रफह में ज़ायोनी सेना की ओर से मचाए जा रहे क़त्ले आम पर विश्व समुदाय में भारी रोष है। भारत ने भी रफह में ज़ायोनी सेना के हाथों हो रहे क़त्ले आम पर गंभीर चिंता जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के सम्मान की मांग की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘रफाह में विस्थापन कैंपों में हो रही दिल दहलाने वाले मौतें गहरी चिंता का मसला है। भारत ने हमेशा मासूम नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के सम्मान की अपील की है। इस्राइली पक्ष ने पहले ही इसे एक दुखद घटना के तौर पर माना है और घटना की जांच का ऐलान भी किया है।’ बीते दिनों रफाह में एक कैंप पर हमलों में बच्चों समेत 45 लोगों की मौत हो गई थी।
स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड के फलस्तीन को मान्यता देने के रुख पर जायसवाल ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, भारत 1980 के दशक में फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने वाले पहले देशों की लिस्ट में से एक था। भारत लंबे समय से ‘टू स्टेट’ समाधान का समर्थन करता रहा है। हम मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक संप्रभु और स्वतंत्र फलस्तिन राज्य बनाए जाने की वकालत करते रहे हैं।’