25 ज़ायोनी क़स्बों को ख़ाली करने हेतु हिज़्बुल्लाह की अभूतपूर्व मांग

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25 ज़ायोनी क़स्बों को ख़ाली करने हेतु हिज़्बुल्लाह की अभूतपूर्व मांग

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने 25 अतिग्रहित क़स्बों में रहने वाले ज़ायोनियों से मांग की है कि वे इन क़स्बों को ख़ाली कर दें।

हिज़्बुल्लाह ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि वह 25 अतिग्रहित क़स्बों में रहने वाले ज़ायोनियों का आह्वान करता है कि वे इन क़स्बों को ख़ाली कर दें क्योंकि ये क़स्बे दुश्मन सैनिकों के इकट्ठा होने के स्थान में बदल गये हैं।

हिज़्बुल्लाह ने कहा है कि यह 25 क़स्बे प्रतिरोध के हवाई और प्रक्षेपास्त्रिक वैध लक्ष्यों में परिवर्तित हो गये हैं।

उल्लेखनीय है कि ज़ायोनी सरकार के लेबनान पर ज़मीनी हमलों के जवाब में इन हमलों के जवाब में हिज़्बुल्लाह ने 70 से अधिक ज़ायोनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है और 600 से अधिक सैनिकों व अफ़सरों को घायल कर दिया है।

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के जियालों ने ज़ायोनी सैनिकों से लड़ाई में 28 मिर्कावा टैंकों, 4 बुल्डोज़रों, एक बक्तरबंद वाहन, तीन हेर्मस 450 और एक हेर्मस 900 ड्रोनों को ध्वस्त कर दिया। 

ज़ायोनी सैनिकों से ज़मीनी लड़ाई में हिज़्बुल्लाह को मिलने वाली सफ़लता इस बात का कारण बनी है कि हिज़्बुल्लाह अपने मिसाइली हमलों में अधिक से अधिक ज़ायोनी क़स्बों पर हमले कर सकता है। इसी परिप्रेक्ष्य में हिज़्बुल्लाह ने अपने मिसाइलों की रेन्ज बढ़ा दी है और तेलअवीव से दूर के क्षेत्रों को भी अपने मिसाइलों से लक्ष्य बना रहा है।

 यह उस हालत में है जब इससे पहले भी हिज़्बुल्लाह ने अतिग्रहित उत्तरी फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी सैनिकों के लिए हालात को बहुत कठिन बना दिया था और उसकी जवाबी कार्यवाहियां लेबनान की सीमा के निकट रहने वाले ज़ायोनियों के बेघर होने का कारण बनीं थीं। 

कुछ आंकड़े इस बात के सूचक हैं कि लेबनान की सीमा के निकट रहने वाले लगभग 70 प्रतिशत ज़ायोनी इन क्षेत्रों से निकल गये हैं। इस आधार पर कुछ ज़ायोनी क़स्बों के ख़ाली करने पर आधारित हिज़्बुल्लाह की मांग अभूतपूर्व है।

हिज़्बुल्लाह द्वारा ज़ायोनी क़स्बों के ख़ाली करने पर आधारित मांग इस बात की सूचक है कि हिज़्बुल्लाह अतिग्रहित ज़ायोनियों के 25 क़स्बों में अपने हमलों में वृद्धि करने का इरादा रखता है।

अपेक्षा इस बात की है कि ज़ायोनियों के अतिग्रहित क़स्बों में हिज़्बुल्लाह द्वारा हमलों में वृद्धि के बाद इन क़स्बों से और अधिक संख्या में ज़ायोनी दूसरे क्षेत्रों में विस्थापित होंगे। 

हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और उसके वरिष्ठ कमांडरों की शहादत के बाद ज़मीन और आसमान में कामयाबी हासिल करने के लिए हिज़्बुल्लाह का मनोबल बहुत ऊंचा हो गया है।

ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू के आवास पर हवाई हमला और इसी प्रकार गोलानी ब्रिगेड के ठिकाने पर हमला हालिया सप्ताह में हिज़्बुल्लाह को मिलने वाली कामयाबी के महत्वपूर्ण नमूने हैं।

हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह को शहीद किये जाने के बाद ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में नवीन व्यवस्था की बात की थी परंतु ज़मीन पर व्यापक युद्ध आरंभ हो जाने के बाद ज़ायोनी सैनिक प्रतिरोध के शूरवीरों से मुक़ाबले में नाकाम हो गये हैं।

 

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