अब दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो गया है

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अब दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो गया है

यमन के अंसारुल्लाह संगठन के नेता ने फ़िलिस्तीन की मज़लूम जनता के समर्थन पर बल देते हुए कहा है कि अधिकांश देश और सरकारें मूकदर्शक बनी हुई हैं और उनमें से कुछ दुश्मनों के साथ मिल गयी हैं और गुप्त रूप से ज़ायोनी दुश्मन का समर्थन कर रही हैं।

अब्दुल मलिक बदरुद्दीन हूसी ने कहा कि जायोनी सरकार के हमलों के कारण फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों को बदतरीन कठिनाइयों व समस्याओं का सामना है। उन्होंने कहा कि गज्जा पर इस्राईल के पाश्विक हमलों के पहले दिन ही अमेरिका, ब्रिटेन और अधिकांश बड़े यूरोपीय देशों ने जायोनी दुश्मन का विभिन्न प्रकार से समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि जायोनी सरकार के पास बहुत अधिक सैनिक संभावना व हथियार होने के बावजूद अमेरिका और पश्चिम ने विभिन्न प्रकार के हथियारों, पैसों और तकनीक से जायोनी सरकार की मदद की।

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में तीसरी बार प्रस्ताव को वीटो करके पारित होने से रोक दिया और जायोनी दुश्मन की मदद की। उन्होंने कहा कि अमेरिका फिलिस्तीनी लोगों की हत्या व नरसंहार पर आग्रह करता है और वह गज्जा में फिलिस्तीन के लोगों के भूखा रहने का समर्थन कर रहा है।

इसी प्रकार उन्होंने कहा कि इस्राईल के अपराधों में अमेरिका उसका अस्ली भागीदार है और जायोनी सरकार के अपराधों में उसका समर्थन ब्रिटेन से वाशिंग्टन को विरासत में मिली है, वाशिंग्टन कमज़ोरों के समर्थन में सुरक्षा परिषद और राष्ट्रसंघ की भूमिका में रुकावट व बाधा बन रहा है।

यमन के अंसारुल्लाह संगठन के नेता ने कहा कि फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों के प्रति मुसलमानों का समर्थन कहां है? फिलिस्तीनी लोग समर्थन व मदद के पात्र हैं और कुछ सरकारों की चुप्पी, अपराधों को अंजाम देने में जायोनी सरकार के दुस्साहस का कारण बनी है। उन्होंने कहा कि गज्जा पट्टी की स्थिति जितनी बदतर हो रही है मुसलमानों की ज़िम्मेदारी उतनी अधिक हो रही है, क्या मुसलमान सहायता करने के लिए गज्जा वासियों के पूर्णरूप से खत्म हो जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं?

इसी प्रकार अब्दुल मलिक अलहूसी ने कहा कि गज्जा में भूख के कारण मरने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है और बहुत से मरने वाले बच्चे और बड़ी उम्र के लोग हैं यहां तक कि जानवरों का चारा भी खत्म हो रहा है। गज्जा में लाखों फिलिस्तीनी भूखे हैं और इस्लामी देशों व राष्ट्रों से वे मदद चाह रहे हैं।

इसी प्रकार उन्होंने कहा कि जायोनी सरकार ने कुछ फिलिस्तीनी बंदियों की हत्या कर दी जिनमें महिलायें और बच्चे शामिल हैं। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि पश्चिम, महिलाओं के अधिकारों के समर्थन का दम भरता है जब इस्राईल फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों की हत्या करता है तो महिलाओं के समर्थन का उनका नारा कहां चला जाता है?

इस समय पश्चिम से महिलाओं के समर्थन में कोई आवाज़ सुनाई नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम, गैर अखलाक़ी, अनैतिक या समाजों को तबाह करने वाली बातों में महिलाओं के समर्थन में नारा लगाता है।

बहरहाल अमेरिका, पश्चिम और यूरोपीय देश मानवाधिकार, बाल अधिकार और महिला अधिकार के दावे में कितने सच्चे हैं यह सब फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों के संबंध में उनके क्रिया कलापों से पूरी तरह पूरी दुनिया के लिए स्पष्ट हो गया है और उनके चेहरों पर मानवताप्रेम नाम का जो मुखौटा था वह भी पूरी तरह जगज़ाहिर हो गया है।

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