इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर हज़रत
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने यह उम्मीद ज़ाहिर की है कि सीरिया के बारे में
अमरीका का ताज़ा रवैया गंभीरता पर आधारित होगा, मक्कारी से ख़ाली होगा,
अकारण व ग़लत व्यवहार से वास्तविकता की ओर
वापसी पर आधारित होगा।
सुप्रीम लीडर ने बुधवार को हज कमेटी के सदस्यों
से मुलाक़ात में सीरिया की स्थिति और क्षेत्र में जंग की आग भड़काने के लिए अमरीकी
धमकियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह लोग अपने तथाकथित राष्ट्रीय हित के लिए जो
वास्तव में ज़ायोनियों और बड़े बड़े पूंजीवादियों के हित हैं,
जंग की आग भड़काने और अन्य राष्ट्रों व देशों
के हितों को रौंदने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर
ने इस्लामी जगत और क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और धार्मिक आधारों पर मुसलमानों को
आपस में लड़ाने के दुश्मनों के प्रयासों का विवरण देते हुए कहा कि हज इस्लामी समाज
के लिए राजनैतिक, सांस्कृतिक व अध्यात्मिक संप्रभुता का कारण है।
उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि वास्तविक हज के लिए एक आवश्यक बात यह है कि इस
महान ईश्वरीय दायित्व के दौरान मुसलमानों का रवैया एक दूसरे के साथ बहुत ही
मैत्रीपूर्ण हो, कहा कि हज के दिनों में टकराव से दूसरी का अर्थ
जिसमें पवित्र क़ुरआन में बल दिया गया है, मुसलमानों का आपस में टकराव व झगड़ा न करना है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने हज के
दिनों में झगड़ा व टकराव न करने की व्याख्या करने के संबंध में भ्रांति में ग्रस्त
कुछ लोगों के प्रयासों पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि यह तत्व अनेकेश्वरवादियों से
दूरी की ज़िम्मेदारी को निभाने के मूल आधार पर ही प्रश्न चिन्ह लगाना चाहते हैं
जबकि अनेकेश्वरवादियों से टकराव इस्लाम के मुख्य आदेशों में से है। इस्लामी इंक़ेलाब
के सुप्रीम लीडर ने धार्मिक मतभेद फैलाने और लड़ाइयों में उलझाने के लिए दुश्मनों
के षड्यंत्रों से मुसलमानों को होशियार रहने की सलाह देते हुए कहा कि इस्लाम के
शत्रु भलिभांति समझ गये हैं कि इस्लामी मतों के बीच मतभेद और विवाद,
ज़ायोनी शासन के हित में है। इस्लामी इंक़ेलाब
के सुप्रीम लीडर ने बल देकर कहा कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी और शीया धर्म के अन्य
महापुरुषों ने सदैव मुसलमानों के मध्य एकता की आवश्यकता पर बल दिया है।