सुरक्षा का विषय सैन्य आयाम तक सीमित नहीं: वरिष्ठ नेता से भेंट

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सुरक्षा का विषय सैन्य आयाम तक सीमित नहीं: वरिष्ठ नेता से भेंट

वरिष्ठ नेता ने बल दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा की उच्च परिषद के सचिवालय का माहौल पूरी तरह सही व शुद्ध क्रान्तिकारी और ईश्वरीय गुट की सोच के अनुकूल होना चाहिए।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई से बुधवार को ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा की उच्च परिषद के सचिव अली शमख़ानी और इस परिषद के विशेषज्ञों ने मुलाक़ात की। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता ने मौजूदा दौर में सुरक्षा के संबंध में मौजूद जटिलताओं का उल्लेख किया। उन्होंने सुरक्षा को समाज की सबसे महत्वपूर्ण ज़रूरत बताते हुए पवित्र क़ुरआन में इस संबंध में मौजूद बिन्दुओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज सुरक्षा का विषय सैन्य आयाम तक सीमित नहीं है, अब यह विषय आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक व नैतिक आयाम से भी महत्व रखता है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की उच्च परिषद को इस प्रकार फ़ैसला करना चाहिए जिसमें सुरक्षा के कई आयाम शामिल हों। उन्होंने कुछ हल्कों के क्रान्ति के मुख्य मार्ग को बदलने की कोशिश का उल्लेख करते हुए बल दिया कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी, इस्लामी क्रान्ति के प्रतीक हैं इसलिए उनके बयान क्रान्ति के आधार हैं।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने कहा कि इस्लामी क्रान्ति की सफलता के शुरु से ही कुछ तत्वों ने क्रान्तिकारी विचार को स्वीकार नहीं किया और कुछ तत्वों का, व्यवस्था में होने के बावजूद साम्राज्य से मुक़ाबले में विश्वास नहीं था इसलिए ऐसे तत्वों के ख़िलाफ़ डट जाना चाहिए।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले 37 वर्षों से संघर्ष की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान काल में शत्रु द्वारा नई व जटिल शैली अपनाए जाने के कारण यह संघर्ष अधिक कठिन व संवेदनशील हो गया है।

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