लखनऊ में बज़्म ए कुरआन का तीसरा संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित

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लखनऊ में बज़्म ए कुरआन का तीसरा संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित

विलायत एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा रात 9.15 बजे जामिया मस्जिद तहसीनगंज में बज़्म-ए-कुरान का आयोजन किया गया है जिसमें रियाज़-उल-कुरान, मदरसा तजवीद वा क़राअत, तंजील अकादमी, ऐन अल-हयात ट्रस्ट शामिल हैं , हैदरी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी, हिदायत मिशन। , इंस्टीट्यूशन ऑफ रिफॉर्म्स, इलाही घराना, फलाह-उल-मोमिनीन ट्रस्ट, वली असर अकादमी, मदरसा जमीयत अल-ज़हरा ने भी समर्थन दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ/23 मार्च, रमज़ान कुरान का वसंत महीना है, इसी के मद्देनजर विलायत एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा जामी मस्जिद तहसीनगंज में रात 9.15 बजे बज़्म-ए-कुरान का आयोजन किया गया है जिसमें रियाद अल-कुरान, मदरसा तजवीद वा क़राअत, तंजील अकादमी, ऐन अल हयात ट्रस्ट, हैदरी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी, हिदायत मिशन, इंस्टीट्यूट ऑफ रिफॉर्मेशन, इलाही घराना, फलाह अल मोमिनीन ट्रस्ट, वली असर अकादमी, मदरसा जामिया अल ज़हरा ने भी समर्थन किया।

जिसमें कारी मौलाना नामदार अब्बास साहब, कारी बदरुल दाजी साहब (शिक्षक, फरकानिया मदरसा), कारी मौलाना अज़ादार अब्बास साहब, कारी हाफ़िज़ आफताब आलम साहब, कारी सैयद वासिफ अब्बास रिज़वी और कारी मुहम्मद याह्या साहब के मनमोहक और मनमोहक और बहुत ही सुंदर स्वर हैं .मैंने पवित्र कुरान का पाठ किया और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को आध्यात्मिक प्रकाश प्रदान किया और उनके मन को खुशी दी, जिससे सभी दर्शकों का मनोरंजन हुआ।

इस कार्यक्रम का संचालन मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी साहब ने किया और इस कार्यक्रम को कुरान टीवी के यूट्यूब चैनल के माध्यम से लाइव स्ट्रीम किया गया।

बता दें कि इस साल बिज़्म कुरान का तीसरा दौर था। जिसमें शहर की मशहूर हस्तियों ने शिरकत की. जिसमें विशेष रूप से मौलाना मंजर सादिक साहब, मौलाना हसनैन बाक़ेरी साहब, मौलाना क़मरुल हसन साहब, मौलाना सकलैन बाक़ेरी साहब, मौलाना मशाहिद आलम साहब, मौलाना सईदुल हसन साहब, मौलाना साबिर अली इमरानी साहब, क्लब सब्तैन नूरी साहब और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। सभी दर्शकों ने यह भी महसूस किया कि इस तरह के और भी आयोजन करने की जरूरत है।

गौरतलब है कि रमजान के इस पवित्र महीने में पवित्र कुरान की तिलावत आम दिनों की तुलना में ज्यादा की जाती है और इस महीने में पवित्र कुरान की तिलावत का महत्व भी बढ़ जाता है. इस महीने में मुसलमान कम से कम पूरी कुरान पढ़ने की कोशिश करते हैं। जो व्यक्ति कुरान को याद कर लेता है और उसे बेहतरीन आवाज में पढ़ता है, उसे कारी कहा जाता है और लोग उसकी तिलावत को सुनने में बहुत रुचि रखते हैं।

 

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