भारत और पाकिस्तान में आज भरपूर श्रद्धा से आशूर मनाया गया है। भारत में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, हैदराबाद सहित अनेक शहरों, क़स्बों और गावों में आशूर के उपलक्ष्य में मजलिसें हुईं और जुलूस निकाले गए। जुलूसों में बहुत बड़ी संख्या में हज़रत इमाम हुसैन के श्रद्धालुओं ने भाग लिया और उनकी क़ुरबानी को याद किया। जुलूसों में शीया और सुन्नी मुसलमानों के साथ ही हिंदु समुदाय के लोग भी पराम्परागत रूप से शामिल हुए।
पाकिस्तान में कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, पेशावर सहित सभी शहरों और गांवों में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनकी क़ुरबानी को याद करने के लिए कार्यक्रमों के आयोजन हुए।
आशूर की मजलिसों और जुलूसों को देखते हुए कई शहरों में सुरक्षा आशंकाओं के कारण मोबाइल सेवा बंद कर दी गई है। लाहौर और कुछ शहरों में रात आठ बजे तक जबकि पेशावर तथा कुछ अन्य शहरो में रात बारह बजे तब मोबाइल सेवा बंद रखी जाएगी। जुलूसों और मजिलसों के स्थानों पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि आशूर का दिन दुख और दर्द की याद दिलाने के साथ ही असत्य पर सत्य की विजय की भी याद दिलाता है। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कहा कि कर्बला की घटना सत्य के लिए जान न्योछावर कर देने का पाठ देती है।
इसी बीच सूचना है कि पाकिस्तान के कई शहरों में आशूर के जुलूस समाप्त होना शुरू हो गए हैं और कहीं से किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है।