भारतीय तट से 1400 मील दूर एक व्यापारी जहाज को बंधक बनाने वाले जलदस्युओं पर नौसेना ने ऐसा हमला किया जिसके कारण उन्हें सरेंडर होने पर बाध्य होना पड़ा।
भारतीय नौसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बंधक जहाज के चालक दल के 17 सदस्यों की सुरक्षित रिहाई भी सुनिश्चित की। समुद्री लुटेरों के खिलाफ अपने इस अभियान के लिए नौसेना ने अपने पी-8I समुद्री गश्ती विमान, फ्रंटलाइन जहाज आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और मानव रहित हवाई यान को तैनात किया।
अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया। इससे पहले, नौसेना ने सोमालिया के पूर्वी तट पर जहाजों के अपहरण के सोमालियाई समुद्री डाकुओं के एक प्रयास को विफल कर दिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार समुद्री डाकू रुएन नामक एक मालवाहक जहाज पर सवार थे जिसका करीब तीन महीने पहले अपहरण किया गया था।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि आईएनएस कोलकाता ने पिछले 40 घंटों में ठोस कार्रवाई करके सभी 35 जलदस्यु को सफलतापूर्वक घेर लिया और आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया तथा बंधक बनाए गए जहाज से चालक दल के 17 सदस्यों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की।
नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था। पहले के बयान में नौसेना ने बताया था कि जहाज से भारतीय युद्धपोत पर गोलीबारी की गई और भारतीय जहाज की ओर से आत्म रक्षा में और नौवहन तथा नाविकों को जलदस्युओं के खतरे से बचाने के लिए आवश्यक न्यूतनम बल के साथ समुद्री डकैती से निपटने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार कार्रवाई की गई। नौसेना ने कहा है कि जहाज पर सवार समुद्री डाकुओं से आत्मसमर्पण करने तथा उनके द्वारा बंधक बनाए जहाज तथा नागरिक को रिहा करने को कहा गया।