्स रिज़वी में पुस्तकालयों, संग्रहालयों और दस्तावेज़ीकरण केंद्र के संगठन और टोक्यो विश्वविद्यालय के एशियाई अध्ययन पुस्तकालय ने पुस्तकालय सेवाओं को बढ़ावा देने और आगे बढ़ाने पर व्यावहारिक और आभासी जानकारी और अनुभवों का आदान-प्रदान किया। इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों और डिजिटल पुस्तकालयों के विकास और विस्तार, पुस्तकालय संसाधनों के संरक्षण और रखरखाव आदि क्षेत्रों में सहयोग पर हस्ताक्षर किए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में टोक्यो यूनिवर्सिटी के एशियन स्टडीज लाइब्रेरी के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. ईजी सागावा, हन्नान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. ताकुजी नागाटा, डॉ. काजुओ मोरिमोटो, एशियन स्टडीज के पीएचडी छात्र डॉ. नाओकी निशियामा ने भी हिस्सा लिया।
प्रो. डॉ. इजी सागावा ने अस्तान कुद्स रिज़वी में पुस्तकालय, संग्रहालय और दस्तावेज़ीकरण केंद्र संगठन के आतिथ्य की प्रशंसा की, इस यात्रा को ईरान की अपनी पहली यात्रा बताया और कहा: यद्यपि मेरी शैक्षणिक विशेषज्ञता प्राचीन चीनी इतिहास का अध्ययन है, मुझे विश्वास है कि आस्तान क़ुद्स रिज़वी इस देश में एक धार्मिक संस्था के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
टोक्यो विश्वविद्यालय के एशियाई अध्ययन पुस्तकालय के प्रमुख ने कहा: "साइट के धार्मिक महत्व के कारण, संग्रह महान शैक्षणिक और सांस्कृतिक मूल्य का है, जो अत्यधिक सराहनीय है।"
उन्होंने कहा: एस्तान कुद्स रिज़वी लाइब्रेरी संगठन के साथ अकादमिक और सांस्कृतिक संबंधों की स्थापना और विस्तार जापान के राष्ट्रीय स्तर पर इस्लामी और ईरानी अध्ययन के क्षेत्र में टोक्यो विश्वविद्यालय की स्थिति और इसके अकादमिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रोफेसर डॉ. ईजी सागावा ने निष्कर्ष निकाला: टोक्यो विश्वविद्यालय 150 साल पुराना है, जो पूर्वी एशिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, और देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों से एशियाई अध्ययन संदर्भ एकत्र करने के लिए एशियाई अध्ययन पुस्तकालय पिछले 4 वर्षों से खोला गया है।
रमज़ान उल मुबारक के मौके पर सऊदी में 900 वॉलंटियर को ज़यरीन की मदद के लिए दी गई ट्रेनिंग
सऊदी अरब में रमज़ान अलमुबारक के मौके पर सभी तरीके की तैयारी की जा रही हैं इस दौरान तीर्थ यात्रियों को किसी तरह की परेशानी ना हो उसका पूरा ख्याल रखा जाएगा बड़ी संख्या में वॉलंटियर को तैयार किया गया हैं।
बताया जा गया है कि 900 male और female scouts सहित 40 scout leaders को तीर्थ यात्रियों की सेवा के लिए तैयार किया गया है।
इस बात की जानकारी दी गई है कि स्काउट के द्वारा तीर्थ यात्रियों की मदद की जाएगी बुजुर्ग के कार्ट को घुमाना, इफ्तार मील डिस्ट्रीब्यूट करना, क्राउड मैनेजमेंट से लेकर सपोर्ट सिक्योरिटी सुरक्षा में अपना योगदान देंगेें।
Mecca और Medina के दो पवित्र मस्जिद में सेवाओं को अपडेट किया जायेगा उमराह का पाक सीजन होता है उमराह ऐसे में लोगों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत हैं।
इस्राईल हमेशा के लिए हार चुका हैः कनआनी
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अवैध ज़ायोनी शासन, अब हमेशा के लिए परास्त हो चुका है।
नासिर कनआनी ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि अवैध ज़ायोनी शासन न केवल यह कि ग़ज़्ज़ा युद्ध में हार गया बल्कि वह अपना भविष्य भी गंवा चुका है।
उन्होंने एक सेवा निवृत्त ज़ायोनी सैनिक इस्हाक़ ब्रीक के कथन को उद्धरित करते हुए यह बात कही है। इस इस्राईली सैनिक ने कहा था कि ज़ायोनी शासन, हमास से युद्ध हार गया है और विश्व में अपने घटकों को भी खो चुका है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कनआनी कहते हैं कि अवैध ज़ायोनी शासन और उसके समर्थकों को भलिभांति पता है कि उनका मुक़ाबला न केवल हमास से है बल्कि उनके मुक़ाबले में फ़िलिस्तीन नामका एक एतिहासिक राष्ट्र खड़ा है।
निश्चित रूप में कल, फ़िलिस्तीनियों का ही होगा और इस्राईल के लिए हमेशा की बदनामी होगी। उन्होंने कहा कि विश्व के आम जनमत में ज़ायोनी शासन का कोई महत्व नहीं रह पाएगा।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कहते हैं कि इस अवैध ज़ायोनी शासन ने पिछले 5 महीनों के दौरान ग़ज़्ज़ा में 31000 से अधिक इंसानों की जानें ली हैं जिनमें से 22 हज़ार फ़िलिस्तीनी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
वे कहते हैं कि हर फ़िलिस्तीनी के शहीद होने से फ़िलिस्तीन का मुद्दा पुनर्जीवित हुआ है। विश्व के आम जनमत में इसको पहले से अधिक महत्व मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि ज़ायोनी शासन के एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल इसहाक़ ब्रीक ने मआरयु नामक समाचारपत्र में अपने लेख में लिखा था कि जनता से लंबे समय तक झूठ नहीं बोला जा सकता। हमास के साथ युद्ध में हार चुके हैं। हमास से हम अपने बंधक भी नहीं छुटा पाए हैं। दुनिया में हम अपने घटकों से भी अलग हो चुके हैं।
नाइजर में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति ग़ैर क़ानूनी घोषित
नाइजर के नये प्रशासन ने इस देश में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति के समझौते को निरस्त कर दिया है।
नाइजर की सैनिक परिषद के प्रवक्ता ने एलान किया है कि इसके बाद से नाइजर में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति ग़ैर कानूनी और नाइजर के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।
नाइजर के सैनिकों ने लगभग सात महीने पहले पश्चिम की ओर झुकाव रखने वाले इस देश के राष्ट्रपति मोहम्मद बाज़ूम को सत्ता से हटा दिया था और अपने देश से फ्रांसीसी सैनिकों की उपस्थिति का अंत कर दिया।
नाइजर का नया प्रशासन, माली और बुर्किना फासो के सैनिक प्रशासन के साथ अफ्रीक़ा महाद्वीप में यूरोपीय देशों और अमेरिकी प्रभाव के कम होने का कारण बना है।
ईरान की महिलाओं की उन्नति देखकर ज़िम्बाब्वे की मंत्री हतप्रभ
जिम्बाब्वे की मंत्री का कहना है कि वो ईरान की महिलाओं की उन्नति देखकर हतप्रभ रह गईं और ईरान की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए देश की सरकार की ओर से उठाए गए क़दमों ने उन्हें हैरान कर दिया है।
ज़िम्बाब्वे की महिला, सामाजिक कार्य, लघु व मध्यम उद्योग विकास मंत्री मोनिका मोत्सवांग्वा ने न्युयार्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में ईरान की महिला व परिवार मामलों की उप राष्ट्रपति इंसिया ख़ज़अली से मुलाक़ात में अपनी ईरान यात्रा को याद करते हुए कहा कि ईरान की सरकार की ओर से जिम्बाब्वी जनता के संघर्ष के भरपूर समर्थन ने दोनों देशों के रिश्तों की बुनियादें मज़बूत कर दीं
मोनिका मोत्सवांग्वा ने कहा कि ईरान और ज़िम्बाब्वे पर पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए एकपक्षीय व अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों से महिलाओं और लड़कियों पर भारी दबाव पड़ा है।
इस मुलाक़ात में श्रीमती ख़ज़अली ने कहा कि दोनों देशों की साम्राज्यवादी विरोधी और स्वाधीनता प्रेमी भावना पारस्परिक रिश्तों को मज़बूत करने में प्रभावी रही है।
दोनों ही पक्षों ने ग़ज़ा में महिलाओं की स्थिति पर गहरा खेद जताया और ग़ज़ा के बेगुनाह अवाम के ख़िलाफ़ अमानवीय अपराधों का सिलसिला बंद किए जाने पर ज़ोर दिया।
ज़ायोनिज़्म का सिविलाइज़ेशनल ख़तरा
संयुक्त राष्ट्र संघ ने फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की हालत पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि डाक्टर अब ग़ज़ा में नवजात शिशुओं का स्वाभाविक आकार नहीं देख पा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या कोष के अधिकारी डोमिनिक एलेन ने ग़ज़ा का दौरा करने के बाद एक प्रेस कान्फ़्रेंस में कहा कि ग़ज़ा में मानवता विरोधी गतिविधियां फ़िलिस्तीनी माओं के लिए डरावना सपना बन गई हैं और उनके बच्चे प्राकृतिक आकार से छोटे और बीमार अवस्था में पैदा हो रहे हैं।
डोमिनिक एलेन ने कहा कि ग़ज़ा पट्टी में जो पूरी तरह उजड़ चुका इलाक़ा है और वहां भुखमरी और पानी की क़िल्लत है राज़ाना 180 महिलाएं बच्चों को जन्म दे रही हैं और कुपोषण और संसाधनों की भारी कमी की वजह से बहुत से बच्चे मुर्दा पैदा हो रहे हैं या पैदा होने के कुछ ही घंटों बाद उनकी मौत हो जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या कोष की ओर से भेजी गई सहायताओं की खेप इस्राईली अधिकारियों के ज़रिए रोक दिए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मैंने ग़ज़ा में जो कुछ देखा वह मानवीय त्रास्दी से अधिक भयानक डरावना सपना है यह दरअस्ल मानवता का संकट है।
इस्राईली शासन अक्तूबर 2023 से पश्चिमी देशों के भरपूर समर्थन से ग़ज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ जंग कर रहा है।
इस्राईली हमलों में अब तक 31 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 72 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।
इस्राईली शासन की स्थापना ब्रितानी साम्राज्यवाद की साज़िश का नतीजा है जिसके तहत दुनिया के अलग अलग देशों से यहूदियों को फ़िलिस्तीन में लाकर बसाया गया औज्ञ 1948 में इस्राईल के गठन की घोषणा कर दी गई। उसी ज़माने से फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार और उनकी ज़मीनें हड़पने का सिलसिला जारी है।
जो कोई भी ग़ज़्ज़ा के दर्दनाक दृश्यों से प्रभावित नहीं होता उसके पास मानवता नहीं है
जमीयत उलमाई सूर लेबनान के प्रमुख ने कहा: जो कोई ग़ज़्ज़ा पट्टी, वेस्ट बैंक और दक्षिण लेबनान में ज़ायोनीवादियों द्वारा क्रूर हत्याओं और आतंकवाद के दृश्यों से प्रभावित नहीं है, ऐसा लगता है कि उसके पास मानवता नहीं है।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, जमीयत उलेमाई सूर लेबनान के प्रमुख शेख अली यासीन अल-अमिली ने टायर शहर में मदरसा अल-इमिया मस्जिद में अपने शुक्रवार के उपदेश के दौरान कहा: गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और दक्षिण में जो कुछ भी है लेबनान। यदि यह ज़ायोनीवादियों द्वारा क्रूर हत्याओं और आतंकवाद के दृश्यों से प्रभावित नहीं है, तो इसमें कई अरब और इस्लामी सरकारों की तरह मानवता नहीं है।
उन्होंने आगे कहा: भले ही ऐसे लोग जीवन भर उपवास करें, लेकिन वे ग़ज़्ज़ा में एक बच्चे की हत्या में अपनी भागीदारी का प्रायश्चित नहीं कर सकते।
लेबनान के जमीयत उलमाई सूर के प्रमुख ने कहा: ग़ज़्ज़ा, जो न केवल इजरायली घेराबंदी के तहत है, बल्कि अरब और इस्लामी घेराबंदी के तहत भी है, और कोई भी नहीं है जो इस क्रूर घेराबंदी को तोड़कर उनकी मदद कर सके, लेकिन दूर का देश यमन है।
उन्होंने कहा: हम अरब और इस्लामी देशों और दुनिया के स्वतंत्र लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे रमज़ान के पवित्र महीने के अनुसार कार्य करें और यदि वे ज़ायोनीवादियों के नरसंहार को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, तो कम से कम नरसंहार को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करें। ग़ज़्ज़ा के बाकियों के जानलेवा अकाल को रोकना है, तो कुछ हाथ-पैर मारो।
उन्होंने आगे कहा: उपवास विश्वास और पवित्रता का प्रतीक है, और ज़ायोनी दुश्मन, बच्चों और महिलाओं के उत्पीड़क और हत्यारे के साथ संबंधों को सामान्य बनाना अनैतिक और विश्वासघाती है।
उन्होंने कहा: हमें उपवास और उसके अर्थ और ज़ायोनीवादियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के बीच चयन करना चाहिए, क्योंकि उपवास के दौरान दुश्मन के साथ संबंधों को सामान्य बनाना विश्वास और अपराध के साथ अविश्वास को मिलाने जैसा है।
पाकिस्तान के सर्जिकल स्ट्राइक में कई लोग मारे गये
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है। इस हमले में अफगानिस्तान के दो प्रांतों को निशाना बनाया गया है।
बताया जा रहा है कि इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई है।
पाकिस्तान ने यह सर्जिकल स्ट्राइक अफगानिस्तान में घुसकर दो आतंकी ठिकानों पर की है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में घुसकर तहरीक-ए-तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाया है। यह एयर स्ट्राइक पाकिस्तान की सीमा से लगे खोस्त और पक्तिका प्रांत में दो अलग-अलग ठिकानों पर की गई है।
मीडिया आउटलेट खुरासान की रिपोर्ट के मुताबिक पक्तिका में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में तालिबान के कमांडर अब्दुल्ला शाह के ठिकाने को निशाना बनाया गया है। हालांकि शाह मारा गया या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन पाकिस्तानी सेना के इस हवाई हमले में शाह का घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
खुरासान के मुताबिक मारे गए तालिबान के कट्टरपंथी हाफिज गुलबहादर समूह के सदस्य हैं जो पाकिस्तान के वजीरिस्तान में हुए आर्मी कैंप पर हुए हमले में शामिल थे। 16 मार्च को तड़के ही तालिबान के इन चरमपंथियों ने सेना के बेस कैंप पर हमला किया था जिसमें विस्फोटकों से भरी गाड़ी से पोस्ट पर टक्कर मारी थी। इस भीषण धमाके में मौके पर सेना के 5 जवानों की मौत हो गई थी।
पुतीन ने फिर संभाली अगले 6 वर्षों के लिए सत्ता
रूस के राष्ट्रपति चुनाव में विलादिमीर पुतीन को 87 प्रतिशत मत पड़े हैं। इस प्रकार से वे फिर रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं।
क्रेमलिन के हवाले से बताया जा रहा है कि रूस में राष्ट्रपति चुनाव के आयोजन के बाद विलादिमीर पुतीन ने 87.8 प्रतिशत वोट हासिल किये।
पिछले 25 वर्षों में 71 वर्षीय विलादिमीर पुतीन रुस में सत्ता के चरम पर रहे हैं। अब वे अगले छह वर्षों तक राष्ट्रपति पद पर आसीन रहेंगे। इस हिसाब से रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन इस के इतिहास में पिछले 200 वर्षों के दौरान लंबी मुद्दत तक सत्ता पर विराजमान रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं।
राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव की मतगणना के बाद पुतीन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अमरीका की तुलना में रुस में चुनाव अधिक पारदर्शी होता है।
पुतीन का कहना था कि पश्चिम, रूस के साथ सशस्त्र युद्ध में व्यस्त है। एसे में स्वभाविक सी बात है कि वह चुनाव के परिणाम पर सवाल उठाए। उनका यह भी कहना था कि रूस के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए अमरीका ने अपनी न्याय व्यवस्था का प्रयोग किया। रूस के राष्ट्रपति कहते हैं कि उनके देश के लोकतंत्र पर शक नहीं किया जा सकता।
सोमवार को रूस ने घोषणा की है कि देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान अमरीका की गुप्तचर सेवा की कार्यवाहियों पर आपत्ति प्रकट करते हुए वाशिग्टन को डिप्लोमैटिक पत्र भेजा गया है। ज्ञात रहे कि विलादिमीर पुतीन पहली बार सन 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे।