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तंज़ीम ए जाफ़री हैदराबाद के अध्यक्ष  ने कहा कि अल-जौलानी की थोपी गई सरकार को अमेरिकी और इजरायली समर्थन प्राप्त है, जिसके कारण सीरिया में निर्दोष नागरिकों का नरसंहार जारी है।

तंज़ीम ए जाफ़री हैदराबाद के अध्यक्ष मौलाना सय्यद तक़ी रजा आबिदी ने सीरिया में एचटीएस आतंकवादियों द्वारा हाल ही में किए गए नरसंहार की कड़ी निंदा की है।

मौलाना ने कहा कि अल-जौलानी की थोपी गई सरकार को अमेरिकी और इजरायली समर्थन प्राप्त है, जिसके कारण सीरिया में निर्दोष नागरिकों का नरसंहार जारी है।

मौलाना ने कहा कि अलकायदा, आईएसआईएस और अन्य तकफीरी समूहों से किसी भी प्रकार की सहानुभूति की उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि ये समूह हमेशा से ही निर्दोष लोगों की हत्या में संलिप्त रहे हैं।

उन्होंने अरब शासकों की भी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अवैध सरकारों को स्वीकार करके अरब देशों ने सीरिया के असहाय लोगों के साथ विश्वासघात किया है।

मौलाना तक़ी रज़ा आबिदी ने चेतावनी दी कि सीरिया में अलावी और ईसाई समुदायों के जीवन और संपत्ति गंभीर खतरे में हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।

 

बहरैन में अमेरिकी राजदूत द्वारा इफ्तार वितरण को जनता ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रतिक्रिया के रूप में लिया है।

अमेरिकी राजदूत स्टीवन बोंडी ने बहरैन के एक इलाके में इफ्तार वितरित किया जिसे जनता ने अमेरिका की इस्लामी दुनिया के खिलाफ शत्रुतापूर्ण नीतियों के संदर्भ में संबंध सामान्य करने की कोशिश के रूप में देखा।

बहरैनी नागरिकों ने इसके जवाब में ईसा शहर की "ख़ियाबान कुद्स" (कुद्स स्ट्रीट) में रोज़ेदारों के बीच इफ्तार वितरित कर वैश्विक समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया उन्होंने इस अवसर पर नारा लगाया हम रोज़ेदारों के साथ इफ्तार करते हैं और फ़िलिस्तीन के लिए जीते हैं.हम सब इस संघर्ष का हिस्सा हैं।

इस कदम से यह स्पष्ट किया गया कि बहरैनी जनता अपने सिद्धांतों पर अडिग है और फ़िलिस्तीन के मक़सद का समर्थन जारी रखेगी। यह प्रतीकात्मक कार्रवाई हर प्रकार के बाहरी दबाव और संबंध सामान्य करने की साज़िशों के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक थी।

ग़ौरतलब है कि स्टीवन बोंडी, जो बहरैन में अमेरिका के दूसरे यहूदी राजदूत हैं, इससे पहले अक्टूबर 2023 में भी एक विवादास्पद बयान दे चुके हैं जिसमें उन्होंने केवल इज़राइली हत्याओं पर शोक व्यक्त किया था और हमास की निंदा की थी। उनके इस बयान पर बहरीन में व्यापक जन प्रतिक्रिया और आलोचना देखने को मिली थी।

मौलाना अकील अब्बास ज़ैनबी कहां,जो अल्लाह की मोहब्बत में अल्लाह के बन्दों की मदद करता है अल्लाह अपनी मोहब्बत से उसे अता कर देता है।

अंबेडकरनगर।जलालपुर विगत कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी गेटवेल चैरिटेबल क्लीनिक जलालपुर और इमामिया मेडिक्स इंटरनेशनल के द्वारा सैकड़ों परिवारों के बीच रमज़ान किट का वितरण किया गया।

गेट वेल चेरिटेबल क्लीनिक जलालपुर समित के संयोजक मौलाना अकील अब्बास जैनबी , जनाब शफीक हुसैन साहब , जनाब अलमदार हुसैन साहब , जनाब इफ्तेखार हुसैन साहब और तहेरा साहेबा आदि ने बताया कि यह संस्था पिछले कई वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में समाज के निःसहाय गरीब परिवार का सहयोग करती आ रही है।

कहा की आज भी हमारे समाज में कई ऐसे परिवार हैं जिनको सही से इफ्तारी नसीब नही होती उसके बाद भी तरह तरह की परेशानी उठाने के बाद भी रोज़ा रख कर इबादत करते है।

रमज़ान महीने की महत्त्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस्लाम धर्म में रमज़ान महीने का बहुत बड़ा महत्व है इस महीने में लोग अपनी-अपनी हैसियत के हिसाब से ज़कात सदका फितरा आदि के रूप में गरीब निःसहाय परिवार का सहयोग करते है समित में कार्यरत मोहम्मद अली जैनबी ने कहा कि समाज में निवास कर रहे गरीब निःसहाय परिवार के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जरूरतमंदों की जरूरत को पूरा करने के लिए संस्था विगत कई वर्षों से इस प्रकार के विभिन्न कार्य करती आ रही है।

रमज़ान किट में आटा,चावल,तेल, दाल,चीनी,चायपत्ती,खजूर मटर आदि सामान होता है। स्वास्थ्य के विषय पर बात करते हुए कहा कि यह संस्था पिछले कई वर्षों से स्वास्थ्य क्षेत्र मे भी जाति धर्म से ऊपर उठकर कर जरूरतमंदों की सेवा कर रहे है क्यूंकि ऐसे लोगों की सहायता करना ईश्वर की इबादत करने के बराबर है और एक उद्देश्य आपसी भाईचारे के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना भी होता है।

आर्थिक स्थिति से कमजोर लोग इफ्तारी से वंचित ना रह जाये परिणामस्वरूप समित ने यह फैसला लिया कि ऐसे पवित्र महीने मे इस तरह की किट का भी वितरण किया जाए जैसा कि पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है यह अलग बात है कि इतनी बड़ी जनसंख्या में ये सैकड़ों किट काफी नही है अर्थात इस तरह के कार्य और लोगों को भी करने की जरूरत है  इस मुबारक महीने में गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करना बहुत ज्यादा सवाब है।

मैं गेट वेल चेरिटेबल क्लीनिक और इमामिया मेडिक्स इंटरनेशनल का बहुत बहुत शुक्र गुजार हु कि वो हर साल की तरह इस साल भी फ्री राशन का इंतेज़ाम किया अल्लाह इन सभी को सेहत व सलामती दे और लंबी उम्र फरमाए और इसी तरह हमेशा लोगों की मदद करते रहे।

सीरियाई समाचार ने बताया कि इस्राइली सेना ने दक्षिणी सीरिया के कुछ क्षेत्रों में आगे बढ़ने की कार्रवाई की है।

अलमयादीन नेटवर्क को बताया कि इस्राइली सेना ने दक्षिणी सीरिया के क़ुनैतरा प्रांत में स्थित अइन अलनूरिया' गांव और 'क़ुम मुहैरस' कस्बे के आसपास घुसपैठ की है।

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि इस्राइली बलों ने भारी गोलीबारी के साथ बख्तरबंद वाहनों को लेकर क़ुनैतरा के ग्रामीण इलाकों में प्रवेश किया।

इसके अलावा बुधवार तड़के इस्राइली सेना ने सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन करते हुए जबाता अलख़शब' कस्बे में घुसपैठ की जो क़ुनैतरा प्रांत के उपनगरीय इलाके में स्थित है।

सूत्रों के अनुसार इस साल बहमन महीने फरवरी में असद सरकार के पतन के बाद, इस्राइली सेना ने गोलान के कब्जे वाले क्षेत्र की सीमा पार करते हुए सीरिया के मुख्य क्षेत्र में प्रवेश किया और दक्षिणी प्रांतों 'दारा' व 'क़ुनैतरा' में अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज़ किया।

तेल अवीव की ओर से संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों की सूचना दी है और यह भी कहा है कि लेबनान के राष्ट्रपति का रुख सियोनिस्ट शासन के हित में मजबूत किया जाए।

सियोनिस्ट शासन से जुड़े मीडिया ने लेबनान को लेकर इस्राइली शासन की नई गतिविधियों की खबर दी है इस्राइली चैनल 12 ने इस शासन के एक जिम्मेदार सूत्र के हवाले से बताया कि नेतन्याहू की नीति मध्य पूर्व को बदलने की है।

इस सियोनिस्ट सूत्र ने दावा किया कि नेतन्याहू ने मध्य पूर्व को बदल दिया है।इस्राइली शासन लेबनान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है।

इस स्रोत के अनुसार,लेबनान की अपनी सीमाई मांगें हैं और हमारी भी अपनी मांगें हैं हम इन मुद्दों की समीक्षा कर रहे हैं। लेबनान के साथ वार्ता एक व्यापक और समग्र योजना का हिस्सा है।

दूसरी ओर इस्राइली मीडिया चैनल 'कान' ने भी एक सियोनिस्ट अधिकारी के हवाले से कहा कि हम लेबनान के राष्ट्रपति की स्थिति को इस्राइल के हितों के अनुरूप मजबूत करना चाहता हैं

गाज़ा में हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते के प्रभावी होने के बाद से इजरायली हमलों में कम से कम 137 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।

गाज़ा में हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते के प्रभावी होने के बाद से इजरायली हमलों में कम से कम 137 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। यह जानकारी हमास द्वारा संचालित सरकारी मीडिया कार्यालय के प्रमुख सलामा मारूफ ने मंगलवार को दी।

मारूफ ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि कि पिछले 10 दिनों में इजरायली बलों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन तेज कर दिया है जिसमें आज गाजा शहर के दक्षिण में पांच लोगों की हत्या भी शामिल है।

इन हत्याओं में ड्रोन द्वारा निशाना बनाए गए दो भाई भी शामिल हैं जिससे 19 जनवरी को शांति समझौते के प्रभावी होने के बाद से अब तक मारे गए फिलिस्तीनियों की कुल संख्या 137 हो गई है, जिनमें राफा शहर में मारे गए 52 लोग भी शामिल हैं।

मारूफ ने इजरायल पर सैन्य कार्रवाई और आर्थिक नाकेबंदी के माध्यम से फिलिस्तीनी आबादी पर दबाव बढ़ाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि इज़रायल घेराबंदी को कड़ा कर रहा है और लोगों को बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच से वंचित कर रहा है, जबकि नागरिकों की निर्मम हत्या जारी है। पीड़ितों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं जो इज़रायली सेना के लिए कोई ख़तरा नहीं थे अधिकांश लोग उस समय मारे गए जब वे कब्ज़ा करने वाले ठिकानों के पास अपने घरों का निरीक्षण कर रहे थे।

मारूफ ने अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों से हस्तक्षेप करने और इजरायल को उसके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।उल्लेखनीय है कि मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से गाजा में युद्ध विराम 15 महीने के विनाशकारी युद्ध के बाद 19 जनवरी को शुरू हुआ।

केंद्रीय एतेकाफ समिति के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम सैयद अली रज़ा तकियाई ने कहा है कि इतेकाफ एक पवित्र और बरकत वाली परंपरा है जो हज़रत इब्राहीम अ.स.के समय से चली आ रही है उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान में यह परंपरा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में स्थापित हो चुकी है और सभी मुस्लिम विद्वान इस पर ज़ोर देते हैं।

क़ज़वीन में केंद्रीय इतेकाफ़ समिति के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम सैयद अली रज़ा तकियाई ने कहा कि इतेकाफ़ एक पवित्र और बरकत वाली परंपरा है जो हज़रत इब्राहीम अ.स. के समय से चली आ रही है उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान में यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में स्थापित हो चुकी है और सभी मुस्लिम विद्वान इस पर ज़ोर देते हैं।

मस्जिदुल नबी क़ज़वीन में इतेकाफ़ में बैठे छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति के नेता ने बयानिया-ए-गाम-ए-दोम-ए-इंक़लाब क्रांति के दूसरे चरण का घोषणापत्र में इतेकाफ़ को इस्लामी व्यवस्था की आध्यात्मिक और नैतिक महानता का एक महत्वपूर्ण तत्व करार दिया है और इसे अरबईन के साथ दो बड़ी धार्मिक आंदोलनों में गिना है।

 

उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति ने एतेकाफ़ को सीमितता और गुमनामी से निकालकर वैश्विक स्तर पर जीवित किया और आज यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित हो चुका है। क्रांति से पहले की तुलना में इतेकाफ़ करने वालों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो इस्लामी गणराज्य ईरान और धार्मिक नेतृत्व की बरकत का परिणाम है।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन तकियाई ने कहा कि इतेकाफ़ से शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच एकता मजबूत हुई है, और यह दुश्मनों की साजिशों को नाकाम बनाने का एक प्रभावी माध्यम भी है।

उन्होंने आगे कहा कि रजब और शाबान के महीनों में इतेकाफ़ के जरिए दिल की पवित्रता प्राप्त करने के बाद जब इंसान रमज़ान के पवित्र महीने में प्रवेश करता है, तो वह अल्लाह की निकटता को और अधिक महसूस करता है।

उन्होंने इतेकाफ़ के प्रचार प्रसार के लिए मस्जिदों के सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान की बदौलत विभिन्न सांस्कृतिक, मनोरंजक और खेल सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है।

अंत में उन्होंने कहा कि एतेकाफ़ एक नबवी परंपरा है जिस पर स्वयं हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम दृढ़ता से अमल करते थे और हमेशा इसका विशेष प्रबंध करते थे।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने नार्वे के प्रधानमंत्री के साथ टेलीफ़ोनी वार्ता में इज़राईल सरकार को पश्चिम एशिया में संकट और तनाव उत्पन्न करने का अस्ली कारण बताया।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने रविवार की शाम को नार्वे के प्रधानमंत्री Jonas Gahr Storre से टेलीफ़ोनी वार्ता में कहा कि ईरान हमेशा क्षेत्र की शांति व सुरक्षा का रक्षक रहा है।

इस टेलीफ़ोनी वार्ता में ईरान के राष्ट्रपति ने ज़ायोनी सरकार को क्षेत्र में संकट और तनाव का अस्ली कारण बताया और कहा कि ज़ायोनी सरकार युद्धोन्माद और जंगी कार्यवाहियों के अलावा फ़िलिस्तीन के मज़लूम लोगों का नस्ली सफ़ाया करने के प्रयास में है और साथ ही दुष्प्रचार करके ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों को असुरक्षा का कारण दर्शाने की चेष्टा में है।

 इस टेलीफ़ोनी वार्ता में ईरान के राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने बल देकर कहा कि इमाम ख़ामेनेई के फ़त्वे के आधार ईरान कभी भी परमाणु हथियार बनाने के प्रयास में नहीं रहा है और सच्चाई के साथ परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के साथ सहयोग किया और करेगा। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि हम हर प्रकार के तनाव, अशांति और युद्ध को ख़ुद अपने लिए, क्षेत्र और विश्व के लिए  हानिकारक समझते हैं।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने टेलीफ़ोनी वार्ता की समाप्ति पर कहा कि हमारी सिद्धांतिक नीति का आधार तनाव को समाप्त करना और क्षेत्र में एकता उत्पन्न करना है मगर अपने देश की सुरक्षा और हितों के खिलाफ़ हर प्रकार की धमकी का पूरी शक्ति के साथ मुक़ाबला करेंगे।

राष्ट्रसंघ में ईरानी प्रतिनिधित्व ने सोशल प्लेटफ़ार्म पर भी लिखा है कि अगर वार्ता से तात्पर्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में पायी जाने वाली संभावित चिंता को दूर करना है तो उसकी समीक्षा की जा सकती है मगर अगर वार्ता का लक्ष्य ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को ख़त्म करना है तो ईरान कभी भी वार्ता नहीं करेगा और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को ख़त्म करना वह कार्य है जिसे बराक ओबामा भी न कर सके।

ईरान के विदेशमंत्री सय्यद अब्बास इराक़ची ने रविवार को सोशल साइट एक्स पर अपने पेज पर इस ओर संकेत किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम हमेशा पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा है और मूलतः उसके सैन्यकरण की कोई बात ही नहीं है। उन्होंने ईरान के ख़िलाफ़ ट्रम्प की धमकियों की ओर संकेत करते हुए लिखा कि ईरान दबाव और धौंस में वार्ता की समीक्षा भी नहीं करेगा क्योंकि  वार्ता और दादागीरी व आदेश देने में अंतर है।

 इराक़ची ने कहा कि अमेरिका ने जब भी ईरान से सम्मानपूर्वक ढंग से वार्ता की उसे भी परस्पर सम्मान का सामना हुआ और जब भी उसने धमकी वाला दृष्टिकोण अपनाया उसे ईरानी मुक़ाबले का सामना हुआ।

उन्होंने लिखा कि इस समय हम तीन यूरोपीय देशों और रूस और चीन से परस्पर सम्मान और बराबरी के आधार पर अलग- अलग वार्ता और विचार- विमर्श कर रहे हैं और समीक्षा का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में ग़ैर क़ानूनी प्रतिबंधों को समाप्त करने के बदले में भरोसा व विश्वास उत्पन्न करने के मार्गों को पता लगाना

 

ईरानी ने गुरुवार को पाकिस्तानी यात्री ट्रेन पर हुए आतंकवादी हमले और बंधक बनाने की घटना की निंदा की है।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकई ने पाकिस्तानी सरकार और जनता के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की है।

उन्होंने सभी प्रकार के आतंकवाद के विरुद्ध ईरान के रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि ईरान आतंकवाद को समाप्त करने में पाकिस्तान की सहायता करने के लिए तैयार है।

यह हमला मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को निशाना बनाकर किया गया जो दक्षिण-पश्चिम क्वेटा शहर से उत्तर-पश्चिम पेशावर 450 से अधिक यात्रियों को लेकर जा रहा थी। तभी आतंकवादियों ने बलूचिस्तान प्रांत के कच्ची जिले में उसपर हमला कर दिया।

इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने सोशल मीडिया के माध्यम से ली है।

इराकी प्रधानमंत्री ने आयतुल्लाहिल उज़्मा इसहाक फ़य्याज़ से बगदाद के एक अस्पताल मे अयादत की।

इराकी प्रधानमंत्री मुहम्मद शिया अल-सुदानी ने बगदाद के एक अस्पताल में आयतुल्लाहिल उज़्मा इसहाक फ़य्याज़ की अदायत की।

ज्ञात हो कि नजफ़ अशरफ़ के शिया धार्मिक नेता आयतुल्लाह फ़य्याज़ इस्हाक को बिगड़ती तबीयत के कारण बगदाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।