शनिवार रात गुजरात विश्वविद्यालय के एक हॉस्टल में नमाज़ पढ़ने वाले कुछ विदेशी छात्रों पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के कुछ सदस्यों ने हमला बोल दिया और उनके साथ मारपीट की।
यूनिवर्सिटी हॉस्टल के ए ब्लॉक में अफ़ग़ानिस्तान, उज़्बेकिस्तान, अफ्रीक़ा और दूसरे देशों के छात्रों पर क़रीब 25 लोगों ने पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया। हमले में कम से कम 2 छात्र घायल हो गए हैं। घाटल छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
गुजरात कांग्रेस के नेता ग़यासुदीन शेख़ ने इस घटना की निंदा करते हुए राज्य में बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
घटनास्थल पर हर तरफ़ पत्थर बिखरे पड़े थे और वहां आसपास खड़ी छात्रों की गाड़ियों की भी तोड़ दिया गया था। इस्लामोफ़ोबिया की इस घटना से हॉस्टल के छात्र भी डरे हुए और उदास थे।
एक विदेशी छात्र का कहना था कि हम जैसे बाहर से आने वाले छात्रों के लिए अब यहां रहना बड़ी चुनौती है। यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों का छात्रावास है। इसकी जांच होनी चाहिए कि यह लोग यहां झुंड बनाकर कैसे घुस जाते हैं। ऐसे लोग अक्सर यहां आते हैं और ज़बरदस्ती जय श्री राम का नारा लगाने के लिए कहते हैं या फिर जान से मार डालने की धमकी देते हैं। ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। दूसरे देशों के छात्रों के लिए यहां बहुत जोखिम है।
इस पूरे मामले में अहमदाबाद पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। हालांकि, अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुजरात यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ नमाज़ को लेकर हुई मारपीट की घटना पर कहा है कि अहमदाबाद की गुजरात यूनिवर्सिटी में हिंसा की घटना हुई है। राज्य सरकार अपराधियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही कर रही है।