तेहरान के जुमे के इमाम ने कहा है कि निराशा पैदा करना दुश्मन का लक्ष्य है।
आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने जुमे की नमाज़ के विशेष भाषण में कहा कि दुश्मन के व्यापक आर्थिक-मानसिक युद्ध छेड़ने और उसकी साज़िश का लक्ष्य हमेशा मंच पर हाज़िर रहने वाले ईरानी राष्ट्र में निराशा पैदा करना है।
उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रान्ति के 40 साल के वजूद के दौरान अमरीका और अंतर्राष्ट्रीय ज़ायोनीवद की अगुवाई में साम्राज्यवादी व्यवस्था को कंपकपी छायी रही है, कहा कि प्रतिरोध के मोर्चे पर उन्हें मिलने वाली करारी हार का क्रम जारी है।
तेहरान के जुमे के अस्थायी इमाम ने बल दिया कि अगर अमरीका और इस्राईल ने ग़लती की तो क्षेत्र में उनकी छावनियां सुरक्षित नहीं रहेंगी और उनके लिए दुनिया अंधेर हो जाएगी।
आयतुल्लाह मोहम्मद अली मोवह्हेदी किरमानी ने अवसर, आंतरिक स्रोत व सक्षमता के उपयोग, दृढ़ता व एकता की भावना की मज़बूती को दुश्मन को हराने का मार्ग बताया।
उन्होंने देश के दक्षिण-पश्चिमी शहर अहवाज़ पर हुए आतंकवादी हमले की भर्त्सना करते हुए कहा कि बच्चों के हत्यारे आतंकियों के निराश आक़ा, ईरानी जनता से बदला लेने के सिवा कोई और रस्ता नज़र नहीं आ रहा है।
आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के हालिया अधिवेशन की ओर इशारा करते हुए कहा कि अत्याचार का अंजाम पतन है और अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन ऐसा आएगा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूरी दुनिया के देशों के प्रतिनिधि उन पर हंसेंगे।