फिलिस्तीन में इस्राईल की ओर से जारी जनसंहार को भरपूर समर्थन दे रहे ब्रिटेन ने कहा है कि रफह पर इस्राईल के बर्बर हमलों के बाद भी फिलिस्तीन मुक्ति आंदोलन के सशस्त्र दल हमास का खात्मा न मुमकिन है।
गार्जियन के अनुसार ब्रिटेन ने रफ़ह पर ज़ायोनी जेना के ज़मीनी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ब्रिटिश उप विदेश मंत्री एंड्रयू मिशेल ने रफ़ह पर ज़ायोनी हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन बताया है।
इस समाचार पत्र के मुताबिक ज़ायोनी सरकार के हमले को खुली आक्रामकता बताए जाने के बावजूद ब्रिटेन ने इसकी निंदा करने से परहेज किया है। ब्रिटिश अधिकारी ने कहा है कि रफह पर जमीनी हमले से हमास को खत्म करने का सपना पूरा नहीं होगा।
गार्जियन के मुताबिक, ब्रिटिश प्रतिक्रिया अमेरिका के साथ पूर्ण समन्वय के बाद आई है, जिसने इस्राईल पर दबाव डालने के बजाय युद्धविराम को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। उधर, शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि रफह पर हमले के दौरान ज़ायोनी सेना ने अभी तक किसी तक लाल रेखा को पार नहीं किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ज़ायोनी प्रधान मंत्री के साथ बातचीत के दौरान रफह क्रॉसिंग पर इस्राईल के नियंत्रण पर कोई आपत्ति नहीं जताई। ज़ायोनी सरकार का कहना है कि रफ़ह क्रॉसिंग पर ज़ायोनी सेना के कब्ज़े के बाद याह्या अल-सिनवार को बातचीत के लिए मजबूर किया जा सकेगा।