प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने पीड़ित फ़िलस्तीनी लोगों के हक़ में नारे लगाए और कहा कि ग़ाज़ा एक कैदखाने में तब्दील हो चुका है उन्होंने बैनर प्लेकार्ड और झंडे उठा रखे थे और फ़िलस्तीन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए गुब्बारे छोड़े।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की महिलाओं ने ग़ाज़ा के मज़लूमों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा है कि फिलिस्तीन की रक्षा हमारी साझा ज़िम्मेदारी है।
इस बात का इज़हार जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के महिला विंग की डिप्टी सेक्रेटरी जनरल समीना सईद ने जेआई यूथ वीमेन लाहौर के तहत आयोजित एकजुटता फिलिस्तीन रैली के दौरान किया।
उन्होंने ग़ाज़ा की जनता के धैर्य और बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि मुस्लिम शासकों की चुप्पी, उम्मत-ए-मुस्लिम की एकता पर सवाल उठाती है।
पंजाब की नाज़िमा नाज़िया तौहीद ने कहा कि लाहौर की बेटियां ख़ास तौर पर युवा, ग़ज़ा के मज़लूम मुसलमानों के दु:ख से व्यथित हैं उनका कहना था कि ग़ज़ा में मुसलमानों की स्थिति से बड़ा कोई मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है।
लाहौर की नाज़िमा उज़मा इमरान ने कहा कि पाकिस्तानी महिलाओं ने हमेशा फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन किया है और आज भी उनके दिल फिलिस्तीनियों के लिए बेचैन हैं उन्होंने यह भी कहा कि हमें मिलकर फिलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने पीड़ित फ़लस्तीनी लोगों के हक़ में नारे लगाए और कहा कि ग़ज़ा एक कैदखाने में बदल चुका है उन्होंने बैनर प्लेकार्ड और झंडे उठा रखे थे और फ़लस्तीन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए गुब्बारे छोड़े।
यह रैली लाहौर में माताओं बहनों और बेटियों की भरपूर भागीदारी के साथ आयोजित की गई, जहां उन्होंने 20 मीटर लंबा फिलिस्तीनी झंडा थामे रखा और अपने अधिकारों के समर्थन में एकजुट आ