ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सेना की ओर से जनसंहार शुरू करने के बाद से ही ज़ायोनी सेना में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है। ज़ायोनी मीडिया ने ग़ज़्ज़ा पर हमले के बाद से ही ज़ायोनी सेना में मानसिक रोग का शिकार हो रहे फौजियों के बारे में खबर देते हुए कहा कि अल अक़्सा स्टॉर्म के बाद से अब तक कम से कम ज़ायोनी सेना के 10 सैन्याधिकारी और जवान आत्महत्या कर चुके हैं।
ज़ायोनी मीडिया ने कहा कि खुद को गोली मारने या धमाके से उड़ाने वाले इन फौजियों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति बेहद दर्दनाक है। ज़ायोनी शासन के रेडियो और टेलीविजन प्रसारण संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, ग़ज़्ज़ा पट्टी के खिलाफ युद्ध की शुरुआत के बाद से, मक़बूज़ा फिलिस्तीन में मानसिक और भावनात्मक समस्याएं, नींद की गोलियों, नशीली दवाओं, ड्रग्स और नशीले पदार्थों का उपयोग तीन गुना बढ़ गया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ज़ायोनी शरणार्थियों के बीच नशीली दवाओं का उपयोग बढ़ गया है। आंकड़ों के अनुसार, 33% से अधिक ज़ायोनी शरणार्थी नशीली दवाओं का उपयोग करते हैं।
ज़ायोनी मीडिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि जंग के बाद रिज़र्व बलों पर सरकार को विशेष ध्यान देना होगा हाल ही में जंग से पलटे एक सैनिक ने मानसिक समस्याओं के कारण अपने एक साथी की बिना किसी कारण और लड़ाई के गोली मारकर हत्या कर दी।