मिस्र का नया संविधान पारित, इख़वानुल मुसलेमीन

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मिस्र से आर रहे समाचारों के अनुसार देश के नए संविधान को जनता की

स्वीकृति मिल गई है।

सत्ताधारी इख़वानुल मुसलेमीन के एक अधिकारी ने बताया कि नए संविधान पर जनमत संग्रह के दूसरे चरण के मतदान में 71 प्रतिशत मतदाताओं ने संविधान के मसौदे के समर्थन में वोट डाले जबकि पहले और दूसरे चरण के कुल मतों के अनुसार संविधान के मसौदे को 64 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है। अधिकारी का कहना था कि यह आरंभिक परिणाम हैं किंतु इनसे जनता का रुजहान स्पष्ट हो गया है।

दूसरे चरण में देश के 17 प्रांतों में मतदान हुआ जिसमें मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि मतदान का समय शाम सात बजे समाप्त हो जाने के बाद भी केन्द्रों पर मतदाताओं की लंबी लाइनों को देखते हुए मतदान की अवधि में विस्तार करना पड़ा और रात ११ बजे मतदान की प्रक्रिया पूरी हुई।

उधर विपक्षी दल नेशनल सैलवेशन फ़्रंट के नेता तथा राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार हमदैन सबाही ने कहा कि उनका गठबंधन जनमत संग्रह के परिणाम का सम्मान करता है। क़ाहेरा में पत्रकारों से बातचीत में सबाही ने कहा कि उनका गठबंधन आगामी चुनावों में भाग लेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उचित यह था कि संविधान के मसौदे पर जनमत संग्रह कराने से पहले राजनैतिक दलों में सर्व सम्मति बना ली गई होती।

इसी बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने राष्ट्रीय संसद के ऊपरी सदन के लिए 90 उम्मीदवारों को मनोनीत किया है जिनमें अधिकांश का संबंध इस्लामी दलों से नहीं है बल्कि इनमें ईसाई तथा अन्य मतों के लोग हैं। विपक्षी दल नेशनल सैल्वेशन फ्रंट ने सदन के लिए अपना कोई भी उम्मीदवार पेश करने से इंकार कर दिया है।

उधर उप राष्ट्रपति महमूद मक्की ने शनिवार को ही जब देश में संविधान पर दूसरे चरण का मतदान हो रहा था अपने त्यागपत्र की घोषणा कर दी। मक्की ने जो एक जज हैं कहा कि राजनैतिक गतिविधियां उनके पेशे से मेल नहीं खातीं अतः वह उप राष्ट्रपति का पद छोड़ रहे हैं।

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