मिस्र ने ग़ज़्ज़ा के बाद अब रफह में इस्राईल के क़त्ले आम के बाद ज़ायोनी शासन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय का रुख करने का निर्णय किया है जिस पर मिस्र की विश्वविख्यात यूनिवर्सिटी अल अज़हर ने ख़ुशी जताते हुए इसे सार्थक क़दम बताया है।
रफह में ज़ायोनी सेना के क़त्ले आम और रफह क्रासिंग के बंद रहने पर मिस्र ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दक्षिण अफ्रीका के केस में समर्थन करने का ऐलान किया है।
हालाँकि मिस्र के अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि रफह में ज़ायोनी सेना का बड़ा अभियान ज़ायोनी शासन के साथ उसके दीर्घकालिक समझौतों और सुरक्षा सहयोग की भूमिका पर फिर से विचार करने को मजबूर करेगा।