ज़ायोनिज़्म का सिविलाइज़ेशनल ख़तरा

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ज़ायोनिज़्म का सिविलाइज़ेशनल ख़तरा

संयुक्त राष्ट्र संघ ने फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की हालत पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि डाक्टर अब ग़ज़ा में नवजात शिशुओं का स्वाभाविक आकार नहीं देख पा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या कोष के अधिकारी डोमिनिक एलेन ने ग़ज़ा का दौरा करने के बाद एक प्रेस कान्फ़्रेंस में कहा कि ग़ज़ा में मानवता विरोधी गतिविधियां फ़िलिस्तीनी माओं के लिए डरावना सपना बन गई हैं और उनके बच्चे प्राकृतिक आकार से छोटे और बीमार अवस्था में पैदा हो रहे हैं।

डोमिनिक एलेन ने कहा कि ग़ज़ा पट्टी में जो पूरी तरह उजड़ चुका इलाक़ा है और वहां भुखमरी और पानी की क़िल्लत है राज़ाना 180 महिलाएं बच्चों को जन्म दे रही हैं और कुपोषण और संसाधनों की भारी कमी की वजह से बहुत से बच्चे मुर्दा पैदा हो रहे हैं या पैदा होने के कुछ ही घंटों बाद उनकी मौत हो जा रही है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या कोष की ओर से भेजी गई सहायताओं की खेप इस्राईली अधिकारियों के ज़रिए रोक दिए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मैंने ग़ज़ा में जो कुछ देखा वह मानवीय त्रास्दी से अधिक भयानक डरावना सपना है यह दरअस्ल मानवता का संकट है।

इस्राईली शासन अक्तूबर 2023 से पश्चिमी देशों के भरपूर समर्थन से ग़ज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ जंग कर रहा है।

इस्राईली हमलों में अब तक 31 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 72 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

इस्राईली शासन की स्थापना ब्रितानी साम्राज्यवाद की साज़िश का नतीजा है जिसके तहत दुनिया के अलग अलग देशों से यहूदियों को फ़िलिस्तीन में लाकर बसाया गया औज्ञ 1948 में इस्राईल के गठन की घोषणा कर दी गई। उसी ज़माने से फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार और उनकी ज़मीनें हड़पने का सिलसिला जारी है।

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