ग़ज़्ज़ा में तेज़ी से कुपोषण का शिकार होते फ़िलिस्तीनी बच्चे

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ग़ज़्ज़ा में तेज़ी से कुपोषण का शिकार होते फ़िलिस्तीनी बच्चे

उत्तरी ग़ज़्ज़ा में कुपोषण का शिकार फ़िलिस्तीनी बच्चों की संख्या दो बराबर हो चुकी है।

पार्सटुडे के अनुसार यूनिसेफ ने बताया है कि ग़ज़्ज़ा में कुपोषण का शिकार बच्चों की संखया दोगुनी हो गई है।

यूनीसेफ की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी ग़ज़्ज़ा की पट्टी में दो साल के हर तीन फ़िलिस्तीनी बच्चों में से एक बच्चा बुरी तरह से कुपोषण का शिकार है।

यूनीसेफ की प्रबंधक कैटरीन रसेल ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा में कुपोषण, स्तब्ध करने की हद तक बढ चुका है।  उन्होंने कहा कि यहां पर बच्चों की स्थति हर दिन ख़राब होती जा रही है।

फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्रसंघ की संस्था आनरवा ने भी घोषणा की है कि ग़ज़्ज़ा के बच्चों में कुपोषण बहुत ही तेज़ी से अभूतपूर्व ढंग से फैलता जा रहा है।  वहां पर अकाल के हालात बन चुके हैं।

अवैध ज़ायोनी शासन ने पश्चिमी देशों के समर्थन से अक्तूबर 2023 से ग़ज़्ज़ा में व्यापक स्तर पर फ़िलिस्तीनियों का जनसंहार आरंभ कर रखा है।  ज़ायोनियों के हमलों में अबतक 31000 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं।  इन हमलों में घायल होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 72 हज़ार को पार कर चुकी है।

फ़िलिस्तीन की भूमि पर विभिन्न देशों के यहूदियों को भेजने की ब्रिटेन की योजना के अन्तर्गत 1948 में अवैध ज़ायोनी शासन का गठन हुआ था।  उस समय में फ़िलिस्तीनियों को उनकी भूमि से हटाने और उसको हड़पने के लिए अवैध ज़ायोनी शासन, जनसंहार का सहारा लिए हुए है।

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