رضوی

رضوی

अमरीकी कांग्रेस मे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने मिलकर एक प्रस्ताव रखा है जिसमें लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन पर नए प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।

इस प्रस्ताव के माध्यम से उन बैंकों पर दबाव डाला जाएगा जो हिज़्बुल्लाह की आर्थिक सहायता में सहयोग कर रहे हैं साथ ही उन देशों पर दबाव डाला जाएगा जो हिज़्बुल्लाह के मुख्य मददगार माने जाते हैं जिनमें सबसे प्रमुख ईरान है।

प्रस्ताव पेश करने वाले अमरीकी सांसदों का कहना है कि उन्होंने यह प्रस्ताव इस लिए रखा है कि हिज्बुल्लाह ने इस्राईल से लगने वाली लेबनान की पूरी सीमा पर मिसाइलों का नेटवर्क स्थापित कर दिया है। इस बात से यह भी साफ़ हो गया है कि हिज़्बुल्लाह के विरुद्ध यह प्रस्ताव कांग्रेस में पेश करने में अमरीका में मौजूद ज़ायोनी लाबी का हाथ है। इस लिए कि यह लाबी इस्राईल के हितों को अमरीका के हितों पर भी प्राथमिकता देती है।

हिज़्बुल्लाह पर अमरीका की ओर से प्रतिबंध लगाया जाना कोई नई बात नहीं है लेकिन यह भी सच्चाई है कि इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होता इस  लिए कि हिज़्बुल्लाह के लोग बड़े निष्ठावान हैं और वो पैसे के पुजारी नहीं हैं और न ही उन्हें पद और संपत्ति में कोई ख़ास रूचि है, यह बड़े जियाले और निडर लड़ाके हैं जो ज़मीनों पर ग़ैर क़ानूनी रूप से क़ब्ज़ा करने वाले ज़ायोनी शासन से लड़ने में दक्ष हैं।

जब वर्ष 2006 की लड़ाई  तथा इससे पहले के युद्ध हिज़्बुल्लाह को परास्त करने में विफल हो गए तो क्या अमरीकी प्रतिबंध वह लक्ष्य प्राप्त कर पाएंग जो एफ़16 विमान और मीरकावा टैंक नहीं प्राप्त कर सके।

यदि हिज़्बुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान को इस्राईली क़ब्ज़े से आज़ाद कराने की लड़ाई न लड़ी होती, सैयद हसन नसरुल्लाह के बेटे सैयद हादी हसन नसरुल्लाह सहित हज़ारों शहीदों की क़ुरबानी पेश न की होती, ज़ायोनी बस्तियों पर हज़ारों राकेट न बरसाए होते तो अमरीका हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह के लिए रेड कारपेट बिछाता।

अमरीका द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंध हिज़्बुल्लाह के लिए गौरव की बात है इससे हिज़्बुल्लाह के नेताओं का संकल्प और मज़बूत होगा और इस्राईल के विरुद्ध उनक प्रतिरोध में कहीं से कोई कही नहीं आएगी।

जब अधिकतक 200 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र ग़ज़्ज़ा दस साल से इस्राईली घेराबंदी का डट कर मुक़ाबला कर रहा है और अपने मिसाइल व अन्य हथियार लगातार विकसित कर रहा है तो क्या हिज़्बुल्लाह पर इस प्रकार के प्रतिबंधों का कोई असर होगा?!

यह दसअसल अमरीका और इस्राईल का भय और बौखलाहट है जो बड़े स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है हम हिज़्बुल्लाह के बारे में फ़िलिस्तीन के नेता यासिर अरफ़ात का मशहूर जुमला दोहराएंगे कि हे पहाड़ तुझे हवाएं हिला नहीं सकतीं!

भारत के राज्य गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 75 से अधिक हो गई है।

भारी बारिश की वजह से बनासकांठा का धानेरा पूरी तरह पानी में डूब गया है। सोमवार रात लगातार बारिश के चलते 25,000 से ज्यादा लोगों को सुरिक्षत स्थान पर ले जाया गया।

इस बीच प्रशासन ने भारी बारिश की संभावना के चलते 100 से ज्यादा गांवों को खाली करने का आदेश दिया है।

धानेरा में बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है कि लोग अपने घरों के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं।

पिछले 24 घंटों में धानेरा में 250 एमएम, पालनपुर में 255 एमएम, दांतिवाडा में 342 एमएम बारिश दर्ज की गई। घरों में पानी भर जाने की वजह से लोग छत पर रहने को मजबूर हैं।

दुसरी ओर राजस्थान के सिरोही ओर माउंट आबु में हुई भारी बारिश के कारण लोगों को काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और बनास और सीपु नदियां ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

 

बुधवार, 19 जुलाई 2017 07:04

फारसी सीखें, 23वां पाठ

पर्वतारोही शूरवीरों में से एक और एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाली ईरानी महिला नसरीन नेअमती हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के व्यायाम हाल में पर्वतारोही टीम के मध्य भाषण दिया। उनके भाषण के बाद मोहम्मद और उसके मित्र बहादुरी और पहलवानी के बारे में एक दूसरे से बात करते हैं। पहलवान फार्सी भाषा का शब्द है और बहुत सी भाषाओं में इसका अनुवाद नहीं है बल्कि पहलवान शब्द ही प्रयोग होता है। पहलवान, व्यायामी शूरवीर को कहा जाता है कि जो अच्छे, नैतिक और शिष्टाचारिक गुणों से सुसज्जित हो, कमज़ोर एवं अत्याचारग्रस्त लोगों की सहायता करता हो और अत्याचारियों के मुक़ाबले में प्रतिरोध करता हो। पहलवान उदारचित्त भावना का स्वामी होता है और कभी भी अपनी स्थिति से सांसारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास नहीं करता है। पहलवान स्वयं को पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम के पवित्र परिजनों एवं हज़रत अली अलैहिस्सलाम का अनुयाई व अनुसरणकर्ता समझता है। ईरान में शूरवीरता को पहलवानी के साथ महत्व प्राप्त है और उसे मान- सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। बातचीत में प्रयोग होने वाले नये शब्दों पर ध्यान दें।

 

शूरवीर, बहादुर या पराक्रमी           قهرمان

पहलवान                   پهلوان

बहुत सारे पहलवान                پهلوانان

होना               بودن

अच्छा                 خوب

महत्वपूर्ण           مهم

उससे अधिक महत्वपूर्ण               مهم تر

यह दोनों                اين دو

अंतर            تفاوت

उनके पास है             آنها دارند

कोई         كسي

जो            که

मुक़ाबला, प्रतिस्पर्धा या मैच             مسابقه

व्यायाम या कसरत                 ورزش

व्यायाम संबंधी                     ورزشي

उत्तम          بهتر

सर्वोत्तम               بهترين

दर्जा, स्थान, श्रेणी या पद            رتبه

वह लेता या पकड़ता है               او مي گيرد

यानी क्या ?            يعني چه ؟

गुण या विशेषता                    صفت

बहुत सारे गुण          صفات

भला या अच्छा        نيك

व्यवहार          اخلاق

व्यवहार संबंधी           اخلاقي

सुसज्जित             آراسته

वह सुसज्जित है           او آراسته است

तो          پس

बढ़कर या हटकर          فراتر

व्यायामी         ورزشكار

सही या ठीक है ?          درست است ؟

मनुष्य          انسان

योग्य                شايسته   

उदारचित्त, महानुभाव,पुरुषोचित         جوانمرد

लोग         مردم  

वह सहायता करता है          او کمک مي کند

कौन लोग ?           چه کساني ؟

पूरिया वली           پورياي ولي

तख्ती          تختي

जीवित           زنده

वर्षों               سالها

मृत्त            مرده

वह मर गया है           او مرده است

सब           همه

अच्छाई          خوبي

वे बात करते हैं          آنها صحبت مي کنند

किस विषय या संबंध में ?       چه رشته اي ؟

वह व्यायाम करता था          او ورزش مي كرد

मूल           اصيل

कुश्ती            کشتي

कुश्ती लड़ने वाला              كشتي گير

बहुत से हैं        خيلي هستند

 

व्यायाम हाल में मोहम्मद और उसके मित्र के पास चलते हैं और उनकी बातों पर एक नज़र डालते हैं।

 

सईदःशूरवीर होना अच्छी बात है परंतु पहलवान होना उससे भी महत्वपूर्ण है।

سعيد - قهرمان بودن خوب است ، ولي پهلوان بودن مهم تر

मोहम्मदः इन दोनों में क्या अंतर है ?

محمد - اين دو چه تفاوتي با هم دارند ؟

सईदः शूरवीर वह है जो व्यायाम के मुक़ाबलों में अच्छा स्थान प्राप्त करता है।

سعيد - قهرمان کسي است که در مسابقه ورزشي ، بهترين رتبه را مي گيرد .

मोहम्मदः पहलवान यानी क्या ?

محمد - پهلوان يعني چه ؟

सईदःपहलवान उस शूरवीर को कहते हैं जो शिष्टाचारिक गुणों से सुसज्जित हो।

سعيد - پهلوان به قهرماني مي گويند که به صفات نيك اخلاقي آراسته است .

मोहम्मदः तो पहलवान एक व्यायामी से बढ़कर है यह सही है ?

محمد - پس پهلوان فراتر از يک ورزشکار است . درست است ؟

सईदः जी हां पहलवान एक योग्य और महानुभाव व्यक्ति है जो लोगों की सहायता करता है।

سعيد - بله . پهلوان يک انسان شايسته و جوانمرد است ، کسي که به مردم کمک مي کند

मोहम्मदः ईरानी पहलवान कौन लोग हैं ?

محمد - پهلوانان ايراني چه کساني هستند ؟

सईदः पूरिया वली और तख़्ती पहलवानों में से थे।

سعيد - پورياي ولي و تختي از پهلوانان بودند .

मोहम्दः पूरिया वली जीवित हैं ?

محمد - پورياي ولي زنده است ؟

सईदः नहीं उनके मरे हुए वर्षों का समय बीत रहा है परंतु सभी लोग उनकी अच्छाई की बात करते हैं।

سعيد - نه . او سالهاست که مُرده است . اما همه مردم از خوبي هاي او صحبت مي کنند .

मोहम्मदः पूरिया वली कौन का व्यायाम करते थे ?

محمد - پورياي ولي در چه رشته اي ورزش مي كرد ؟

सईदः वह कुश्ती लड़ते थे। कुश्ती मूलरूप से ईरानी व्यायाम है और बहुत से ईरानी पहलवान कुश्ती लड़ते हैं।

سعيد - او کشتي گير بود . کشتي ورزش اصيل ايراني است و خيلي از پهلوانان ايراني کشتي گير هستند .

 

एक बार फिर मोहम्मद और सईद की बात पर ध्यान दीजिये। वे ईरानी पहलवानों एवं शूरवीरों के बारे में बात करते हैं।

 

سعيد - قهرمان کسي است که در مسابقه ورزشي ، بهترين رتبه را مي گيرد .

سعيد - قهرمان بودن خوب است ، ولي پهلوان بودن مهم تر است .

محمد - اين دو چه تفاوتي با هم دارند ؟

محمد - پهلوان يعني چه ؟

سعيد - پهلوان به قهرماني مي گويند که به صفات نيك اخلاقي آراسته است .

محمد - پس پهلوان فراتر از يک ورزشکار است . درست است ؟

سعيد - بله . پهلوان يک انسان شايسته و جوانمرد است ، کسي که به مردم کمک مي کند .

محمد - پهلوانان ايراني چه کساني هستند ؟

سعيد - پورياي ولي و تختي از پهلوانان بودند .

محمد - پورياي ولي زنده است ؟

سعيد - نه . او سالهاست که مُرده است . اما همه مردم از خوبي هاي او صحبت مي کنند .

محمد - پورياي ولي در چه رشته اي ورزش مي كرد ؟

سعيد - او کشتي گير بود . کشتي ورزش اصيل ايراني است و خيلي از پهلوانان ايراني کشتي گير هستند .

 

सईद, मोहम्मद को पूरिया वली की कहानी बताता है। पूरिया वली सातवीं शताब्दी के अंत और आठवीं शताब्दी हिजरी के आरंभ के पहलवान हैं और वह ईरान में पैदा हुए थे। वह वर्षों पहले खारज़्म में रहते थे। ख़ारज़्म प्राचीन ईरान का एक क्षेत्र है जो अब तुर्कमनिस्तान में है। पूरिया वली कुश्ती लड़ते थे और कोई भी उनको पराजित नहीं कर पाता था। वह महानुभाव एवं बहुत ही दयालु पहलवान थे। वह ग़रीबों व निर्धनों की सहायता करते थे। सभी लोग उनसे प्रेम करते थे। एक रात पूरिया वली नमाज़ पढ़ने और दुआ करने के लिए मस्जिद में गये। क्योंकि अगले दिन उनका एक युवा पहलवान से मुक़ाबला था। वहां पर उन्होंने एक नेत्रहीन बूढ़िया को देखा जो मस्जिद के कोने में बैठी रो रही थी और ईश्वर से प्रार्थना करने में लीन थी। पहलवान पूरिया वली ने उससे पूछा हे मां आप क्यों रो रही हैं? बूढ़ि महिला ने उत्तर दियाः कल मेरे बेटे का पूरिया वली से मुक़ाबला है और मैं डरती हूं कि मेरा बेटा पूरिया वली से हार जाये। मेरी इच्छा व आकांक्षा है कि कल मेरा बेटा जीत जाये। पूरिया वली ने कुछ नहीं कहा। वह सोच में डूब गये। अगले दिन उन्होंने उस बूढ़ी नेत्रहीन महिला को देखा कि वह उस स्थान पर आई है जहां मुक़ाबला होने वाला है और वह मुक़ाबले के परिणाम की प्रतीक्षा में है। उदारचित्त व महानुभाव पूरिया पहलवान ने उस नेत्रहीन बूढ़िया की आकांक्षा को पूरा करने के लिए इस प्रकार कुश्ती लड़ी कि उनके मुक़ाबले में आने वाला बूढ़िया का बेटा कुश्ती जीत गया। पूरिया पहलवान का मानना था कि वास्तविक पहलवान वह है जो अपनी आंतरिक इच्छा व अंतर्मन को नियंत्रित कर ले। पूरिया वली ने अपने इस परित्याग से नेत्रहीन बूढ़िया के हृदय को प्रसन्न कर दिया जबकि वह बड़ी सरलता से अपने मुक़ाबले में आने वाले युवा को पराजित कर सकते थे। पहलवानी, ईरान में कुश्ती लड़ने वाले कुछ प्रवीण युवाओं की विशेषता है। इसी कारण ईरान में कुश्ती एक व्यायाम से बढ़कर है और कुश्ती लड़ने वालों से लोग प्रेम करते हैं।

 

आज जब अधिकांश अरब देशों में इस्राईल से प्रभावित होकर उससे संबंध स्थापित करने की होड़ लगी हुई है, ईरान में इस्राईल के विनाश की उलटी गिनती शुरू हो गई है।

वास्तव में आज से लगभग 2 साल पहले ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने अगले 25 वर्षों में इस्राईल के विनाश की भविष्यवाणी की थी।

इसी भविष्यवाणी के आधार पर तेहरान की महानगरपालिका ने शहर के एक प्रसिद्ध चौक पर एक डिजिटल घड़ी लगाई है, जो इस्राईल के विनाश में बाक़ी रहने वाला टाइम दिखाती है।

यह घड़ी तेहरान के फ़िलिस्तीन चौक पर इसी साल रमज़ान के अंतिम शुक्रवार या जुमअतुल विदा को लगाई गई, ताकि लोग वरिष्ठ नेता की भविष्यवाणी को याद रखें और उसे सही होता हुआ देखें।

इस घड़ी के बारे में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि ईरानी जनता अपने वरिष्ठ नेता की बात पर पूर्ण भरोसा करती है और यह उलटी गिनती इस बात की दलील है।

हालांकि इस्राईली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने इस्राईल के विनाश की उलटी गिनती बताने वाली इस घड़ी पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।

2040 में इस्राईल के विनाश का समय बताने वाली इस घड़ी पर नेतनयाहू ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि हमसे जहां तक हो सकेगा हम मैदान में डटे रहेंगे।

तेहरान महानगरपालिका में बसीज संगठन के एक अधिकारी मेहदी बाबाई का कहना है कि अगर हम अन्य इस्लामी देशों में भी इस प्रकार की घड़ियां लगाने में सफल रहे, जो इस्राईल की उलटी गिनती को दर्शाएं तो विश्व भर में एक आंदोलन के रूप में इसकी लहर शुरू हो जाएगी।

ग़ौरतल है कि इस्राईल एक अवैध शासन है, जिसकी नींव 14 मई 1948 को फ़िलिस्तीनियों की क़ब्ज़ा की गई ज़मीनों और बस्तियों पर रखी गई।

चरमपंथी यहूदी आंदोलन या ज़ायोनिज़्म ने इस इलाक़े में पश्चिमी साम्राज्यवाद के समर्थन से फ़िलिस्तीनियों पर अत्याचारों के पहाड़ तोड़ दिए और हज़ारों फ़िलिस्तीनियों की हत्या कर दी गई, लाखों लोगों को उनके घरों से निकाल दिया गया और 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी वे विभिन्न देशों में शरणार्थियों का दुख भरा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

ईरान समेत विश्व के अनेक देशों ने आज तक इस्राईल को मान्यता नहीं दी है, बल्कि ईरान ने हमेशा पीड़ित फ़िलिस्तीनियों का समर्थन किया है और उसका कहना है कि फ़िलिस्तीनियों को उनका देश वापस मिलने तक वह अपने प्रयास जारी रखेगा।

 

मंगलवार की शाम इस्राईली सैनिकों ने मस्जिदुल अक़सा के क़रीब फ़िलिस्तीनियों पर हमला कर दिया जिसके दौरान मस्जिद के इमाम शैख़ अकरमा सब्री तथा कई फ़िलिस्तीनी घायल हो गए। ज़ायोनी सैनिकों ने हमले में प्लास्टिक की गोलियों का इसतेमाल किया।

शैख़ अकरमा और अन्य घायल फ़िलिस्तीनियों को असपताल में भर्ती कराया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मंगलवार की रात इशा की नमाज़ के बाद असबात द्वार के निकट झड़प शुरू हो गई और ज़ायोनी सैनिकों ने प्लास्टिक की गोलियों की इसतेमाल किया।

रेड क्रीसेंट के सूत्रों ने बताया कि कुछ घायलों का वहीं इलाज हो गया जबकि कुछ को असपताल में भर्ती कराना पड़ा।

ज़ायोनी शासन ने मस्जिदुल अक़सा के इलाक़े में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है सारे दरवाज़ों पर इलेक्ट्रानिक स्कैनर लगा दिए हैं जिनसे सभी नमाज़ियों को गुज़रना होता है।

ज़ायोनी शासन के इस क़दम के विरोध में फ़िलिस्तीनी कई दिन से असबात द्वार के सामने प्रदर्शन कर रहे थे।

सीआईए के पूर्व एजेंट ने ख़ुलासा किया है कि 11 सितंबर 2001 घटना में स्वयं सीआईए शामिल है।

यूरो समाचार वायर की रिपोर्ट के अनुसार, सीआईए के एक पूर्व एजेंट मैक्कलम हावर्ड ने कहा है कि इमारतों को ध्वस्त करने के उनके लंबे अनुभव के कारण सीआईए के उच्य अधिकारियों ने उन्हें न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावरों के तबाह करने की परियोजना पर काम करने के लिए मजबूर किया था।

 सीआईए के पूर्व एजेंट के इस ख़ुलासे के साथ ही, ग्यारह सितंबर की घटना की रिकॉर्ड की गई फिल्मों और प्रत्यक्षदर्शियों के ऐसे बयान सामने आए हैं जिनसे इस बात की पुष्टि होती है कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की ट्विन इमारतें, पहले से रखे गये विस्फोटक पदार्थों के कारण गिरी थीं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी बहुत से संचार माध्यम और विशेषज्ञ यह बात कह चुके हैं कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारतें उनमें पहले से रखे गए विस्फोटक पदार्थों के कारण ध्वस्त हुईं थीं।

याद रहे कि 11 सितंबर 2001 की घटना के बारे में अभी तक पूरी जानकारी सामने नहीं आ सकी है। व्हाइट हाउस ने भी आजतक इस बारे में होने वाली जांच की कोई संपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है। साथ ही इस घटना में सऊदी अरब के लिप्त होने से संबंधित रिपोर्टों के भागों को विशेष रूप से गुप्त रखा जा रहा है।

 ज्ञात रहे कि 11 सितंबर 2001 को आतंकवादियों ने दो यात्री विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की जुड़वां इमारतों से टकरा दिया था जिसके दोनों इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गई थीं। आतंकवादी गुट अलक़ाएदा ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी।

 

 

यूनिस्को ने एक प्रस्ताव पारित करके कहा था कि क़ुद्स के पवित्र स्थलों विशेषकर मस्जिदुल अक़्सा से जायोनी शासन का कोई इतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृत संबंध नहीं है

इस्राईल के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतेनयाहू को अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के भीतर और बाहर बड़े पैमाने पर आपत्तियों का सामना करना पड़ा जिसके बाद विवश होकर वह मस्जिदुल अक़्सा को बंद करने के अपने निर्णय से पीछे हट गये।

जायोनी सैनिकों ने शुक्रवार को बिनयामिन नेतेनयाहू के आदेश से फिलिस्तीनी नमाज़ियों के लिए मस्जिदुल अक्सा को बंद कर दिया था। बिनयामिन नेतेनयाहू के इस क़दम पर बैतुल मुक़द्दस, रामल्लाह और दूसरे क्षेत्रों में फिलिस्तीनियों ने कड़ी आपत्ति जताई।

फिलिस्तीनी युवाओं ने शनिवार की रात को मस्जिदुल अक्सा के पास जायोनी सैनिकों के घेरे को तोड़कर इस मस्जिद में प्रवेश करने का प्रयास किया किन्तु जायोनी सैनिकों ने मार ­-पीट कर उन्हें मस्जिद में प्रवेश करने से रोक दिया।

हज़ारों फ़िलिस्तीनियों ने शनिवार की रात को मग़रिब की नमाज़ मस्जिदुल अक़्सा के निकट पढ़ी। मस्जिदु अक़्सा का दरवाज़ा बंद किये जाने पर ईरान सहित बहुत से इस्लामी देशों ने इस पर प्रतिक्रिया जताई है।

ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने ज़ायोनी शासन के इस क़दम की भर्तस्ना करते हुए कहा है कि नमाज़ियों के लिए मस्जिदु अक़्सा का दरवाज़ा बंद करना निंदनीय और मानवाधिकार के बुनियादी सिद्धातों के ख़िलाफ़ है।

ज्ञात रहे कि कुद्स और मस्जिदुल अक्सा के संबंध में जायोनी शासन की वर्चस्वादद कार्यवाहियां ऐसी स्थिति में हो रही हैं जब पिछले वर्ष यूनिस्को ने एक प्रस्ताव पारित करके कहा था कि क़ुद्स के पवित्र स्थलों विशेषकर मस्जिदुल अक़्सा से जायोनी शासन का कोई इतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृत संबंध नहीं है और इस मस्जिद को मुसलमानों के लिए पवित्र स्थल बताया था

अमरीका की सरकारों में मानवता विरोधी भावना धीरे धीरे बहुत गहराई तक उतर चुकी है।

अमरीकी सरकार मानवाधिकारों की रक्षा का दिखावा करती है लेकिन उसने इतने भयानक रूप से मानवाधिकारों का हनन किया है जिसका कोई और उदाहरण नहीं है।

12 तीर बराबर 3 जुलाई भी एेसी ही एक तारीख़ है जो अमरीका के घिनौने सरकारी अपराध की याद दिलाती है। अमरीका ने यह अपराध ईरान के ख़िलाफ़ अंजाम दिया था।

12 तीर 1367 हिजरी शम्सी बराबर 3 जुलाई 1988 को अमरीकी युद्धपोत ने फ़ार्स की खाड़ी के ऊपर से गुज़र रहे ईरान के यात्री विमान पर मिसाइल हमला किया था जिसमें बेगुनाह यात्री शहीद हुए थे।

ईरान में इस घटना की याद हर साल मनाई जाती है और शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस साल भी अपने एक बयान में शहीदों को श्रद्धांजलि दी और अपराधियों की निंदा की है।

 

3 जुलाई की हृदय विदारक घटना, जो अमरीका के लिए हमेशा कलंक बनी रहेगी

 

अमरीका की सरकारों में मानवता विरोधी भावना धीरे धीरे बहुत गहराई तक उतर चुकी है।

अमरीकी सरकार मानवाधिकारों की रक्षा का दिखावा करती है लेकिन उसने इतने भयानक रूप से मानवाधिकारों का हनन किया है जिसका कोई और उदाहरण नहीं है।

12 तीर बराबर 3 जुलाई भी एेसी ही एक तारीख़ है जो अमरीका के घिनौने सरकारी अपराध की याद दिलाती है। अमरीका ने यह अपराध ईरान के ख़िलाफ़ अंजाम दिया था।

12 तीर 1367 हिजरी शम्सी बराबर 3 जुलाई 1988 को अमरीकी युद्धपोत ने फ़ार्स की खाड़ी के ऊपर से गुज़र रहे ईरान के यात्री विमान पर मिसाइल हमला किया था जिसमें बेगुनाह यात्री शहीद हुए थे।

ईरान में इस घटना की याद हर साल मनाई जाती है और शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस साल भी अपने एक बयान में शहीदों को श्रद्धांजलि दी और अपराधियों की निंदा की है।

 

शनिवार, 01 जुलाई 2017 11:38

फ़ारसी सीखें , 22वां पाठ

मुहम्मद और सईद विश्वविद्यालय में हैं और कुछ छात्रों के साथ विश्वविद्यालय के हाल में खड़े बातें कर रहे हैं। व्यायाम और खेल कूद का हाल, छात्रों के एकत्रित होने और वालीबाल, बास्केटबाल, टेनिस और ऐसे ही के लिए बड़ा उचित स्थान है। आज सुश्री नसरीन नेमती विश्वविद्यालय में आई हैं जो पर्वतारोहण की चैम्पियन हैं और विश्वविद्यालय की पर्वतारोही टीम के बारे में छात्रों से बात करना चाहती हैं। मुहम्मद  का एक सहपाठी सुश्री नसरीन के साथ हाल में आता है और छात्रों से उनका परिचय कराता है। मुहम्मद उनसे बात करने लगता है। कृपया इन शब्दों और वाक्यों पर ध्यान दें।

همكلاسی       सहपाठी

ايشان            ये, वे

خانم         सुश्री

نسرين نعمتی        सुश्री नसरीन

قهرمان            चैम्पियन

کوهنوردان         पर्वतारोही

کوهنوردی        पर्वतारोहण

کوهنوردی کردن           पर्वतारोहण करना

آشنايی      परिचय

از آشنايی با شما خوشوقتم          आपसे मिल कर हर्ष हुआ

متشکرم      मैं आपका आभारी हूं

سال        वर्ष

سالهاي زياد       कई वर्ष

سالهاست        कई वर्षों से

شما كوهنوردی می كنيد        आप पर्वतारोहण करते हैं

من کوهنوردی مي کنم        पर्वतारोहण कर रहा/रही हूं

از وقتی که         जब से

دبيرستان          कालेज

من می رفتم        मैं जाता/जाती थी

من می پرداختم          करता/करती थी

ورزش       खेल, व्यायाम

کدام      कौन सा

قله        चोटी

قله ها      चोटियां

کوه        पर्वत

شما فتح کرده ايد        आपने जीता/सर किया है

ما فتح کرده ايم      हमने जीता/सर किया है

من فتح کرده ام        मैंने जीता/सर किया है

ما فتح كرديم           हमने जीता/सर किया

بلند       ऊंचा/ऊंची

مثل       भांति

تفتان         तफ़तान

الوند         अलवंद

دماوند       दमावन्द

خارج          बाहर

كوهنوردی كرده ايد         आपने पर्वतारोहण किया है

سال         वर्ष

1382         1382/2003

1384         1384/2005

آرارات        आरारात

قله ی آرارات      माउन्ट आरारात

کجا       कहां

ترکيه     तुर्की

اورست     एवरेस्ट

نيز         भी

واقعا       वस्तुतः

شما رفته ايد         आप गई/गई हैं

خانم           सुश्री

آقا       श्री

چند      कितने

بهار        वसंत

अब विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स हाल में चलते हैं और मुहम्मद तथा सुश्री नेमती के बीच होने वाली बात-चीत पर एक दृष्टि डालते हैं।

همكلاسي محمد: ايشان خانم نسرين نعمتي هستند . کوهنورد قهرمان ايران .

ये सुश्री नसरीन नेमती हैं , पर्वतारोहण में ईरान की चैम्पियन।

محمد: خانم از آشنايي با شما خوشوقتم .

आपसे मिल कर हर्ष हुआ।

خانم نعمتي: متشکرم . من هم از ‌آشنايي با شما خوشوقتم

धन्यवाद, मुझे आप लोगों से मिल कर हर्ष हो रहा है।

محمد: سالهاي زيادي است كه شما کوهنوردي مي كنيد ؟

क्या आप कई वर्षों से पर्वतारोहण कर रही हैं?

خانم نعمتي: بله . من سالهاست که کوهنوردي مي کنم . از وقتي که به دبيرستان مي رفتم ، به اين ورزش مي پرداختم .

जी हां, मैं कई वर्षों से पर्वतारोहण कर रही हूं। जब मैं कालेज जाया करती थी, तभी से मैंने पर्वतारोहण आरंभ कर दिया था।

محمد: کدام قله هاي ايران را فتح كرده ايد ؟

आपने ईरान की कौन सी चोटियों को सर किया है ?

خانم نعمتي: خیلی از قله هاي بلند ايران را فتح کرده ام . مثل تفتان ، الوند و دماوند .

मैंने ईरान की अनेक ऊंची ऊंची चोटियों को सर किया है, जैसे तफ़तान, अलवंद और दमावंद

محمد: در خارج از ايران هم كوهنوردي كرده ايد ؟

क्या आपने ईरान के बाहर भी पर्वतारोहण किया है ?

خانم نعمتي: در سال 1382 با گروهي از کوهنوردان ايراني قله ي آرارات را فتح کرديم .

वर्ष 2003 में हमने ईरान के पर्वतारोहियों के एक गुट के साथ माउंट आरारात को सर किया।

محمد: کوه آرارات کجاست ؟

आरारात पर्वत कहां है ?

خانم نعمتي: کوه آرارات يکي از کوههاي بلند ترکيه است . اورست را نيز در سال 1384 فتح کرديم .

आरारात पर्वत, तुर्की के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक है। हमने वर्ष 2005 में माउंट एवरेस्ट को भी सर किया।

محمد: واقعا" ؟ شما به قله ي اورست هم رفته ايد ؟‌

वास्तव में आप माउंट एवरेस्ट भी गई हैं?

خانم نعمتي: بله . من و چند خانم و آقاي ايراني ديگر در بهار سال 1384 اورست را فتح کرديم .

जी हां, मैं और कई अन्य ईरानी महिला व पुरुष पर्वतारोहियों ने 2005 के वसंत में एवरेस्ट को सर किया।

आइये एक बार फिर मुहम्मद और सुश्री नेमती की वार्ता एक दृष्टि डालते हैं।

همكلاسي محمد: ايشان خانم نسرين نعمتي هستند . کوهنورد قهرمان ايران .

محمد: خانم از آشنايي با شما خوشوقتم .

خانم نعمتي: متشکرم . من هم از ‌آشنايي با شما خوشوقتم

محمد: سالهاي زيادي است كه شما کوهنوردي مي كنيد ؟

خانم نعمتي: بله . من سالهاست که کوهنوردي مي کنم . از وقتي که به دبيرستان مي رفتم ، به اين ورزش مي پرداختم .

محمد: کدام قله هاي ايران را فتح كرده ايد ؟

خانم نعمتي: خیلی از قله هاي بلند ايران را فتح کرده ام . مثل تفتان ، الوند و دماوند .

محمد: در خارج از ايران هم كوهنوردي كرده ايد ؟

خانم نعمتي: در سال 1382 با گروهي از کوهنوردان ايراني قله ي آرارات را فتح کرديم .

محمد: کوه آرارات کجاست ؟

خانم نعمتي: کوه آرارات يکي از کوههاي بلند ترکيه است . اورست را نيز در سال 1384 فتح کرديم .

محمد: واقعا" ؟ شما به قله ي اورست هم رفته ايد ؟‌

خانم نعمتي: بله . من و چند خانم و آقاي ايراني ديگر در بهار سال 1384 اورست را فتح کرديم .

मुहम्मद पर्वतारोहण और विभिन्न चोटियों को सर करने के संबंध में सुश्री नेमती से प्रश्न करता है और वे बताती हैं कि उन्होंने पर्वतारोहण और चट्टानों पर चढ़ने व बर्फ़ पर चलने की अनेक क्लासों में भाग लिया है तथा आरारात व एवरेस्ट जैसी चोटियों को सर करने हेतु ईरान और ईरान से बाहर कठिन कैम्पिंग की है। सुश्री नेमती स्पोर्ट्स हाल में विश्वविद्यालय की पर्वतारोही टीम के साथ तेहरान के आस-पास की चोटियों को सर करने के बारे में बात कर रही हैं। विश्वविद्यालय के छात्रों की पर्वतारोही तथा चट्टानों पर चढ़ने वाली टीम अपने आपको देश व्यापि मुक़ाबलों के लिए तैयार कर रही है। सुश्री नेमती की बातें निश्चित रूप से लाभदायक हैं और उनकी बातों से लाभ उठा कर छात्र मुक़ाबले में अच्छा स्थान प्राप्त कर सकते हैं। मुहम्मद को इस बात की बहुत प्रसन्नता है कि उसने ईरान की एक चैम्पियन महिला से भेंट की है। अलबत्ता ईरान में ऐसे बहुत अधिक खिलाड़ी हैं जो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबलों में भाग लेते हैं और अच्छा स्थान प्राप्त करते हैं।

 

 

 

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह का कहना है कि क्षेत्र के आजकल के परिवर्तनों का लक्ष्य, ज़ायोनी शासन के हित में फ़िलिस्तीन के विषय को समाप्त करने के लिए माहौल बनाना है।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने शुक्रवार को विश्व क़ुद्स दिवस के उपलक्ष्य में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र की हालिया वर्षों की घटनाओं का मुख्य लक्ष्य, फ़िलिस्तीन मुद्दे को भुला देना है। उनका कहना था कि विश्व शक्तियों और अमरीका के षड्यंत्रों का लक्ष्य, सीरिया सहित प्रतिरोध के मोर्चे को नुक़सान पहुंचाना है। उनका कहना था कि प्रतिरोध का मोर्चा, अरब-इस्राईल षड्यंत्रों में सबसे बड़ी रुकावट है और यही कारण है कि प्रतिरोध के मोर्चे को सबसे बड़ा आतंकवादी गुट बताने का प्रयास किया जा रहा है।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि विश्व क़ुद्स दिवस ईरान या अरब जगत से विशेष नहीं है। उनका कहना था कि विश्व क़ुद्स दिवस की रैलियां, फ़िलिस्तीन के विषय को ज़िंदा रखने के लिए निकाली जाती हैं और शीघ्र ही समस्त रुकावटों को दूर करके दुनिया के समस्त लोग और राष्ट्र, फ़िलिस्तीन के वैश्विक समर्थन के विषय को पुनर्जीवित करेंगे।