इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी का कहना था कि लगभग पिछले हज़ार साल के इतिहास पर नज़र डालने से पैदा चलता है कि इस ज़मीन से महान लोग पैदा हुए हैं जिन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और क्षमता से कला और इंसानी सोच के सबसे महत्वपूर्ण नमूनों को पेश किया है।
प्रसिद्ध ईरानी कवि और शाहनामे के लेखक हकीम और फ़्लास्फ़र अबुलक़ासिम फ़िरदौसी की याद में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ जिसके नाम राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने एक संदेश भेजा। राष्ट्रपति के एक संदेश को ईरान के संस्कृति और इस्लामी मार्गदर्शन मंत्री मुहम्मद महदी इस्माइली ने पढ़ा।
यह सम्मेलन फ़ार्सी भाषा के इतिहास और शानदार ईरानी-इस्लामी सभ्यता के विकास की राह में इस प्रसिद्ध कवि की अनूठी भूमिका को याद करने के लिए रखा गया।
फ़िरदौसी की याद में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति के संदेश को पढ़ा गया जो इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
शुरु करता हूं अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और दयावान है
ज़िदगी और अक़्ल देने वाले ईश्वर नाम से, कि इससे बढ़कर कोई सोच नहीं हो सकती
ईरान की इस्लामी सभ्यता और संस्कृति, प्रतिभाशाली इस्लामी सभ्यता के जिस्म के बीच में एक बड़ी हक़ीक़त है, एक सभ्यता जिसने पश्चिमी मध्य युग के अंधेरे के चरम पर, ईश्वर की तलाश में फिरने वाले इंसानों की प्रवृत्ति में इस विचार को ज़िंदा रखा और अंतिम और सबसे परिपूर्ण ईश्वरीय दूत के संदेश से प्रभावित आध्यात्मिकता की भावना से ओतप्रोत, इंसानों के भविष्य को एकेश्वरवादी शिक्षाओं की छत्रछाया में ज़िंदा रखा।
इस प्राचीन पूर्वी सभ्यता के दिल में, ईरानी संस्कृति ने, उदारता के स्रोत के रूप में, न केवल इस्लामी जगत को महानता और भव्यता प्रदान की, बल्कि एक केंद्रीय कड़ी के रूप में, यह पूरब और पश्चिम की जागरूता की ज़ंजीर को जोड़ने वाली वह कड़ी भी बन गई जहां संसार के भौतिकवाद का उदय होता है, आज ईरान हक़ीक़ी ज्ञान का प्रचारक और न्याय एवं बुद्धि का ध्वजवाहक बना है।
इस लंबी यात्रा में, इस्लामी दुनिया की दूसरी भाषा के रूप में फ़ारसी भाषा, ईश्वरीय बातचीत के साथ, हमेशा पैग़म्बरे इस्लाम के पवित्र परिजनों के ज्ञान और पवित्रता के प्रति समर्पण की भाषा रही है। लगभग पिछले हज़ार साल के इतिहास पर नज़र डालने से पैदा चलता है कि इस ज़मीन से महान लोग पैदा हुए हैं जिन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और क्षमता से कला और इंसानी सोच के सबसे महत्वपूर्ण नमूनों को पेश किया है। फ़िरदौरसी ने इस्लाम धर्म की छत्रछाया में ईरानी इतिहास में नई जान फूंक दी।
इस भाषा के इतिहास में और शानदार ईरानी-इस्लामी सभ्यता के विकास की राह में एक अद्वतीय और अतुलनीय नाम है और बेशक वह महान ईरानी शायर फ़िरदौसी हैं।
महान ईरानी शायर फ़िरदौसी का शाहनामा इस धरती के लोगों की गौरवपूर्ण शासन व्यवस्था स्वतंत्रता, न्याय प्रेम, वीरता, दृढ़ता और ज्ञान का प्रतीक है। ईरानी जनता हमेशा सच्चाई के साथ खड़ी नज़र आई, कभी भी हितों के पीछे नहीं भागी, यह वही लोग हैं जिन्होंने किसी भी कीमत पर अपनी भूमि पर हमला करने वालों के हाथ काट दिए और पूरी बहादुरी के साथ ईश्वर के "सच्चे वादे" पर विश्वास रखते हुए शैतान के दिल पर निशाना साधते हैं।
फ़िरदौसी न केवल एक कवि थे जिन्हें इस्लामी ईरानी संस्कृति का जीवन और सार माना लिया जाए, जिन्होंने ईरानी पहचान को ईरान-दोस्ती और पैग़म्बरे इस्लाम के पवित्र परिजनों की शिक्षाओं जैसे दो पंखों से उड़ाया और परिपूर्णता के रास्ते पर ले गये।
हकीम फ़िरदौसी ने शाहनामे में एक ऊंचे व्यवस्थित महल और महाकाव्य का एक महान क़िला बनाया जिसकी नींव फ़ारसी भाषा से तैयार की गयी और इसकी मीनारें और दीवारें हज़रत अली अलैहिस्सलाम की कृपा और दया से बनाई गयीं।
अब समय आ गया है कि सहृदयता और सहानुभूति की राह पर क्रांति के दूसरे चरण की दहलीज़ पर, आज के समाज और विशेष रूप से इस्लामी ईरान की भविष्य-निर्माता युवा पीढ़ी के लिए, इस महान हकीम के विचार और कला को सम्मानित करने और मान्यता देने का प्रयास, राष्ट्रीय-इस्लामी पहचान और क्षेत्र और दुनिया में इस्लामी गणतंत्र ईरान के सभ्यतागत मॉडल का उत्थान, एक केंद्रीय बिंदु समझा जाता है।
इसी लिए जनता की सरकार अपनी पूरी ताक़त से हकीम अबुल क़ासिम फ़िरदौसी जैसे महान व्यक्ति को श्रद्धांजलि पेश करती है और इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करने वालों का समर्थन करती है इस कार्रवाई के वैश्विक दायरे के विकास के लिए उसके पास एक व्यापक योजना है और भविष्य में भी रहेगी।
अंत में, इस सम्मेलन के आयोजनकर्तकाओं को धन्यवाद देते हुए, मैं ईरान के संस्कृति और कला प्रेमियों और सभी फ़ारसी-भाषी देशों और इस प्रसिद्ध कवि और शायद के चाहने वालों को, फ़ारसी भाषा की रक्षा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस और महान फ़िरदौसी की याद मनाए जाने पर बधाई देता हूं और ईश्वर से दुआ है कि ईश्वर इस काम को आगे बढ़ाने की शक्ति प्रदान करे।
सैयद इब्राहीम रईसी
राष्ट्रपति