उत्तर भारत में भारी वर्षा का क़हर, 70 की मौत

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उत्तर भारत में भारी वर्षा का क़हर, 70 की मौतबारिश उत्तर भारत के कई इलाक़ो में मॉनसून की भारी वर्षा से बड़े पैमाने पर जानी व माली नुक़सान हुआ है।

पूरे उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 70 लोगों के मारे जाने के समाचार हैं, आशंका है कि मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि अभी भी कई लोग लापता हैं और कई इलाक़ों में हज़ारों लोग फंसे हुए हैं।

सेना, बीएसएफ़ और आइटीबीपी के अधिकारी राहत कार्यों में लगे हैं लेकिन मौसम की ख़राबी और लगातार हो रही बारिश की वजह से बचाव के काम में मुश्किलें पैदा हो रही हैं।

भारी बारिश और बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में देखा जा रहा है।

उत्तराखंड के आपदा विभाग के निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि रामबाड़ा में पुलिस स्टेशन भी खाली करा लिया गया था और वहां से अब भी संचार संपर्क कटा हुआ है। वहां दो पुलिसकर्मियों की भी मौत की ख़बर है।

उत्तरकाशी में भारी तबाही के बाद भागीरथी का जलस्तर कुछ कम हुआ है लेकिन ऋषीकेश और हरिद्वार के मैदानी इलाक़ों में गंगा ख़तरे के निशान से काफ़ी ऊपर उफ़न रही है।

उत्तराखंड के मौसम विभाग के निदेशक आनन्द शर्मा के अनुसार अब आनेवाले दिनों में बारिश का ज़ोर कुछ कम हो जाएगा। हांलाकि मॉनसून का असर बाक़ी रहेगा।

पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश को भी अपना निशाना बनाया जहां अब तक 10 लोग मारे गए हैं।

सबसे ज़्यादा तबाही का मंज़र आदिवासी किन्नौर ज़िले में देखा गया जहां भूस्खलन के कारण कई अहम सड़कें जाम हो गईं हैं. लगभग 1700 पर्यटक और स्थानीय लोग अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं।

उधर सांगला घाटी में 60 घंटों तक फंसे रहने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मंगलवार की सुबह सुरक्षित निकाल लिया गया।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 23 जून को होने वाले मंडी लोकसभा उपचुनाव के लिए वहां प्रचार करने के लिए गए थे।

उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ का क़हर जारी है जहां विभिन्न घटनाओं में 15 लोगों के मारे जाने की ख़बर है। उत्तराखंड में हुई भारी बारिश के कारण निकटवर्ती उत्तर प्रदेश के सहारनपूर ज़िले में बाढ़ आ गई।

राज्य के क़ानून व्यवस्था के पुलिस महानिरीक्षक आरके विश्वकर्मा के अनुसार 45 लोग बाढ़ में फंसे हुए थे जिन्हें वायुसेना की मदद से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।

हरियाणा में यमुना का जलस्तर काफ़ी बढ़ गया है जिसके कारण यमुनानगर समेत कई इलाक़ों में बाढ़ आ गई है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से करनाल, पानीपत और सोनीपत में चेतावनी जारी कर दी गई है।

राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव कृष्ण मोहन के अनुसार यमुनानगर में रविवार सुबह से फंसे 52 लोगों को सेना और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल की मदद से बचा लिया गया है।

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