विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि ईरान कभी भी जेनेवा-2 सम्मेलन में भाग लेने का इच्छुक नहीं था।
मर्ज़िया अफ़ख़म ने मंगलवार को एक पत्रकार सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की ओर से ईरान को जेनेवा-2 सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिए जाने के बाद कुछ देशों की ओर से डालने जाने वाले दबाव के कारण निमंत्रण वापस लेने को खेदजनक बताया। उन्होंने कहा कि अपेक्षा यह थी कि संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आयोजित होने वाले जेनेवा-2 सम्मेलन में ईरान को भाग लेने का निमंत्रण दे कर उसे वापस लेने के वास्तविक कारणों का उल्लेख करते। अफ़ख़म ने इस प्रश्न के उत्तर में कि क्या ईरान की उपस्थिति के बिना जेनेवा-2 सम्मेलन सफल हो पाएगा? कहा कि ईरान ने सदैव ही सीरिया संकट के समाधान के लिए राजनैतिक मार्ग अपनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है और वह उन देशों में से है जो राजनैतिक मार्ग अपनाए जाने में अग्रणी रहे हैं। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने ईरान व गुट पांच धन एक की ओर से सुंक्त कार्यवाही कार्यक्रम या ज्वाइंट एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के बारे में कहा कि सोमवार को दोनों पक्षों ने इस कार्यक्रम को लागू कर दिया है और अब अगले क़दम उठाने के लिए वार्ता की अगली तारीख़ की समीक्षा की जाएगी।