भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह के संचालन को लेकर हुए समझौते पर अमेरिका की ओर से नकारात्मक प्रतिक्रिया पर अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पहले अमेरिका को इस प्रोजेक्ट पर कोई भी आपत्ति नहीं थी बल्कि उसने खुद इस परियोजना को सराहा था।
भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह को लेकर दस साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर होते ही अमेरिका ने चेतावनी दी कि कोई भी तेहरान के साथ व्यापारिक सौदे करने के लिए विचार बना रहा है तो, उसे संभावित प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा कि "मैंने देखा कि इस समझौते को लेकर कुछ टिप्पणियां की गई हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह संवाद और लोगों को समझाने का सवाल है। उन्हें यह समझना होगा कि यह समझौता सभी को लाभ देगा। इसके लिए संकीर्ण दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए।
जयशंकर के अनुसार, अमेरिका ने पहले कभी भी चाबहार को लेकर कोई नकारात्मक दृष्टिकोण नहीं रखा। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने कई बार चाबहार की योग्यता की सराहना की है।