हिज़्बुल्लाह की सॉफ़्ट ताक़त और होशियारी

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हिज़्बुल्लाह की सॉफ़्ट ताक़त और होशियारी

पश्चिम एशिया के हालिया घटनाक्रमों में लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़बुल्लाह की भूमिका का एक महत्वपूर्ण आयाम यह है कि इस आंदोलन ने बड़े पैमाने पर युद्ध में दाख़िल हुए बिना ही इस्राईल की हत्या मशीन में एक बड़ा व्यवधान पैदा कर दिया है।

पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई जब ज़ायोनी शासन को अपने नियंत्रण वाली सीमाओं के भीतर अपने सभी आप्रेशन के फ़ैसलों पर हिज़्बुल्लाह के संभावित हमलों और जवाबी कार्यवाहियों पर नज़र रखनी पड़ी है।

हालिया महीनों में ग़ज़ा में हुए घटनाक्रम के दौरान, लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़बुल्लाह ने यह ज़ाहिर कर दिया कि वह कोई अनुभवहीन ताक़त नहीं है जो जल्दबाज़ी और उत्साह से भरकर कम समय में ही अपनी सारी शक्ति और हथियारों का प्रदर्शन कर दे।

फिलिस्तीनियों के समर्थन में, हिज़बुल्लाह ने पहले अवैध अधिकृत फिलिस्तीन के उत्तर में कॉर्नेट मिसाइलों और मोर्टार गोलों से टारगेट को निशाना बनाया और शक्तिशाली बुरकान मिसाइलों और आत्मघाती ड्रोन के साथ अपने हमलों का क्रम जारी रखा।

हिज़्बुल्लाह का एक जवान

हालिया वर्षों में लेबनान के हिज़बुल्लाह ने हथियारों और सैन्य उपकरणों की तैयारी और अपने जवानों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने के अलावा, एक विशेष मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक पोज़ीशन हासिल कर ली है जिससे कोई भी साम्राज्यवादी शक्ति इस महत्वपूर्ण तत्व को पश्चिम एशियाई क्षेत्र में घुसने के अपने हिसाब किताब से अलग नहीं कर सकती।

मनोवैज्ञानिक रणनीति के संदर्भ में, हिज़बुल्लाह ने ज़ायोनी शासन को उत्तरी और दक्षिणी दोनों क्षेत्रों में एक साथ भय और आतंक के माहौल में उलझा दिया है और इस शासन की एकाग्रता और उसे अपने हमलों को जारी रखने की की क्षमताओं को बाधित कर दिया है।

इस तरह की रणनीति ने ग़ज़ा पट्टी में फिलिस्तीनी प्रतिरोध को युद्ध जारी रखने के लिए अधिक अनुकूल माहौल प्रदान कर दिया है।

7  अक्टूबर के बाद, एक व्यापक और बहुपक्षीय सैन्य रणनीति के अंतर्गत, हिजबुल्लाह ने इस्राईल के रडारों और जासूसी उपकरणों के खिलाफ स्मार्ट ऑपरेशन किए और 2 लाख से अधिक ज़ायोनी बस्तियों के निवासियों को सोचे-समझे और हमलों से क्षेत्र छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

हालांकि फ़िलिस्तीन की हालिया घटनाओं के दौरान, कई प्रतिरोधकर्ता गुटों ने इस्राईल पर हमला किया लेकिन हम साहसपूर्वक कह ​​सकते हैं कि हिज़्बुल्लाह की लाजवाब शक्ति और लड़ने की ताक़त, इस आंदोलन की लड़ाई की समझ, बुद्धिमत्ता और नर्म शक्ति, अन्य प्रतिरोधकर्ता गुटों की तुलना में अधिक प्रभावी और कुशल रही है।

इस्राईल को हिज़बुल्लाह का मुंहतोड़ जवाब

हिज़्बुल्लाह की यहीं विशेषताएं इस्रईल के विस्तारवाद और युद्धोन्माद के लिए एक बड़ी बाधाएं हैं और इस तरह इन्हीं विशेषताओं ने दुनिया के ऊर्जा केंद्र के रूप में पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए स्थिरता के स्तंभ की भूमिका निभाई है।हिज़्बुल्लाह लेबनान में शिया मुसलमानों का एक राजनीतिक-सैन्य संगठन है। यह आंदोलन स्वर्गीय इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के विचारों से प्रेरित होकर लेबनानी जनता के दिलों से पैदा हुआ है।

हिज़बुल्लाह ने कई मुख्य लक्ष्यों को प्राथमिकता दी है जिनमें पश्चिम एशियाई क्षेत्र में साम्राज्यवादियों का मुकाबला करना, ज़ायोनियों से लड़ना और लेबनान और फिलिस्तीन की स्थिरता में योगदान देना इत्यादि

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