ज़ायोनी हमलों में पूरी तरह खंडहर बन चुके ग़ज़्ज़ा में कोई मस्जिद, अस्पताल और स्कूल भी सुरक्षित नहीं रहा। ऐसे में बच्चे खंडहर बन चुके स्कूलों में ही पढ़ने के लिए मजबूर हैं।