पिछले 45 वर्षों में इस्लामी गणतंत्र ईरान की सबसे महत्वपूर्ण सफलताओं और उपलब्धियों में से एक पूरी तरह से सुरक्षित वातावरण में 39 चुनावों का आयोजन रहा है।
इस्लामी काउंसिल या संसद के 12वें सत्र और नेतृत्व विशेषज्ञों की सभा के छठे सत्र के चुनाव शुक्रवार पहली मार्च को आयोजित होंगे। चुनाव से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक उन्हें सुरक्षित और तनाव मुक्त वातावरण में आयोजित कराना है।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने शुक्रवार के चुनावों के संबंध में चार रणनीतियां निर्धारित की हैं। जिनमें मज़बूत भागीदारी, वास्तविक प्रतिस्पर्धा, वास्तविक सुरक्षित चुनाव और पूर्ण सुरक्षा शामिल है। इस संबंध में, गृह मंत्रालय के उप सुरक्षा अधिकारी और देश के चुनाव सुरक्षा मुख्यालय के प्रमुख सैय्यद मजीद मीर अहमदी ने घोषणा की है कि ढाई लाख से अधिक सुरक्षा बल, चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए तैनात किए जा रहे हैं।
ईरान में चुनावों की सुरक्षा पर प्रकाश डालने का एक कारण ईरान की जनसांख्यिकीय संरचना है। ईरान जातीय और जनजातीय विविधता वाला देश है और चुनावों और लोकप्रिय भागीदारी में जातीय और जनजातीय पहलू प्रमुख हैं।
हालांकि, ईरान के पिछले 39 चुनावों में थोड़ी सी भी असुरक्षा दिखाई नहीं दी है, इसीलिए सुरक्षित माहौल में चुनाव कराना इस्लामी गणतंत्र ईरान की ठोस उपलब्धियों में से एक है।
इस संबंध में, एक चुनाव आयोजन के बाद, इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा था कि हमें वास्तव में ईश्वर का अदा करना चाहिए, क्योंकि सुरक्षा और शांति के माहौल में चुनावों का आयोजन एक बड़ी उपलब्धि है। यहां तक कि जहां परस्पर विरोधी उद्देश्य हों; राजनीतिक मतभेद हों, दो शहरों के बीच अंतर हो, उम्मीदवारों के बीच प्रतिस्पर्धा हो; वहां कहीं कोई कटु घटना नहीं घटी है।
इस्लामी क्रांति के नेता हमेशा पूर्ण सुरक्षा में चुनाव कराने पर ज़ोर देते हैं, इसका एक महत्वपूर्ण कारण चुनाव के लिए उनके इच्छित कार्य से संबंधित है। उनका मानना है कि ईरान में चुनाव से एकता आनी चाहिए। इस संबंध में, उन्होंने कहा था कि राजनीतिक मतभेदों से दुश्मनों के ख़िलाफ़ ईरानी राष्ट्र की राष्ट्रीय एकता पर असर नहीं पड़ना चाहिए।
यह महत्वपूर्ण और ठोस उपलब्धि ऐसी स्थिति में हासिल की गई है, जहां इस्लामी गणतंत्र ईरान के दुश्मनों ने एक तरफ़ चुनाव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने और उस पर सवाल उठाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी है और भ्रम और असुरक्षा का माहौल पैदा करने का प्रयास किया है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान की ख़ुफ़िया एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सितंबर से दुश्मन अराजकता और असुरक्षा पैदा करके ऐसे हालात पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, जिससे पहली मार्च को चुनावों के आयोजन में बाधा उत्पन्न हो सके।