फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में इराक़,यमन, लेबनान और सीरिया में प्रतिरोधक गुट, अवैध ज़ायोनी शासन हमले कर रहे हैं।
इराक़ के प्रतिरोध ने अत्याचार ग्रस्त फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करते हुए अतिग्रहकारियों के ठिकानों पर हमले किये हैं।
इराक़ी प्रतिरोध ने घोषणा की है उसने कि अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के भीतर बिन गोरियन हावाई अड्डे पर कई मिसाइल बरसाए हैं। दूसरी ओर यमन की सेना ने भी ज़ायोनियों के ईलात बंदरगाह पर मिसाइलों से हमला किया है। इसी के साथ यमन की सेना ने लाल सागर में अमरीका के Mado नामक जहाज को लक्ष्य बनाया है। उधर हिज़बुल्ला ने भी लगातार पांच कार्यवाहियां करते हुए इस्राईल दुश्मन के कुछ सैन्य अड्डों पर मिसाइल और राकेटो से हमला किया है।
अवैध ज़ायोनी शासन ने पश्चिमी देशों के समर्थन से ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों का जनसंहार आरंभ कर रखा है। इसके मुक़ाबले में ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध और इराक़,यमन, लेबनान और सीरिया में प्रतिरोधक गुटों ने घोषणा कर रखी है कि वे अवैध ज़ायोनी शासन से उसके अपराधों का बदला लेकर रहेंगे। ग़ज़्ज़ा पर किये गए ज़ायोनियों के हमलों में अबतक 31 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं। इन हमलों में 72 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल हुए हैं।
ब्रिटेन के समर्थन से विभिन्न देशों से यहूदियों का पलायन करवाकर 1917 से अवैध ज़ायोनी शासन के गठन की भूमिका प्रशस्त की गई थी। बाद में सन 1948 में इस अवैध शासन के गठन का एलान कर दिया गया। उस समय से ज़ायोनियों के हाथों फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार और उनकी भूमि पर क़ब्ज़ा करने का क्रम अबतक जारी है।