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इराक़ में आईएस गिन रहा है अपनी अंतिम सांसें, 27 आतंकवादी ढ़ेर
इराकी मीडिया के अनुसार इराक़ी सुरक्षा बलों ने इराक के पश्चिमी क्षेत्र में एक कार्रवाई के दौरान आईएस के 27 आतंकवादियों को नरक भेज दिया है।
अल-नहरैन की रिपोर्ट के अनुसार इराकी सुरक्षा बलों ने अलहदीसा के उत्तर पश्चिम में एक कार्रवाई के दौरान आईएस के 27 आतंकवादियों को मार गिराया है।
सूचना के अनुसार आईएस के खिलाफ होने वाली कार्रवाई में आईएस के 6 वाहनों को नष्ट कर दिया गया जबकि इस कार्रवाई में 27 आतंकवादी मारे गए हैं।
इमाम खुमैनी की यादगारों में से एक बसीज का गठन
ईरान के शहर यज़्द के इमाम जुमआ ने कहा,बसीज एक ऐसी बहुआयामी सोच और संस्कृति है जो ईश्वर पर विश्वास धर्मपरायणता, समझदारी, बुद्धिमत्ता, विलायत पर स्थिरता, मजबूती और मुक़ावमत पर आधारित है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर यज़्द के इमाम जुमा आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मद काज़िम मदरसी ने यज़्द में प्रांतभर के बसीजी केंद्रों के कमांडरों के साथ आयोजित एक बैठक में कहा,इमाम खुमैनी (र.ह.) की खूबसूरत यादगारों में से एक बसीज की स्थापना है।
उन्होंने आगे कहा, हर देश की ताक़त के तत्वों में से एक उसका भौगोलिक स्थान होता है। अलहम्दुलिल्लाह, ईरान भी एक मज़बूत भौगोलिक स्थिति रखता है। यदि ईरान इस क्षेत्र में स्थित न होता तो यह प्रभाव और शक्ति पैदा नहीं कर सकता था।
शहर यज़्द के इमाम जुमा ने कहा,जब यह सवाल उठता है कि तूफ़ान अलअक़्सा क्यों हुआ और 7 अक्टूबर का परिणाम क्या था तो हमें इतिहास का संदर्भ लेना चाहिए।
उन्होंने कहा,यह सारी प्रतिरोध और कामयाबियां उस बसीजी सोच का परिणाम हैं जिसे इमाम खुमैनी (रहमतुल्लाह अलैह) ने पैदा किया और इसे अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किया।
आयतुल्लाह मदरसी ने कहा,दुनिया में 57 इस्लामी देश हैं लेकिन एकमात्र देश जहां मज़हब-ए-जाफ़रिया का शासन है वह इस्लामी गणराज्य ईरान है क्योंकि यहां के लोग धर्म की खूबसूरती को अच्छी तरह समझते हैं।
उन्होंने आगे कहा, बसीज की एक अहम ज़िम्मेदारी यह है कि वह सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी क़दरों और खूबसूरती को दूसरों तक पहुंचाए।
अय्यामे फातिमिया पर आयतुल्लाह आराफी का संदेश
ईरान के धार्मिक मदरसो के के प्रमुख ने अय्यामे फ़ातिमिया के अवसर पर तीन दिन की छुट्टी की घोषणा की और हजरत फातिमा ज़हरा की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए तब्लीग फातेमी नामक एक आंदोलन शुरू किया।
ईरान के धार्मिक मदरसो प्रमुख आयतुल्लाह आराफ़ी ने अय्यामे फ़ातिमिया के अवसर पर तीन दिन की छुट्टी की घोषणा की और हज़रत फातिमा ज़हरा की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए तब्लीग़ फातिमी नामक एक आंदोलन शुरू किया, शांति हो उस पर.
हज़रत ज़हरा (स) की शिक्षाओं को बढ़ावा देने की जरूरत
आयतुल्लाह अराफ़ी ने कहा कि मौजूदा दौर में ईरान और दुनिया के युवाओं को हज़रत फ़ातिमा ज़हरा के गहन ज्ञान और शिक्षाओं की सख्त ज़रूरत है, शांति उन पर हो। उन्होंने विद्वानों और उपदेश संस्थानों से इन शिक्षाओं को बढ़ावा देने और इस्लामी रीति-रिवाजों के पुनरुद्धार के लिए सभी संभव संसाधनों का उपयोग करने का आह्वान किया।
हौज़ा ए इल्मिया में तीन दिन की छुट्टी
उन्होंने हौज़ा ए इल्मिया में पहली से तीसरी जमादि उस सानी तक छुट्टी की घोषणा की। छात्रों और फ़ुज़ला को प्रचार गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुस्लिम उम्माह की समस्याओं पर जोर
आयतुल्लाह आराफ़ी ने फिलिस्तीन, गाजा और लेबनान के उत्पीड़ित लोगों के समर्थन पर जोर दिया और कहा कि फातिमी दिनों की मजलिस में ज़ायोनी अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई जानी चाहिए और मुस्लिम उम्मा की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रतिरोध को मजबूत करने और ज़ायोनी और साम्राज्यवादी साजिशों का तर्कसंगत जवाब देने के महत्व पर भी जोर दिया।
महिलाओं और परिवार का महत्व
उन्होंने महिलाओं और परिवार से जुड़े मुद्दों को आज के युग का महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए कहा कि हजरत फातिमा जहरा (सल्ल.) की जीवनी एक आदर्श मुस्लिम महिला और परिवार के सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करती है। अयातुल्ला अराफ़ी ने विद्वानों और उपदेश संस्थानों से इस विषय पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया।
विद्वानों और जनता से सहयोग की अपील
अयातुल्ला अराफ़ी ने विद्वानों, तब्लीगी संस्थानों और जनता को धन्यवाद दिया और उनसे फातिमिद दिनों की तब्लीगी गतिविधियों में पूरी तरह से भाग लेने की अपील की।
उन्होंने इमाम-ए-ज़माना (अ) और मुस्लिम उम्माह की सफलता के लिए दुआ की और सभी प्रचारकों को उनकी जिम्मेदारियों में सफलता के लिए दुआ की।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के हमले जारी
फ़राह में तालिबान की कार्यवाइयों में तेज़ी दिखाई दे रही है, एवं तालिबान के हमलों में बढ़ोत्तरी हो रही है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार तालिबान के हमले में अफ़गानिस्तान के राज्य फ़राह में कम से कम 6 लोग मारे गए एवं 2 लोग लापता हो गए हैं। तालिबान के प्रतिनिधि यूसुफ़ अहमदी का कहना है की तालिबान ने फ़राह क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण चेक पोस्ट पर क़ब्ज़ा कर लिया है।
ज्ञात रहे की फ़राह में तालिबान की कार्यवाइयों में तेज़ी दिखाई दे रही है, एवं तालिबान के हमलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। काबुल की सरकार का कहना है कि सिक्योरिटी फोर्सेज़ तालिबान के खिलाफ कार्रवाई में सफ़लता प्राप्त कर रही हैं।
ज्ञात रहे कि तालेबान इस देश के विभिन्न क्षेत्रों में बार-बार हमले कर रहे हैं।
हज़रत ज़हरा स.ल.विलायत की रक्षक और ध्वजधारक थीं
हुज्जतुल इस्लाम मेंहदी बसीरती ने कहा, मुहर्रम, सफर और अय्याम-ए-फातमिया के दौरान दुश्मन की ओर से दीनी पवित्रताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर हमले बढ़ जाते हैं, ताकि युवाओं को धार्मिक गतिविधियों से दूर किया जा सके।
एक रिपोर्ट के अनुसार,ईरान के शहर काशान में इदारा तब्लीग़ात ए इस्लामी के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम मेंहदी बसीरती ने अय्याम-ए-फातमिया की मुनासिबत पर ताज़ियत पेश करते हुए कहा, सबसे पहली मुदाफ़े ए विलायत (विलायत की रक्षक)हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.ल.हैं।
उन्होंने आगे कहा,हज़रत ज़हेरा स.ल. विलायत की रक्षक और अलमदार थीं। उन्होंने न केवल स्वयं बल्कि अपने बेटे, हज़रत मोहसिन अ. को भी विलायत के बचाव के लिए कुर्बान कर दिया और विलायत की हिफ़ाज़त का परचम (ध्वज) बुलंद किया यह परचम आज तक बुलंद है।
इदारा तब्लीग़ात ए इस्लामी काशान के प्रमुख ने कहा,अगर आज इस्लाम और शियाईत ज़िंदा हैं तो यह हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.ल. और इमाम हुसैन अ.स.की बरकत से है।
उन्होंने यह भी कहा,इमाम ख़ुमैनी रह. ने फरमाया था कि मुहर्रम और सफर ने इस्लाम को ज़िंदा रखा हुआ है।और इसका ज़रिया यही धार्मिक अंजुमनें हैं।
हुज्जतुल इस्लाम मेंहदी बसीरती ने कहा,दुश्मन युवाओं को अहल ए बैत अ.स.और धार्मिक अंजुमनों से दूर करने की कोशिश कर रहा है मुहर्रम सफर और अय्याम-ए-फातमिया के दौरान दुश्मन की ओर से धार्मिक पवित्रताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर हमले बढ़ जाते हैं, ताकि युवाओं को धार्मिक गतिविधियों से दूर किया जा सके।
संभल, मस्जिद के पास का इलाका सील, 3 की मौत, कई गिरफ्तार
संभल की सदियों पुरानी मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद यहाँ के हालात खराब हो गए हैं। सदियों पुरानी मस्जिद को उन्मादी तत्वों की ओर से मंदिर बताकर अदालत मे दायर की गई याचिका पर जिला कोर्ट ने भी सर्वे के आदेश दे दिए जिसके बाद महोल बिगड़ना ही था। जिला प्रशासन ने जामा मस्जिद के पास का इलाका सील करते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी है। उधर, सर्वे के दौरान हिंसा को लेकर पुलिस ने 15 लोगों को अरेस्ट किया है। मुरादाबाद के मंडलायुक्त ने कहा कि मस्जिद के पास हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर तीन हो गई है। उन्होंने कहा कि मस्जिद में सर्वे कोर्ट के आदेश पर कराया गया है। एसपी संभल के मुताबिक मस्जिद के पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।
लेबनान पर इस्राईल के बर्बर हमले, 34 लोगों की मौत, 80 जख्मी
लेबनान पर इस्राईल के ताज़ा बर्बर हमलों में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गयी जबकि 80 से अधिक घायल हो गए हैं।
लेबनानी समाचार एजेंसी एनएनए ने खबर दी है कि ज़ायोनी हमले में पूर्वी लेबनान में 24 लोग मारे गए और 44 अन्य घायल हो गए। हताहतों की सूचना कई इलाकों से मिली है. इस बीच, दक्षिणी लेबनान में 10 लोग मारे गए और 36 अन्य घायल हो गए, जिनमें से ज्यादातर नबतीयह के शहरों और गांवों के रहने वाले थे। एनएनए के मुताबिक अन्य मामले दक्षिण के मरजेयून जिले में दर्ज किया गए हैं।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने हिज़्बुल्लाह के अलग-अलग बयानों के आधार पर बताया कि उसके सदस्यों ने सीमा क्षेत्र में मिसाइलों और रॉकेटों से मक़बूज़ा फिलिस्तीन के किबुत्ज हनीता के साथ-साथ अवीविम और डिशोन में ज़ायोनी सैनिको के कई अड्डों को निशाना बनाया।
फिलिस्तीन का दिफा करना सभी मुसलमानों की ज़िम्मेदारी
लेबनान की जमीयत उलमा ए मुस्लिमीन के प्रमुख शेख ग़ाज़ी यूसुफ़ हनीना ने क़ुम अल मुक़द्देसा में क़ुरानी केंद्रों के सम्मेलन में कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे इज़राईली राज्य के खिलाफ एकजुट हों और फ़िलिस्तीन का रक्षा करें।
,एक रिपोर्ट के अनुसार लेबनान की जमीयत उलमा ए मुस्लिमीन के प्रमुख शेख ग़ाज़ी यूसुफ़ हनीना ने क़ुम अल मुक़द्देसा में क़ुरानी केंद्रों के सम्मेलन में कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे इज़राईली राज्य के खिलाफ एकजुट हों और फ़िलिस्तीन की रक्षा करें।
उन्होंने फ़िलिस्तीन को पश्चिमी एशिया और मुसलमानों का केंद्रीय मुद्दा करार दिया और कहा कि दुश्मनों के सभी हमलों के बावजूद, फ़िलिस्तीन और लेबनान के लोग अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे।
शेख हनीना ने अरब देशों द्वारा इस्राइल के साथ संबंध सामान्य बनाने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि उनकी निष्क्रिय नीतियों ने इस्राइल को क्षेत्र में अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की अनुमति दी है।
उन्होंने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के समर्थन को जारी रखने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि प्रतिरोध ही इस्राइल के विनाश का कारण बनेगा।
हुज्जतुल इस्लाम सैय्यद मुस्तफा हुसैनी निशाबूरी ने कहा कि क़ुरान के वैश्विक संदेश को पहुँचाने के लिए "रसालतुल्लाह" परियोजना कई इस्लामी देशों में सफलतापूर्वक जारी है और इस वर्ष 6 देशों ने इस परियोजना की मेज़बानी का अनुरोध किया है।
इस परियोजना का उद्देश्य क़ुरान के संदेशों को विभिन्न भाषाओं में प्रसारित करना है जिसमें आधुनिक मीडिया जैसे एनीमेशन ऑडियो प्रोग्राम और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है।
हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद अली रेजाई इस्फहानी ने इस सम्मेलन का उद्देश्य क़ुम के क़ुरानी केंद्रों के बीच समन्वय स्थापित करना और गैर आवश्यक गतिविधियों से बचना बताया उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर "क़ुरान संसद" बनाने की परियोजना पर भी प्रकाश डाला।
पाराचिनार में शिया मुसलमानों की हत्या की निंदा
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने पाकिस्तान के ख़ुर्रम में 21 नवंबर को तकफीरीयों द्वारा 100 शिया मुसलमानों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने शुक्रवार को लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन चुका है जहां शिया मुसलमानों का लगातार नरसंहार हो रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार,ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने पाकिस्तान के ख़ुर्रम में 21 नवंबर को तकफीरीयों द्वारा 100 शिया मुसलमानों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने शुक्रवार को लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन चुका है जहां शिया मुसलमानों का लगातार नरसंहार हो रहा है।
शिया पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद साएम मेहंदी नक़वी ने कहा कि इस मुल्क का नाम पाकिस्तान नहीं बल्कि पापिस्तान होना चाहिए है मौलाना ने कहा कि इससे पहले भी पाकिस्तान में चेहल्लुम ए इमाम हुसैन के मौके पर शियों का नरसंहार किया गया था तब भी दुनिया का मुस्लमान खामोश था क्या वहां शहीद होने वाले नौजवान,बुजुर्ग, बच्चे, औरतें इंसान नहीं है जिनके हक़ में कोई आवाज़ नहीं उठा रहा है।
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा,यह अत्यंत दुखद है कि जब फ़िलीस्तीन में मुसलमानों पर इस्राइल के अत्याचार होते हैं, तो पूरी मुस्लिम दुनिया उनकी निंदा करती है। लेकिन जब पाकिस्तान या दुनिया के किसी हिस्से में शिया मुसलमानों का क़त्लेआम होता है तो मुस्लिम समुदाय चुप्पी साध लेती है अन्याय कहीं भी हो उसकी निंदा होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने पाकिस्तान में 15 से अधिक बच्चों और कई महिलाओं को भी अपनी क्रूरता का निशाना बनाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि गोलीबारी में घायल व्यक्तियों को एम्बुलेंस से बाहर निकालकर उनकी हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा,पाकिस्तान में मारे गए शिया मुसलमान शहीद हैं पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद पर लगाम लगाने में विफल हो चुकी है। सऊदी अरब के पेट्रो डॉलर से पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है मस्जिदों और इमामबाड़ों में इबादत कर रहे लोगों पर हमले यह दिखाते हैं कि ये आतंकवादी इस्लाम के भेष में पाखंडी हैं।
मौलाना यासूब अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से पाकिस्तान के शिया मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिया मुसलमान पिछले 1400 वर्षों से आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं और अब इस नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप आवश्यक है।
शिया धर्मगुरु मौलाना जाफ़र अब्बास ने कहा कि ऐसी दर्दनाक वारदात को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन या तंज़ीमे जानवरों से भी बदतर हैं उनके लिए मेरे पास कोई लफ्ज़ नहीं है कि उनकी तुलना किससे की जाए जिनकी नज़रों में इंसानियत की कोई अहमियत नहीं ऐसे लोग पूरी दुनिया के लिए ख़तरा है।
शिया हुसैनी फंड के सेक्रेटरी हसन मेहंदी ने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ़ आवाज उठा रहे हैं और बराबर इसके लिए यूएनओ और भारत देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखते रहते हैं कि पाकिस्तान में शिया समुदाय पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए लेकिन वहां अत्याचार बढ़ तो रहा है मगर काम नहीं हो रहा।
पाकिस्तान सरकार शियाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे
आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने पाकिस्तान के पाराचिनार क्षेत्र में शियाओं के नरसंहार की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वह पाकिस्तान के शियाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए।
एक रिपोर्ट के अनुसार,आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने पाकिस्तान के पाराचिनार क्षेत्र में शियाओं के नरसंहार की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वह देश के शियाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
संदेश का पाठ निम्नलिखित है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
पाकिस्तान के पाराचिनार में घटित घटनाएं जो दुर्भाग्य से पहले भी हो चुकी हैं अत्यंत दुःखद हैं।
आवश्यक है कि पाकिस्तान सरकार उन तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे जो देश की सुरक्षा और एकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मुसलमानों विशेष रूप से शिया समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन दर्दनाक घटनाओं को रोका जाए जिनके पीछे इस्लाम के दुश्मनों के एजेंट शामिल हैं।
मैं इस दुखद अत्याचार की निंदा करते हुए दुआ करता हूं कि परमेश्वर क्षेत्र के सभी प्रियजनों और शिया समुदाय को अपनी सुरक्षा और शांति में रखे।
हुसैन नूरी हमदानी