ईरान और आर्मीनिया के रक्षामंत्रियों की मुलाक़ात

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ईरान और आर्मीनिया के रक्षामंत्रियों की मुलाक़ात

आर्मीनिया के रक्षामंत्री सोरेन पाइकियान ने तेहरान में ईरान के रक्षामंत्री ब्रिगेडियर जनरल मुहम्मद रज़ा आशतियानी से मुलाक़ात की।

ईरान की राजधानी में होने वाली इस मुलाक़ात में तेहरान तथा ईरवान के बीच वर्तमान सहयोग और आपसी संबन्धों में विस्तार की संभावनाओं की समीक्षा की गई।  ईरान और आर्मीनिया के रक्षामंत्रियों की बैठक में द्विपक्षीय संबन्धों के साथ ही क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।  दोनो ही पक्ष अपनी रूचि के विषयों में महत्वपूर्ण सहमति तक पहुंचे।

इस्लामी गणतंत्र ईरान तथा आर्मीनिया के अधिकारियों की वार्षिक बैठकें, इस बात को दर्शाती है कि दोनो ही पक्ष, आपसी संबन्धों को विस्तृत करने के लिए प्रयासरत हैं।  आर्मीनिया के रक्षामंत्री ने ईरान की यात्रा एसी हालत में कही है कि जब पिछले महीने तेहरान और ईरवान के संयुक्त आयोग की 18वीं बैठक, तेहरान में आयोजित हुई थी।  इस बैठक में द्विपक्षीय संबन्धों को विस्तृत करने के साथ ही दोनो पक्षों ने आपसी सहयोग के स्तर को तीन अरब डालर तक ले जाने पर बल दिया।

यहां पर इस वास्तविकता को अनदेखा नहीं किया जा सकता कि दूसरे क़रेबाग़ युद्ध की समाप्ति और बाकू एवं ईरवान संकट के समाधान के बाद ईरान और आर्मीनिया के अधिकारियों ने सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर करके स्ट्रैटेजिक सहकारिता के साथ ही आर्थिक तथा व्यापारिक क्षेत्रों में भी संबन्धों को विस्तृत किया है।  यही कारण है कि ईरान और आर्मीनिया के अधिकारियों की एक-दूसरे देशों की यात्राएं, विशेष महत्व रखती हैं।

द्विपक्षीय संबन्धों में विस्तार के साथ ही ईरवान के अधिकारियों ने भी पिछले तीन वर्षों के दौरान हमेशा ही सहयोग को अधिक से अधिक बढ़ाने की कोशिशें की हैं।  उदाहरण स्वरूप अक्तूबर में तेहरान में 3+3 की बैठक के आयोजन के अवसर पर आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकल पाशीनियान ने ईरवान में मौजूद इस्लामी गणतंत्र ईरान के राजदूत से संबन्धों के अधिक विस्तार की बात कही थी।

उन्होंने कहा था कि दक्षिणी क़फ़क़ाज़ क्षेत्र में रेलवे के बुनियादी ढांचे को एकीकृत करने की प्रक्रिया को आर्मीनिया विशेष महत्व देता है।  इसीके बाद ईरवान सरकार के अधिकारी द्वारा तेहरान में आयोजित बैठक में दिया गया बयान दर्शाता है कि आर्मीनिया के अधिकारी, आज़रबाइजान के साथ युद्ध करने में कोई रूचि नहीं रखते हैं बल्कि वे पड़ोसियों के साथ संबन्ध विस्तार के पक्ष में हैं।

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आर्मीनिया के रक्षामंत्री की हालिया तेहरान यात्रा सहित तेहरान और ईरवान के अधिकारियों की यात्राएं, आपसी संबन्धों को अधिक से अधिक मज़बूत करने की ओर संकेत करती हैं।  यहां पर इस बात का उल्लेख ज़रूरी है कि दोनो देशों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय उत्तरी-दक्षिणी गलियारे के संबन्ध में सहयोग विशेष महत्व रखता है।

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