सीरिया के मुफ़्ती शैख़ बदरूद्दीन हस्सून ने कहा है कि अमरीका ने इराक़ युद्ध के दौरान सीरिया को सुझाव दिया था कि वह फ़िलिस्तीनियों का समर्थन छोड़ दे किन्तु राष्ट्रपति बश्शार असद ने अमरीकी सुझाव को रद्द कर दिया था और सीरिया एक मात्र अरब देश है जो इस्राईल के मुक़ाबले में डटा हुआ है।
उन्होंने अलमनार टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति बश्शार असद से अमरीकी सुझाव को रद्द करते हुए कहा था कि पचास लाख फ़िलिस्तीनी विस्थापित हैं और जब तक वह अपने घरों को नहीं लौट जाते तब तक फ़िलिस्तीनियों का समर्थन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सीरिया एकमात्र अरब देश है जो इस्राईल के मुक़ाबले में डटा हुआ है। उन्होंने कहा कि सीरिया की सरकार ने अमरीका से स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि सीरिया, फ़िलिस्तीन में रहने वाले यहूदियों के विरुद्ध नहीं है बल्कि उन लोगों के विरुद्ध है जो दूसरे देशों से लाकर बसाए गये हैं और जिनके कारण फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों से बेघर किया गया है। सीरिया के मुफ़्ती ने कहा कि सीरिया ने फ़िलिस्तीनी संगठन हमास की बड़ी सहायता की है और हमास को सीरिया की इन सहायताओं को भूलना नहीं चाहिए। उनका कहना था कि आज सीरिया संकट को दो वर्ष हो रहे हैं और आज भी अमरीका का वही सुझाव है कि सीरिया, हमास और प्रतिरोध का समर्थन बंद कर दे तो सीरिया में जारी युद्ध समाप्त हो जाएगा। उनका कहना था कि सीरिया में लड़ने वाले आतंकवादी अमरीका और ज़ायोनी शासन के पिट्ठु हैं।