भारत और चीन के बीच काल रहे मनमुटाव के बीच लगभग 18 महीने बाद चीन के राजदूत भारत पहुँच गए हैं। भारत में चीन के राजदूत का पद करीब 18 महीने से खाली था, जो चार दशकों में सबसे लंबा अंतराल है। अब चीन के नए राजदूत शू फेइहोंग दिल्ली पहुंच गए हैं।
शू ने कहा कि चीन एक-दूसरे की चिंताओं को “समझने” और बातचीत के माध्यम से "विशिष्ट मुद्दों" का पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है।
इससे पहले राजदूत के तौर पर अपना कार्यभार संभालने के लिए भारत रवाना होने से पहले फेइहोंग ने ‘पीटीआई-भाषा’ और चीन के ‘सीजीटीएन-टीवी’ के साथ बातचीत में चीन के इस रुख को दोहराया था कि उसका ट्रेड सरप्लस हासिल करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा था, ‘‘भारत के व्यापार घाटे के पीछे कई कारक हैं। चीन, भारत की चिंता को समझता है। हमारा कभी भी ट्रेड सरप्लस हासिल रखने का इरादा नहीं रहा है।’’