28वां वापसी मार्च, 3 फ़िलिस्तीनी शहीद, 376 घायल

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28वां वापसी मार्च, 3 फ़िलिस्तीनी शहीद, 376 घायल

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार की रात बताया कि 28वें वापसी मार्च के दौरान ग़ज़्ज़ा की सीमा पर इस्राईली फ़ायरिंग में 3 फ़िलिस्तीनी शहीद और 376 घायल हो गये।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि घायलों में 10 महिलाएं और 30 बच्चे भी शामिल हैं।

प्रेस टीवी  की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ़ क़दरा ने बताया कि इस्राईली फ़ायरिंग में 12 वर्षीय फ़ारस हफ़ीज़ और 24 वर्षीय महमूद करम घटना स्थल पर ही दम तोड़ गये जबकि एक अन्य युवा ने रास्ते में दम तोड़ दिया।

उनका कहना था कि फ़िलिस्तीनियों की ओर से इस्राईल के विरुद्ध हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान इस्राईली सैनिकों की फ़ायरिंग में 376 से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल हुए हैं। 

अशरफ़ क़दरा ने बताया कि शुक्रवार की रात फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करते हुए टायर जलाए और इस्राईली सैनिकों पर पथराव किया किन्तु इस्राईली सैनिकों ने जवाब में निहत्थे फ़िलिस्तीनियों पर आंसू गैस के गोले दाग़े और गोलियां बरसा दीं।   

उनका कहना था कि आंसू गैस से प्रथावित 192 फ़िलिस्तीनियों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उनका कहना था कि इस्राईली सैनिकों की फ़ायरिंग से 126 फ़िलिस्तीनी घायल हुए जिनमें से 7 की हालत चिंताजनक है।

अशरफ़ क़दरा का कहना था कि इस्राईली सैनिकों ने फ़िलिस्तीनी एंबुलेंस पर सीधे आंसू गैस से हमला किया किन्तु कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ।

दूसरी ओर जेबालिया कैंप में स्थानीय पत्रकार मुहम्मद हज़मीन के सिर पर आंसू गैस का गोला लगा जिसके परिणाम में वह भीषण रूप से घायल हो गये। 

ज्ञात रहे कि 30 मार्च से शुरू हुई वापसी मार्च के नाम से फ़िलिस्तीनियों की शांतिपूर्ण रैली में अब तक ज़ायोनी सैनिकों की फ़ायरिंग में 195 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं जबकि 21 हज़ार 600 से अधिक घायल हुए हैं। यह रैली हर शुक्रवार को ग़ज़्ज़ा और इस्राईल की सीमा पर निकाली जाती है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान समेत अधिकतर देशों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने ज़ायोनियों के इन अपराधों की निंदा की है। 30 मार्च 1976 को ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों की ज़मीनों को ज़ब्त करने की वर्षगांठ के अवसर पर हर साल रैलियां निकाली जाती हैं। इस साल फ़िलिस्तीनियों ने इस रैली को वापसी मार्च का नाम दिया है और कहा है कि जब उनकी ज़मीनें वापस नहीं दी जातीं वे हर सप्ताह शुक्रवार को रैली निकालते रहेंगे।

 

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